विश्व पर्यावरण दिवस: टोयोटा किर्लोस्कर मोटर ने पर्यावरण माह मनाया

बैंगलोर, 7 जून 2021: सस्टेनेबल व्यवहारों के चैम्पियन के रूप में टोयोटा किर्लोस्कर मोटर (टीकेएम) ने आज जून 2021 के दौरान पर्यावरण से जुड़ी गतिविधियों की श्रृंखला के जरिए पर्यावरण माह मनाने की घोषणा की। इसका मकसद पारिस्थितिकी को दुरुस्त करना और उसकी रक्षा करना है। इसके लिए इस साल का थीम रखा गया है, ‘इकोसिस्टम रेस्टोरेशन’ यानी पारिस्थितिकी की बहाली। यह घोषणा यूएन एनवायरमेंट प्रोग्राम (यूएनईपी) ने की है।
टीकेएम ने इस साल के थीम पर प्रकाश डालते हुए पारिस्थितिकी से संबंधित विशेष पहल की तैयारी की है ।
पर्यावरण संरक्षण टोयोटा की संस्कृति से जुड़ा हुआ है। अपने दर्शन, दूरदृष्टि और मार्गदर्शक सिद्धांतों से टोयोटा में हम अपने निर्माण परिचालन और प्रकृति के बीच सद्भाव हासिल करने पर केंद्रित हैं। वास्तविक परिवर्तन लाने के लिए हम दृढ़ता से मानते हैं कि समाज / स्टेक धारकों की भागीदारी की अहम भूमिका होती है।
पर्यावरण माह के भाग के रूप में टीकेएम एक अभिनव पहल की शुरुआत कर रहा है। इसे ‘इको-लाइफस्टाइल’ कहा जाएगा और इसमें व्यवहार संबंधी बदलाव लाने पर फोकस रहेगा। इसके लिए भिन्न स्टेकधारकों को प्रेरित किया जाएगा कि वे अपने दैनिक जीवन में पर्यावरण और पारिस्थितिकी के अनुकूल आदतों को शामिल करें। इनमें कर्मचारी, आपूर्तिकर्ता, डीलर्स और लॉजिस्टिक साझेदार सब शामिल होंगे। ऐसे दैनिक इको प्रैक्टिस में सामान्य उपाय शामिल होंगे। जैसे दोबारा उपयोग की जा सकने वाली पानी की बोतलों का उपयोग करना, राशन लाने के लिए थैलों का उपयोग करना, कॉफी पीने के लिए मग का उपयोग करना और एक बार उपयोग किए जाने वाले प्लास्टिक के बर्तन, बोतल और पैकिंग सामानों से बचना तथा ग्रीन मोबिलिटी समाधानों का उपयोग करना। इस पहल का मकसद व्यक्तियों को यह समझने में मदद करना है कि व्यक्ति अपने जीवन में एक मामूली सा परिवर्तन अपना ले तो कैसे पर्यावरण पर बड़ा सकारात्मक असर पड़ सकता है।
पर्यावरण से संबंधित महत्वपूर्ण मामलों में जागरूकता पैदा करने की दिशा में टीकेएम वेबिनार, इको लाइफस्टाइल कैमपेन, वनीकरण और क्लीनप ड्राइव का उपयोग करता है। इसके अलावा, इकोजोन के वर्चुअल दौरे आयोजित किए जाते हैं, टीकेएम के सर्वश्रेष्ठ इको व्यवहारों को साझा किया जाता है और सभी स्टेकधारकों को जोड़ा जाता है। इन पहल के जरिए टीकेएम का इरादा संबद्ध उद्योग / स्टेकधारक के पर्यावरण प्रदर्शन को बेहतर करना है और लोगों में व्यवहार संबंधी परिवर्तन लाना है।
पर्यावरण महीने के दौरान अन्य विशेष गतिविधि है, इको टिप्स को बढ़ा देना। इसका लक्ष्य है कार्बन डायऑक्साइड का उत्सर्जन कम करना और एक बार उपयोग किए जाने वाले प्लास्टिक की खबर शून्य कर देना। इसके लिए सोशल मीडिया मंचों का उपयोग किया जाएगा। कर्मचारियों, डीलर्स और आपूर्तिकर्ताओं को आमंत्रित किया जाएगा कि वे पारिस्थितिकी से जुड़े अपने आईडिया साझा करें। सूचनाप्रद जानकारियों और अंतरसक्रिय अभ्यास की ऐसी श्रृंखला के जरिए हम समाज को पर्यावरण संरक्षण की अपनी लड़ाई में सक्रियता से और उत्साहपूर्वक शामिल होने के लिए प्रेरित करने की उम्मीद करते हैं

