सोनीपत, 20 अप्रैल, 2022- स्कूल ऑफ विजुअल आर्ट्स (एसओवीए) ने वर्ल्ड् यूनिवर्सिटी ऑफ डिजाइन (डब्ल्यूयूडी) में ‘आर्ट टॉक’ का आयोजन किया। ‘आर्ट टॉक ऑन विजुअल स्टोरीटेलिंग’ विषय पर रखी गई वार्ता में शामिल हुई मुख्य हस्ती लोकप्रिय फोटो पत्रकार अतुल हुंडू थे।
इस वार्ता के जरिए समकालीन दृश्य कला परिदृश्य में काम कर रहे पेशेवरों के माध्यम से छात्रों को समय-समय पर एक नया दृष्टिकोण हासिल करने में मदद की जाती है।
इस मौके पर, कुलपति प्रोफेसर संजय गुप्ता ने मेहमानों का स्वागत करते हुए विद्यार्थियों को मोबाइल फोन के इस्तेमाल से खुद को अपग्रेड करने का और अपनी रचनात्मक जरूरतों के लिए इसे एक साधन के तौर पर इस्तेमाल करने को कहा।
उन्होंने कहा कि रचनात्मक दिमाग की अहमियत की तुलना किसी कृत्रिम बुद्धिमता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) से नहीं की जा सकती और डब्ल्यूयूडी अपने छात्रों को दृश्य कल्पनाओं के इन पहलुओं के साथ बेहतर बनाने की तमाम कोशिशें कर रही है। वहीं डीन, प्रोफेसर राजन श्रीपद फुलारी ने शिक्षण प्रणाली में अनुभवी हस्तियों से बातचीत के महत्व और उनकी भूमिकाओं की अहमियत पर बात की।
आर्ट टॉक में बड़ी संख्या में शिक्षक और छात्र शामिल हुए। फोटोग्राफी के इतिहास के साथ बात वार्ता हुई जिसमें पिनहोल, कैमरा ऑक्सक्यूरा, और आठ घंटे के एक्सपोजर समय के साथ ली गई पहली तस्वीर से लेकर आज के दौर के कैमरों पर चर्चा है, जो विषय वस्तु का पता लगाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करते हैं और स्वचालित रूप से सैचुरेशन, एक्सपोजर को अपने हिसाब से ढालते हैं. इतना ही नहीं, फिल्म और प्रारंभिक डिजिटल कैमरों के बीच में कैमरे के विकास पर भी बात की गई।
इतिहास और एक बुनियादी समझ के बाद यह सुनिश्चित करने के लिए कि हर किसी की समझ स्पष्ट है, अतुल हांडू ने दृश्य के माध्यम से कहानी कहने के बारे में बात की। उन्होंने कहा, “कृत्रिम बुद्धिमता कितनी भी तकनीकी प्रक्रियाएं शामिल कर ले लेकिन जो हम इंसान कर सकते हैं यानी विषयों को चुनना और कहानी कहना, वह नहीं कर सकती।” अपने तस्वीरों का उदाहरण देते हुए उन्होंने किस्सागोई और कहानी रचने के बारे में गहरी बातें बताई जिसे किसी भी पृष्ठभूमि का व्यक्ति समझ सकता है।
अंतिम सत्र सवाल-जवाब और छात्र के कार्यों से जुड़ा समीक्षा सत्र था, जिसके दौरान उन्होंने सीखने-सिखान के लिए अपनी बहुमूल्य प्रतिक्रिया दी। एक छोटे ग्रुप फोटो के बाद सत्र का समापन किया गया। यह जानने के लिए कि एक उत्कृष्ट तस्वीर लेने के लिए जिस तकनीक की आवश्यकता होती है, वह किसी उपकरण में महारत हासिल करने के लिए लगातार और ईमानदारी से अभ्यास करना है।
