जब नोवल कोरोनावायरस के कारण भारत सरकार ने अनिवार्य लॉकडाउन की घोषणा की, पंकज ने देखा कि कई ऐसे मजदूर हैं जो इस लॉकडाउन में फंस गए हैं, उनके पास ऐसी कोई जगह नहीं जहां वे जा सकें। ऐसे कितने ही मजदूर थे, जिनके लिए दो वक्त का खाना जुटाना भी मुश्किल हो गया था, क्योंकि वे अपनी आजीविका के लिए दिहाड़ी मजदूरी पर निर्भर करते हैं। पंकज ने अपने होटल परिसर के बाहर 150-200 लोगों को राशन बांटना शुरू किया। उन्होंने ओयो होटल्स एण्ड होम्स के मार्गदर्शन में ऐसा किया, जहां टीम और पंकज ने सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन करते हुए इस नेक काज में अपना योगदान दिया।
‘‘ओयो 18433 अरबन विला जयपुर’ के मालिक पंकज मेहता ने कहा, ‘‘होटल मैनेजमेन्ट पूरा करने के बाद ही मैं हॉस्पिटेलिटी उद्योग के साथ जुड़ गया। जब मैंने ओयो के साथ यह होटल शुरू किया, मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे ऐसा अवसर भी मिलेगा। पिछले कुछ महीनों में कोविड-19 ने हम सभी को प्रभावित किया है, फ्रंटलाईन योद्धाओं से लेकर मजदूरों तक, सभी पर इस महामारी का असर हुआ है।’’
ऐसे ही एक और होटल ‘ओयो 37287 होटल अजंता’ के मालिक राम गोपाल अग्रवाल ने कहा, ‘‘होटल मालिक होने का अर्थ है कि मैं इस मुश्किल समय में फ्रंटलाईन योद्धाओं की ज़रूरतों को पूरा करूं और ज़रूरतमंद लोगों को राशन मुहैया कराउं। महामारी का असर हम सभी पर पड़ा है, मैंने महसूस किया कि इस महामारी में कुछ लोग खाने के लिए भी संघर्ष कर रहे हैं। उनकी दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति को देखते हुए मैंने उन्हें राशन बांटने का फैसला लिया। ओयो टीम भी इस विचार से बेहद प्रभावित हुई और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए हमें इसके लिए मदद की। अब मैं रोज़ाना तकरीबन 500 लोगों को खाना बांट रहा हूं। मैं ग्राउण्ड टीम के प्रति आभारी हूं, जिन्होंने इस नेककाज में हमें सहयोग प्रदान किया है।’’
महामारी के कारण चारों ओर फैली नकारात्मकता के बावजूद, ऐसी कई कहानियां हैं जो हमारे दिलों को छू जाती हैं। इन कहानियों के नायक उन लोगों की मदद के लिए हाथ बढ़ा रहे हैं जो घर के भीत रहने में सक्षम नहीं हैं। पंकज और राम जैसे लोग ज़रूरतमंदों की मदद कर सकारात्मकता का प्रसार कर रहे हैं, वे इस बात का स्पष्ट उदाहरण हैं कि कैसे एक मुश्किल लड़ाई को जीता जा सकता है। मानव सहानुभुति की ये कहानियां हमें प्रेरित करती हैं कि हम एकजुट होकर कोविड-19 के खिलाफ़ लड़ाई में योगदान दें।