स्किल इंडिया ने एनडीएमसी क्षेत्राधिकार में 75,000 वर्कर्स को अपस्किल करने के लिए दिल्ली में रिकॉग्निशन ऑफ प्रायर लर्निंग (आरपीएल) कार्यक्रम शुरू किया

नई दिल्ली, अगस्त 2022 : कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई), के स्ट्रैटेजिक इम्प्लीमेन्टेशन और नॉलेज पार्टनर- राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) ने नई दिल्ली नगर परिषद (एनडीएमसी) के सहयोग से 18-45 वर्ष के आयु वर्ग के 75,000 लोगों के प्रायर स्किल्स को पहचानने और उन्हें अपस्किल करने के लिए एक परियोजना शुरू की है। इस परियोजना का उद्देश्य परिवर्तनशील जॉब मार्केट में उनकी प्रासंगिकता बढ़ाने के लिए उन्हें प्रमाणित करना है और राष्ट्र-निर्माण में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित करना है।
इस पहल को एनडीएमसी और संकल्प (एमएसडीई के तहत विश्व बैंक परियोजना) द्वारा वित्त पोषित किया जाएगा और एनएसडीसी द्वारा कार्यान्वित किया जाएगा। प्रशिक्षण, आज पहले चरण में 25,000 वर्कर्स को अपस्किल करने के उद्देश्य से शुरू हुआ है।
वर्कर्स को कंस्ट्रक्शन, इलेक्ट्रिकल, प्लंबिंग, पॉटरी आदि में मल्टीपल ट्रेडर्स में अपस्किल्ड किया जाएगा। यह न केवल उन्हें डिजिटल साक्षरता और उद्यमशीलता के अवसरों से अवगत कराएगा, बल्कि उन्हें तकनीकी कौशल में भी उन्नत करेगा। प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षुओं को दो वर्ष के लिए दुर्घटना बीमा का अतिरिक्त लाभ भी प्रदान किया जाएगा।
रिकॉग्निशन ऑफ प्रायर लर्निंग (आरपीएल)/अपस्किलिंग प्रोग्राम को तीन चरणों में सेक्टर स्किल काउंसिल (एसएससी) और उनके पैनल में शामिल प्रशिक्षण प्रदाताओं के माध्यम से लागू किया जाएगा। इसके अलावा, कार्यान्वयन के दो तरीके होंगे – कैम्प्स के माध्यम से आरपीएल, जिसके तहत इंडस्ट्रियल और ट्रेडिशनल कलस्टर को लक्षित किया जाएगा और एंप्लॉयर के परिसर में आरपीएल को एंप्लॉयर के स्थान पर ओरिएंटेशन और ट्रेनिंग के लिए इंडस्ट्रीज़ और एंप्लॉयर्स के साथ साझेदारी में आगे बढ़ाया जाएगा।
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का उदाहरण देते हुए, दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर श्री विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि परिवर्तनशील जॉब मार्केट में अपनी प्रासंगिकता बढ़ाने के लिए कारीगरों और वर्कर्स के उत्थान की तत्काल आवश्यकता है और इस मिशन को पूरा करने के लिए सभी स्टेकहोल्डर्स को एक साथ आना चाहिए। राष्ट्रीय राजधानी होने के नाते दिल्ली हमेशा समाज के विभिन्न तबके के लोगों के लिए भिन्न-भिन्न विचारों पर चर्चा करने की जगह रही है और एनडीएमसी वर्कर्स के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने की दिशा में काम करने वालों में से एक रही है। मुझे विश्वास है कि यह आरपीएल कार्यक्रम युवाओं की प्रतिभा को पहचानेगा, उनके कौशल को निखारेगा और उन्हें वह सम्मान देगा जिसके वे हकदार हैं।
इस पहल की सराहना करते हुए, एनएसडीसी के चीफ़ ऑपरेटिंग ऑफिसर और ऑफिशिएटिंग सीईओ श्री वेद मणि तिवारी ने कहा, हम पहचान और सर्टिफिकेशन के आधार पर स्किल्स के स्टैंडर्डाइजिंग और उन्हें ऑर्गेनाइज्ड सेक्टर का हिस्सा बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।एनडीएमसी के साथ हमारा सहयोग न केवल भारत में एक स्किल्ड वर्कफोर्स की आवश्यकता को पूरा करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है, बल्कि कुशल उम्मीदवारों की पहचान करने और उनके कौशल को उन्नत करने में मदद करने का प्रयास है, जिससे ऑर्गेनाइज्ड सेक्टरका हिस्सा बन सकें। यह अनूठा कार्यक्रम युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा करने और उन्हें बेहतर आजीविका के लिए सशक्त बनाने में भी मदद करेगा।
आरपीएल या प्रायर लर्निंग असेसमेंट एंड रिकॉगनेशन जो कि स्किल इंडिया की फ्लैगशिप योजना पीएमकेवीवाई का एक कंपोनेंट है, एक मूल्यांकन प्रक्रिया है जिसका उपयोग किसी व्यक्ति के मौजूदा स्किल सेट, नॉलेज और अनुभव का मूल्यांकन करने के लिए किया जाता है जो फॉर्मल, नॉन-फॉर्मल या इनफॉर्मल लर्निंग द्वारा प्राप्त किया जाता है। यह प्रक्रिया रोजगार के अवसरों को बढ़ाने और स्किल गैप को कम करने के लिए देश के अनियमित कार्यबल की दक्षताओं को नेशनल स्किल क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क (एनएसक्यूएफ) के साथ संरेखित करने में मदद करती है।

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