नई दिल्ली, 5 मई 2022 : केयर्न ऑइल ऐंड गैस ने फिक्की के स्मार्ट अर्बन इनोवेशंस अवार्ड्स के तीसरे संस्करण में अपनी डिजिटल शिक्षा परियोजना ई-कक्षा के लिए ‘स्मार्ट एजुकेशन’ श्रेणी में पुरस्कार प्राप्त किया है। केयर्न, शिक्षा विभाग और मिशन ज्ञान द्वारा हस्ताक्षरित त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन के तहत विकसित ई-कक्षा कार्यक्रम देश में राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (आरबीएसई) और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के तहत राजस्थान की छठी से लेकर 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को अच्छी गुणवत्ता की निःशुल्क डिजिटल शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रयासरत है।
फिक्की के स्मार्ट अर्बन इनोवेशंस अवार्ड्स ने 29 अप्रैल 2022 को अपने तीसरे संस्करण का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का लक्ष्य उन तकनीकी प्रगतियों और नवाचारों पर जोर देना था जिसे भारत के शहर एक्स्प्लोर कर सकते हैं। साथ ही इसमें इन शहरों द्वारा झेली जाने वाली चुनौतियों और शहरी भारत में दूरदर्शी नियोजन पर भी जोर दिया गया। इस कार्यक्रम ने देश में मौजूदा स्टार्टअप पारितंत्र को मजबूत बनाने का भी प्रयास किया।
यह पुरस्कार प्राप्त करते हुए प्रचुर शाह, डिप्टी सीईओ, केयर्न ऑइल ऐंड गैस ने कहा, “ई-कक्षा समुदाय की भलाई करने की हमारी अनंत प्रतिबद्धता का प्रमाण है। ई-कक्षा महामारी से प्रभावित विद्यार्थियों के लिए एक वरदान है और यह डिजिटल तरीके से अंतर को कम करके पढा़ई की पारंपरिक चुनौतियों को हल करती है। हम एक चुनौती को अवसर में बदलने में सक्षम हुए हैं। यह पहल एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है क्योंकि शिक्षा समाज को इसकी जड़ों से मजबूत करती है। हमें उन लोगों पर गर्व है जिन्होंने इस परियोजना पर काम किया और हम उन विद्यार्थियों का शुक्रिया अदा करते हैं जिन्होंने अपनी शिक्षा जैसी महत्वपूर्ण चीज के लिए हम पर भरोसा किया।”
ई-कक्षा परियोजना का उद्देश्य कमजोर बच्चों एवं शिक्षक के अनुपात, अध्यापकों में संपूर्ण ज्ञान के अभाव, उच्च शिक्षा की कम वहनीयता और संस्थानों में पुरानी हो चुकी शिक्षण पद्धतियों जैसी पारंपरिक चुनौतियों को हल करना है। इतना ही नहीं, इसके यूट्यूब चैनल ने 11 करोड़ दर्शकों और 7 लाख दैनिक सब्सक्राइबर्स को आकर्षित किया है। इससे कार्यक्रम की विश्वसनीयता को बढ़ाने में मदद मिली है। अंग्रेजी से लेकर सामाजिक विज्ञान और गणित से लेकर विज्ञान तक, 9,000 से अधिक वीडियोज को राजस्थान स्टेट बोर्ड के लिए अपलोड किया गया है।
ई-कक्षा समुदाय की भलाई सुनिश्चित करने के लिए केयर्न के गतिशील दृष्टिकोण का एक बेहतरीन उदाहरण है। इसे राजस्थान में केयर्न के परिचालन और इसकी सीएसआर पहलों में देखा जा सकता है। ताजे पानी की जरूरतों के लिए वैकल्पिक बंदोबस्त करने, पुष्प जैवविविधता पार्क विकसित करने और पारंपरिक जलाशयों का पुनरुत्थान करने के अलावा, केयर्न ने शिक्षा एवं कौशल के क्षेत्रों में भी व्यापक योगदान किया है। ई-कक्षा और बाड़मेर में केयर्न एंटरप्राइज सेंटर के माध्यम से ऑनलाइन व्यावसायिक प्रशिक्षण ने कोविड-19 महामारी के दौरान सरकारी पहलों को काफी सहयोग दिया। इतने सालों में, केयर्न की सकारात्मक पहलें अपने परिचालन क्षेत्रों में देखने योग्य बदलाव लेकर आई हैं और फिक्की का यह स्मार्ट अर्बन इनोवेशंस अवार्ड कंपनी को अपनी सामाजिक पहुँच मजबूत करने के लिए और प्रोत्साहित करेगा।
केयर्न की सीएसआर पहलों ने हमारे परिचालन के आसपास मौजूद लोगों की जिंदगियों को समर्थन देना जारी रखा है। इनसे 6 करोड़ लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से फायदा हुआ है। केयर्न ने अपने डेरी विकास परियोजना, बागबानी पर प्रोजेक्ट बाड़मेर उन्नति, जल पर प्रोजेक्ट जीवन अमृत, प्रोजेक्ट नंदघर, मोबाइल हेल्थ वैन्स के माध्यम से और अपने परिचालन क्षेत्रों में पीएचसी एवं आधारभूत संरचना विकास को सहयोग देकर सरकारी पहलों का समर्थन किया है। केयर्न ने बंगाल की खाड़ी और अरब सागर के तटों पर 279 एकड़ में मैन्ग्रोव्स भी लगाए हैं। राजस्थान के बंजर थार में, 100 से अधिक प्रजातियों वाले फूलों का जैवविविधता उद्यान अब बाड़मेर के मंगला प्रोसेसिंग टर्मिनल के भू-परिदृश्य का अंगा है जबकि खेजरी, कुम्ता, नीम जैसे देशी पेड़ों के 1531 एकड़ की एक हरित पट्टी भी विकसित की गई है। इसी तरह, केयर्न ने बारिश के पानी को एकत्र करने एवं फसल सिंचाई में उसका इस्तेमाल करने के लिए पारंपरिक संरचनाओं का पुनरुत्थान किया है। साथ ही थार मरुस्थन के सूखे ग्रामीण क्षेत्रों में पारंपरिक नदियों के डि-सिल्टेशन (गाद निकालने) का काम किया है। केयर्न ने इन कार्यक्रमों की मदद से अपने समुदायों की भलाई करने के लिए काम करना जारी रखा है। इतने सालों में, केयर्न की सकारात्मक पहलें इसके परिचालन क्षेत्रों में देखने योग्य बदलाव लेकर आई हैं।