आतंकी संगठनों के आका अब विदेशी हसीनाओं के जरिये दम तोड़ रहे आतंकवाद को पुनर्जीवित करने में जुटे हैं। इस नायाब साजिश के तहत जम्मू-कश्मीर में अवैध रूप से घुसपैठ कर आई बांग्लादेश और म्यांमार की युवतियों का निकाह आतंकियों से करवाकर उनका इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों में किया जाना है।
योजना का पर्दाफाश रविवार को किश्तवाड़ के दच्छन क्षेत्र से एक नाबालिग सहित तीन युवतियों के पकड़े जाने से हुआ है। पुलिस ने इनको बेचने वाले तीन महिला दलालों को भी हिरासत में लिया है, जो खुद भी म्यांमार मूल की निवासी हैं। डोडा-रामबन रेंज के डीआइजी गरीब दास ने इस गिरोह का संबंध आतंकियों से होने से इन्कार नहीं किया है। उनका कहना युवतियों को यहां बेचने वाले गिरोह से पूछताछ की जा रही है। इनका यहां निकाह करवाने के पीछे क्या मकसद है, इस पहलू से भी जांच जारी है। म्यांमार मूल की जिस महिला ने स्थानीय व्यक्ति से निकाह किया है, उसको भी हिरासत में लिया गया है।
2008 में डोडा के गुंदना और 2009 में भरत इलाके में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में दो महिला आतंकी भी मारी गई थीं। सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि ये महिलाएं भी आतंकियों के लिए ओवर ग्राउंड वर्कर के रूप में काम कर रही थीं। पकड़े गए म्यांमार के नागरिकों को किश्तवाड़ पलिस ने सोमवार को मुनसिफ जज के सामने पेश किया, जहां से उन्हें सात दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। पुलिस इनका पंद्रह दिन का रिमांड चाहती थी, लेकिन न्यायाधीश ने पांच नागरिकों को सात दिन का रिमांड देने के साथ ही एक बारह वर्ष की बच्ची को बाल सुधार गृह भेज दिया।
पुलिस के साथ सभी गुप्तचर एजेंसियों ने भी इस बात की तहकीकात शुरू कर दी है कि किश्तवाड़ में म्यांमार के ऐसे कितने लोग रहे हैं। आतंकवाद ग्रस्त इस इलाके में आतंकियों को स्थानीय ओवर ग्राउंड वर्कर नहीं नहीं मिल रहे हैं। ऐसे में भुखमरी से त्रस्त बांग्लादेशी व म्यांमार के गरीब लोग उनकी झांसे में आ रहे हैं। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि आतंकी गुट इनका पूरा फायदा उठा सकते हैं।
गौरतलब है कि 2011 में हुए दिल्ली धमाके के सीधे संबंध किश्तवाड़ से रहे हैं। मुख्य आरोपी डॉ. वसीम अकरम जो कि बांग्लादेश में मेडिकल की पढ़ाई कर रहा था, वह किश्तवाड़ का ही निकला। कंधार विमान अपहरण कांड का मुख्य आरोपी मेहराजुद्दीन भी किश्तवाड़ से ही पकड़ा गया था।
एसपी भीम सेन टूटी का कहना है कि पकड़े गए लोगों पर अभी पासपोर्ट एक्ट का ही मामला दर्ज किया है। उनसे पूछताछ जारी है।
जम्मू के बड़ी ब्राह्मणा, ऊधमपुर, रामबन और बनिहाल क्षेत्र में बांग्लादेशी और म्यांमार के नागरिकों की अच्छी खासी संख्या है। वे अवैध रूप से रह रहे हैं।
