आखिर वही हुआ जिसका डर था। एक दिन पहले हुए ऑपरेशन के बाद गैंगरेप पीड़ित युवती के शरीर व खून में संक्रमण और प्लेटलेट्स में भारी गिरावट के चलते उसके शरीर के आंतरिक हिस्सों में ब्लीडिंग हुई है। इससे अब युवती की हालत पहले से भी ज्यादा खराब हो गई है। डॉक्टर ब्लीडिंग को बेहद गंभीर मान रहे हैं।
पीड़ित युवती का इलाज कर रहे डॉक्टरों की मानें तो ब्लीडिंग होना बेहद खतरनाक संकेत है। पीड़ित युवती आठ दिन से सफदरजंग अस्पताल के आइसीयू में मौत से लड़ रही है। शनिवार को वेंटिलेटर से हटाए जाने के बाद सुधार की उम्मीद बढ़ी थी, लेकिन अब एक बार फिर उसकी हालत बिगड़ती जा रही है। अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बीडी अथानी ने बताया कि रविवार को सर्जरी हुई, उस रात आठ बजे के बाद उसकी तबियत बिगड़ने लगी।
शरीर व खून में संक्रमण व प्लेटलेट्स गिरने से डिसेमिनेटेड इंट्रावेस्कुलर कोगुलेशन की शिकायत शुरू हो गई है। इससे पीड़ित युवती के आंतरिक हिस्से में रक्तस्राव हुआ। जैसा कि प्लेटलेट्स गिरने के कारण पहले से यह आशंका थी। डाक्टर ने बताया कि रक्तस्त्राव रोकने व प्लेटलेट्स की मात्रा बढ़ाने के लिए पीड़ित युवती को फ्रेश फ्रोजेन प्लाज्मा व प्लेटलेट्स रिच प्लाज्मा चढ़ाया गया।
इसके अलावा डोनर प्लेटलेट्स (किसी से खून लेकर प्लेटलेट्स) चढ़ाया गया। इसके अलावा नसों के माध्यम से टोटल पैरेंटल न्यूट्रीशन व एंटिबायोटिक दी जा रही है। एम्स ट्रॉमा सेंटर के प्रमुख डॉ. एमसी शर्मा ने कहा कि रक्तस्त्राव का होना चिंताजनक है। हालांकि फ्रेश फ्रोजेन प्लाज्मा व प्लेटलेट्स चढ़ाने के बाद उसके खून में श्वेत रक्तकण की मात्रा 5,600 से बढ़कर 6,000 व प्लेटलेट्स की मात्रा 19 हजार से बढ़कर 70 हजार हो गई है। लेकिन बिलरूबिन की मात्रा में कल के मुकाबले कुछ कमी आई है पर विशेष सुधार नहीं हुआ है। बिलरूबिन 5.5 है।
डॉ. बीडी अथानी ने बताया कि वह वेंटिलेटर पर है और 102 से 104 डिग्री बुखार भी है। स्वास्थ में उतार-चढ़ाव के बावजूद वह होश में है और बात भी कर रही है।