पर्यावरणीय चुनौती 2050 से गाइडेड ‘इकोजोन’ (टीकेएम प्लांट परिसर के अंदर स्थापित) एक आउटडोर एनवायरमेंट लर्निंग सेंटर है और इसे खासतौर से डिजाइन किया गया है ताकि स्टेक धारकों को प्रायोगिक ज्ञान मुहैया करवाया जा सके। 25 एकड़ से ज्यादा में फैले इकोजोन में 17 थीम पार्क हैं (कुछ के नाम हैं – वैल्यू थीम पार्क 3आर कवर करता है, मेडिसिनल गार्डन, प्राकृतिक संसाधनों / ऊर्जा का संरक्षण, इवोल्यूशन टाइमलाइन, जलवायु परिवर्तन आदि) जो जल, अपशिष्ट, जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता, ऊर्जा के साथ 500 किलो वाट के सोलर पार्क और 51,000 घन मीटर के वर्षा जल संरक्षण तालाब जैसे पांच मोड्यूल का प्रतिनिधित्व करता है। यह पारिस्थिति से संबंधित एक प्रयास है ताकि प्रकृति से जुड़ने के अहम तत्वों से परिचय हो सके और इसके लिए नेटिव इकोसिस्टम, वर्किंग मॉडल, ऑडियो विजुअल और अन्य संवेदनात्मक अनुभव तैयार किए जा सकें। इनमें हाथ के हाथ किए जाने वाले प्रयोग तथा गतिविधियां शामिल हैं।

उपरोक्त उपायों के अलावा एक महत्वपूर्ण पहल टोयोटा इकोजोन में नया विकसित भूमिगत इकोलॉजी थीम पार्क है। यह बिडाडी, कर्नाटक में टीकेएम के परिसर में है। इस इकोलॉजी थीम पार्क में भिन्न प्रजातियों के लिए भिन्न किस्म के घर हैं। यह जमीन के नीचे रहने वाले जीव-जंतुओं के लिए है और इनका फायदा भूमि की उर्वरता के रूप में मिलता है। थीम पार्क में जमीन के नीचे बनी संरचना में रहने वाली भिन्न प्रजातियों को प्रदर्शित किया गया है ये मिट्टी के पोषण चक्र में योगदान करती है और हमारी पूरी पृथ्वी की पारिस्थितिकी की योजना में अजैव और जैव तत्वों के योगदान पर प्रकाश पड़ता है।

पर्यावरण माह की गतिविधियों का मकसद बताते हुए टीकेएम के डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर, श्री राजू बी केटकले ने कहा, “पारिस्थितिकी से संबंधित हमारी पहल की योजना सोच-समझकर बनाई गई है ताकि प्रबंधन की हमारी क्षमता से ज्यादा हो। इसका मकसद शून्य सीओटू, वाटर पॉजिटिव और सर्कुलर इकनोमी की अवधारणाओं को हासिल करना है जिसका अंतिम मकसद पारिस्थितिकीय निरंतरता हासिल करना है। हमलोगों ने हरित ऊर्जा की अपनी खपत बढ़ाकर 94% कर दी है और इस तरह 2014 से सीओटू (कार्बन डायऑक्साइड) का उत्सर्जन 2,41,000 टन कम किया है। अपनी निर्माण इकाई में हम ताजे पानी की खपत 90% कम कर पाए हैं और यहां जो कूड़ा तैयार होता है उसमें से 96% का दोबारा उपयोग किया जा सकता है।

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