समझौता एक्सप्रेस बम विस्फोट मामले के आरोपी ने मंगलवार को एक नया खुलासा किया है। उसने यह कबूल किया है कि संसद हमले में कथित रूप से शामिल प्रोफेसर एसएआर जिलानी पर हमले में भी वह शामिल था।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी [एनआइए] की हिरासत में चल रहे समझौता एक्सप्रेस विस्फोट कांड के आरोपी राजेंद्र चौधरी ने जांचकर्ताओं को बताया है कि वह और अजमेर दरगाह और मक्का मस्जिद बम विस्फोट के आरोपी लोकेश शर्मा ने मिलकर दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एसएआर जिलानी को गोली मारी थी। उसने बताया कि 8 फरवरी 2005 को वसंत विहार इलाके में जब जिलानी अपने वकील से मिलने गए थे तब उन्होंने गोली मारी। इस हमले में जिलानी गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इसके साथ ही चौधरी ने कबूल किया कि आरएसएस प्रचारक सुनील जोशी के कहने पर यह हमला किया गया था। वे दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा जिलानी को संसद हमले से बरी किए जाने के बाद 2003 से ही हमले की योजना बना रहे थे।
इस बीच जिलानी ने कहा है कि दिल्ली पुलिस ने हमले के बाद उनसे कभी संपर्क नहीं किया। उन्होंने कभी नहीं बताया कि संदिग्ध कौन थे। मेरे परिवार को भी परेशान किया गया। पुलिस ने मेरी कार और लेपटॉप भी जब्त कर लिया। गौरतलब है कि घटना के कई वर्ष बीत जाने के बावजूद इस बात का पता नहीं लगा पाई थी कि इसके पीछे किसका हाथ था।
एनआइए ने चौधरी के कबूलनामे को लेकर दिल्ली पुलिस को सूचित किया है। पुलिस अब अजमेर धमाके को लेकर जयपुर जेल में बंद लोकेश शर्मा की हिरासत पाने के प्रयास में जुट गई है।
चौधरी के अनुसार, जोशी और अन्य साथी जिलानी के हाई कोर्ट से बड़ी होने के कारण काफी गुस्से में थे। इसलिए उसकी हत्या की योजना बनाई गई। चौधरी ने शर्मा ने जिलानी की गतिविधियों की जानकारी के लिए कई बार दिल्ली का दौरा किया। हमले के बाद वे दोनों दिल्ली से बाहर निकलने में सफल रहे।
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