दिल्ली में चलती बस में गैंगरेप मामले पर भाजपा के शीर्ष नेता लालकृष्ण आडवाणी के नेतृत्व में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति से मुलाकात कर विशेष सत्र बुलाने की मांग की हैं। वहीं, इस मामले में दो एसीपी को निलंबित किया गया है जबकि दो डीसीपी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया हैं।
इस मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक अदालत में तीन जनवरी से शुरू होगी। सोमवार देर शाम भाजपा के शीर्ष नेता लालकृष्ण आडवाणी, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली और भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी इस मामले पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मिलने पहुंचे और संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की।
इसी बीच फिजियोथेरेपिस्ट युवती के साथ दरिंदगी दिखाने वाले आरोपियों के खिलाफ सड़कों पर उमड़ रहे जन सैलाब का असर दिखने लगने लगा है। इस मामले में आठ कांस्टेबल को निलंबित कर पल्ला झाड़ लेने वाली दिल्ली पुलिस के दो सहायक पुलिस आयुक्त [एसीपी] को निलंबित कर दो पुलिस उपायुक्तों [डीसीपी] को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। उपराज्यपाल तेजेन्द्र खन्ना ने सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी।
विदेश दौरा बीच में छोड़कर दिल्ली लौटे खन्ना ने इस घटना के मद्देनजर आनन-फानन में कई बैठकें कीं। खन्ना ने बताया कि ड्यूटी में लापरवाही बरतने पर [एसीपी ट्रैफिक] मोहन सिंह डबास और एसीपी [पीसीआर] यादराम को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है, जबकि डीसीपी [ट्रैफिक] प्रेमनाथ व डीसीपी [पीसीआर] सतबीर कटारिया को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया है। जवाब आने के बाद इनके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
इस मामले में एक हफ्ते के अंदर साकेत कोर्ट में आरोपपत्र दाखिल कर दिया जाएगा। आरोपपत्र दाखिल होते ही रोजाना फास्ट ट्रैक, सेशन कोर्ट साकेत में केस पर सुनवाई शुरू हो जाएगी। सरकार व दिल्ली हाई कोर्ट के निर्देश पर त्वरित सुनवाई करने का फैसला लिया गया है, ताकि सभी छह आरोपियों को जल्द से जल्द सजा दिलाई जा सके।
दिल्ली सामूहिक दुष्कर्म मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक अदालत में तीन जनवरी से शुरू होगी। दिल्ली हाई कोर्ट ने इस बाबत राज्य सरकार को आदेश जारी किया है। आगामी तीन जनवरी से दुष्कर्म मामले की सुनवाई बिना किसी रुकावट के प्रतिदिन होगी।
एक समाचार चैनल के रिपोर्ट के अनुसार के इसके साथ ही दिल्ली के अन्य सभी बलात्कार मामलों की सुनवाई भी फास्ट ट्रैक कोर्ट में होगी। वहीं, गृहमंत्रालय के अनुसार इस तरह के मामलों के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाए जाएंगे। इतना ही नहीं बलात्कार के मामलों की सुनवाई बिना किसी रुकावट के प्रत्येक दिन होगी। इसके बाद पूरे देश में इस प्रक्रिया को लागू किया जाएगा।
इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा था कि सरकार इस मुद्दे पर बेहद गंभीर है। हमने आरोपियों को तुरंत पकड़ा और इस मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में होगी।