सिपाही की मौत ने बदला माहौल

गैंगरेप के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान रविवार को पुलिस-पब्लिक में भिड़ंत के वक्त इंडिया गेट पर बेहोश पाए गए दिल्ली पुलिस के कांस्टेबल सुभाष चंद तोमर की मंगलवार को मौत हो गई। इससे राजधानी का माहौल थोड़ा सा बदला दिखा। हालांकि जंतर-मंतर सहित अन्य जगहों पर प्रदर्शनकारी शांतिपूर्ण तरीके से विरोध जताते रहे। प्रदर्शनकारियों ने सिपाही की मौत पर अफसोस जताते हुए कहा, उनका आंदोलन जायज है और उनकी आवाज सुनी जाए।

छुट्टी के कारण दिल्ली के ज्यादातर सरकारी व निजी संस्थान बंद रहे। इससे सड़कों पर जाम के हालात नहीं बने। शाम होते-होते बंद कराए गए सभी नौ मेट्रो स्टेशन खोल दिए गए। सिपाही की मौत पर पुलिस आयुक्त नीरज कुमार ने दावा किया कि पेट, छाती और गर्दन पर चोट लगने से उसकी मौत हुई है, जबकि राम मनोहर लोहिया अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. टीएस सिद्धू का कहना है कि सदमे की वजह से सिपाही को हार्ट अटैक पड़ा था। 46 वर्षीय तोमर का अंतिम संस्कार पुलिस सम्मान के साथ निगमबोध घाट पर कर किया गया। घाट पर पत्‍‌नी, बेटी और मां का रो-रोकर बुरा हाल था। इस अवसर पर केंद्रीय गृह राच्यमंत्री आरपीएन सिंह, गृह सचिव आरके सिंह, मुख्यमंत्री शीला दीक्षित तथा दिल्ली पुलिस आयुक्त समेत तमाम बड़े पुलिस अधिकारी उपस्थित थे। नीरज कुमार ने पीड़ित परिवार को कई तरह की आर्थिक मदद देने की घोषणा की है। अमिताभ बच्चन ने कम्यूनिटी लीडरशिप अवार्ड के तहत मिली ढाई लाख की राशि तोमर के परिजनों को दान देने की घोषणा की है। सिपाही की मौत पर गैंगरेप की शिकार पीड़िता के पिता समेत अन्य अनेक लोगों ने दुख व्यक्त किया है। पीड़िता की हालत में कोई उल्लेखनीय सुधार नहीं दिखा। डाक्टरों के अनुसार उसकी हालत पल-पल बदल रही है।

error: Content is protected !!