भारतीय इलेक्ट्रिक स्कूटर उद्योग ने 2014 से निरंतर बढ़ोतरी के संकेत दिए हैं विशेष रूप से 2019 में हुई 152,000 इलेक्ट्रिक स्कूटर और मोटरसाइकिलों की उत्साहजनक बिक्री के आंकड़ों के साथ। उद्योग विशेषज्ञों के अनुसार भारतीय इलेक्ट्रिक दोपहिया बाजार में 2014 के बाद से साल दर साल 20.6% की वृद्धि हुई है जो अपने आप में ही एक बड़ी उपलब्धि है । मकेन्ज़ी कंपनी की हाल ही की एक रिपोर्ट के अनुसार भारतीय इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बिक्री 2025 तक 50 लाख और 2030 तक 90 लाख तक पहुंचने की उम्मीद है जो भारत के कुल दोपहिया बाजार का 25-30% का हिस्सा है।
दुनिया के 20 सबसे अधिक प्रदूषण फैलाने वाले शहरों में से 14 भारत में स्थित हैं और WHO के अनुसार विश्व में कार्बन एमिशन के लिए भारत 6% का ज़िम्मेदार है। पर्यावरण में बढ़ते प्रदूषण और पेट्रोल-डीज़ल की बढ़ती कीमतें भारत के लिए इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों को प्रोत्साहन देने के कुछ पर्याप्त कारण हैं। यह न तो केवल पर्यावरण संरक्षण की ओर भारत की एक बड़ी पहल होगी बल्कि उपभोक्ताओं के लिए एक किफायती और सुरक्षित सवारी का विकल्प भी होगा। व्रोली ई-स्कूटर्स के संस्थापक-निदेशक, अंकित अग्रवाल ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा “भले ही सरकार, कर छूट, खरीद छूट और उपभोक्ता के लिए वित्तीय प्रोत्साहन के माध्यम से ई-व्हीकल्स की बिक्री को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है फिर भी बुनियादी ढांचे और परिचालन के क्षेत्र में बहुत कुछ करने की आवश्यकता है | उदाहरण के तौर पर चार्जिंग स्टेशन स्थापित करना या अत्यधिक भीड़भाड़ वाले मेट्रो शहरों में चार्जिंग पॉइंट्स की सुविधा उपलब्ध कराना, इलेक्ट्रिक वाहनों के लाभ के बारे में जागरूकता फैलाना और डिवाइस को चार्ज करने के बारे में जानकारी देना।”
व्रोली इ-स्कूटर्स भारतीय इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स उद्योग के क्षितिज पर एक उभरता हुआ सितारा है। व्रोली इ-स्कूटर्स अप्रैल 2022 में अपने इ-स्कूटर्स को बाजार में लॉन्च करने जा रहे हैं। व्रोली इ-स्कूटर्स, अंकित अग्रवाल, शुभम बंसल, संदीप गोयल और स्वाति अग्रवाल का व्यापारिक उद्यम है। इसके सभी संस्थापक अपने साथ कई सालों का व्यापक ज्ञान और अनुभव लाए हैं जो चार विभिन्न क्षेत्रों से सम्बन्ध रखते हैं और दशकों की तकनीकी विशेषज्ञता के साथ एक मज़बूत संगठन की स्थापना कर रहे हैं । “व्रोली इ-स्कूटर्स की स्थापना भारत के अविकसित इलेक्ट्रिक स्कूटर बाजार में एक नयी क्रांति लाने के लक्ष्य से की गयी है। पेट्रोल और डीज़ल की आसमान छूती कीमतें, सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण आदि कुछ ऐसे कारण हैं जिन्होंने व्रोली इ-स्कूटर्स का निर्माण करने के लिए हमें प्रेरित किया। हम भारतीय इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर उपभोक्ता को अद्वितीय लाभ और वास्तविक ई-स्कूटर की सवारी का आनंद देना चाहते हैं ” श्री संदीप गोयल जी, सह संस्थापक और निदेशक, व्रोली इ-स्कूटर्स ने कहा।
व्रोली अपने इलेक्ट्रिक स्कूटर्स के तीन मॉडल मार्किट में लॉन्च करेगी – प्लेटिना, पॉश और मार्स । कार्बन-एमिशन रहित, पर्यावरण अनुकूलित और एक किफायती इलेक्ट्रिक सवारी जैसी आम विशेषताओं के साथ, व्रोली इ-स्कूटर्स रिवर्स मोड, एंटी-थेफ्ट सेंसर, साइड-स्टैंड सेंसर, क्रूज नियंत्रण, डिजिटल मीटर,
पार्किंग सेंसर इत्यादि जैसी कई विशिष्ट सुविधाओं से भी लेस हैं जो इनके तीनों मॉडलों में उपलब्ध हैं । व्रोली ई-स्कूटर 250W से लेकर 1500W तक की मोटर द्वारा संचालित हैं। इसके साथ ही व्रोली इ-स्कूटर्स की एक ख़ास विशेषता इन्हें अन्य इलेक्ट्रिक स्कूटरों से अलग बनाती है। अत्यंत आकर्षक और प्रभावशाली डिज़ाइन के अलावा, व्रोली इलेक्ट्रिक स्कूटर्स की सबसे शक्तिशाली विशेषता इनकी बेजोड़ लिथियम-आयन बैटरी है जो अपनी श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ है और 48V और 60V के आउटपुट के साथ 3 से 4 घंटे के भीतर पूरी तरह से चार्ज हो जाती है। तीनों मॉडल एक बार चार्ज करने पर 75 – 90 किमी की दूरी तय करते हैं, जो कि मात्र 0.10 से 0.15 पैसे प्रति कि.मी. की औसत देता है। व्रोली इ-स्कूटर्स को लॉन्च अवधि के लिए विशेष रूप से पुर्जों सहित पूरे स्कूटर पर 5 साल की वारंटी यानी 3 + 2-वर्ष की विस्तारित वारंटी के साथ पेश किया गया है। व्रोली इ-स्कूटर्स का एक हाई-स्पीड वेरिएंट तैयार है जिसकी तीसरी तिमाही तक बाजार में आने की उम्मीद है।
व्रोली इ-स्कूटर्स जैसे उद्यमियों के भारतीय इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर क्षेत्र में प्रवेश से, इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के उपयोग को प्रोत्साहन मिलेगा और पेट्रोल – डीज़ल से चलने वाले दोपहिया वाहनों द्वारा पर्यावरण प्रदूषण पर अंकुश लगेगा जो कि भारत सरकार के सर्वोच्च हित में है। साथ ही, यह उपभोक्ताओं के लिए भी फायदेमंद होगा जो पेट्रोल और डीज़ल की बढ़ती कीमतों से परेशान हैं।
