आईएचसीएल ने लांच किया पथ्य – नए कल की नई राह; हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री में एक अनूठी पहल

– संवनीयता, सामाजिक प्रभाव और वृद्धि के लिए समर्पण के साथ वर्ष 2030 के लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु एक अहम कदम
नई दिल्ली, 22 मार्च 2022: भारत की सबसे बड़ी हॉस्पिटैलिटी कंपनी इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड (आईएचसीएल) ने ‘पथ्य’ के अंतर्गत अपनी संवहनीयता व सामाजिक प्रभाव उपायों को आगे बढ़ाने के लिए आज एक फ्रेमवर्क की घोषणा की। इस पहल को संस्कृत शब्द ‘पथ्य’ का नाम दिया गया है और इसमें उन सकारात्मक पहलुओं को समाहित किया गया है जो आईएचसीएल के बुनियादी मूल्य हैं- सभी स्टेकहोल्डरों का भरोसा, हमारे परिवेश की जरूरतों के इर्दगिर्द जागरुकता और हृदय में आनंद।
केन्द्रीय पर्यटन मंत्री, पूर्वोत्तर क्षेत्र की संस्कृति और विकास, भारत सरकार, श्री जी. किशन रेड्डी ने आज नई दिल्ली में पथ्य को लांच किया। इस मौके पर श्री रेड्डी ने कहा, “संवहनीय और जिम्मेदार पर्यटन ही इस उद्योग का भविष्य है और भारत सरकार ने इस दिशा में काम शुरु भी कर दिया है। सरकार और उद्योग दोनों मिलकर विचारों, समाधानों व रणनीतियों की संभावनाएं खंगाल रहे हैं ताकी पर्यावरणीय एवं सामाजिक बदलावों का सामना किया जा सके। पथ्य के समग्र दृष्टिकोण और इस उद्योग का मार्ग प्रशस्त करने के लिए मैं आईएचसीएल की सराहना करता हूं।”
इस कार्यक्रम में श्रीमती रूपिंदर बरार, अतिरिक्त डीजी, पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार भी शामिल हुईं।
आईएचसीएल की सौ साल पुरानी विरासत को आगे ले जाते हुए पथ्य एक ऐसी यात्रा होगी जिसमें पर्यावरणीय प्रबंधन, सामाजिक जिम्मेदारी, गर्वनेंस में उत्कृष्टता, विरासत का संरक्षण, मूल्य श्रृंखला रूपांतरण और सतत् वृद्धि पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा।
श्री पुनीत छटवाल, प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी, आईएचसीएल ने कहा, ’’आज, नए कल की राह तैयार करना पहले से कहीं अधिक महत्व का है – एक ऐसी राह जो पहले से ज्यादा संवहनीय और समावेशी हो। हमारा विश्वास है की यही एक ऐसा रास्ता है जो भारत को यात्रा व पर्यटन की शीर्ष अर्थव्यवस्थाआंे में से एक बनाएगा। पथ्य का लांच आईएचसीएल की प्रतिबद्धता के मुताबिक है की संवहनीय वृद्धि एवं सकारात्मक प्रभाव हेतु एकीकृत दृष्टिकोण के साथ समाज के लिए अर्थपूर्ण योगदान करना। यह हमारे संस्थापक जमशेदजी टाटा के विज़न को फिर से दोहराता है की व्यापार के हृदय में समाज को रखते हुए काम करना चाहिए।’’
आईएचसीएल ने पथ्य के तहत कई अल्पकालिक व दीर्घकालिक लक्ष्य निर्धारित किए हैं जिन्हें 2030 तक पूरा किया जाएगा। सभी होटलों में सिंगल-यूज़ प्लास्टिक के 100 प्रतिशत उन्मूलन से लेकर गंदे पानी के 100 प्रतिशत पुनः उपयोग सुनिश्चित करने तक कंपनी के 100 प्रतिशत होटल वैश्विक संवहनीयता मापदंड से प्रमाणित किए जाएंगे। सर्वश्रेष्ठ अभ्यास का प्रतिनिधित्व करते हुए 78 आईएचसीएल होटलों ने अर्थचैक प्रमाणन हासिल किए हैं जिनमें से 47 प्लेटिनम सम्मान हैं, वैश्विक पर्यटन उद्योग में यह सबसे बड़ी उपलब्धि है। इसके अलावा, ‘इनरजाइज़-ग्रीन मीटिंग्स’ की पेशकश के साथ सभी कारोबारी मुलाकातें व सम्मेलन पर्यावरण के अनुकूल होंगे, जो पर्यावरणीय प्रभाव को घटाएगा।
योग्य तथा हाशिए पर मौजूद लोगों के कौशल निर्माण और उन्हें रोजगार हेतु सक्षम बनाने की प्रतिबद्धता पर कायम रहते हुए आईएचसीएल का लक्ष्य 1,00,000 युवाओं की आजीविका पर सकारात्मक प्रभाव उत्पन्न करना है। लंबे समय से भारतीय विरासत की संरक्षक रही आईएचसीएल, यूनेस्को के साथ साझेदारी में, अपने सभी कार्यक्षेत्रों में इंटेन्जीबल कल्चरल हैरिटेज (आईएचसी) परियोजनाओं को 100 प्रतिशत अपनाएगी।

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