*एम्स में मरीजों को लूटने वाले दलालों की ‘नो एंट्री’*

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने अपने सभी डॉक्टरों, स्टाफ और सिक्योरिटी गार्ड्स के लिए एक अहम एडवाइजरी जारी की है। जिसके तहत अनधिकृत व्यक्तियों, दुकान/कंपनियों के एजेंट्स, दलालों आदि का प्रवेश वर्जित करने को कहा गया। इनकी शिकायत के लिए एम्स ने एक व्हाट्सएप नंबर 9355023269 और मेल आईडी doctor@aiims.edu भी जारी की है। जिस पर आम जनता और कर्मचारी इनसे जुड़ी शिकायतें कर सकते हैं।
एम्स के डायरेक्टर डॉ. एम श्रीनिवास की ओर जारी सर्कुलर के मुताबिक सुरक्षा कर्मचारी ये सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी अनधिकृत व्यक्ति अस्पताल के अंदर ना आए। सिर्फ मरीजों और उनके साथ आने वाले लोगों को अनुमति दी जाएगी। अगर को अनधिकृत शख्स पकड़ा गया, तो उसे पुलिस के हवाले कर दिया जाएगा।
दरअसल एम्स में जांच, दवाएं और अन्य मेडिकल सुविधाएं काफी कम दाम पर मिलती हैं, लेकिन मरीजों की संख्या ज्यादा होने की वजह से वेटिंग लिस्ट लंबी रहती है। इसी का फायदा निजी दुकान, लैब, रेडियोलॉजी केंद्र उठाने की कोशिश करते हैं। वो एम्स में अपने एजेंट तैनात कर देते हैं, जो परेशान मरीजों को लूटने का काम करते हैं। उनको रोकने के लिए ही ये कदम उठाया गया है।
जारी आदेश में कहा गया है कि एम्स परिसर में घूमने वाले अनधिकृत व्यक्ति दवाएं, डिस्पोजल, सर्जिकल आइटम और इम्प्लांट बेचते हैं। ऐसे में सभी डॉक्टरों, नर्सों और स्टाफ को ये निर्देश दिया जाता है कि वो तुरंत उनकी रिपोर्ट करें। इसके अलावा सुरक्षा गार्डों को भी सख्ती बरतने के निर्देश दिए गए हैं। सर्कुलर में साफ कहा गया कि एजेंटों की शिकायत करने वालों की पहचान पूरी तरह से गुप्त रखी जाएगी। इसके अलावा सभी कर्मचारियों से अपील की गई कि वो पहचान पत्र पहनकर ही अंदर आएं, ताकि दलालों की पहचान आसानी से की जा सके। इस सर्कुलर के बाद भी अगर कोई एजेंट अस्पताल में मिला, तो संबंधित क्षेत्र के प्रभारी जैसे- रेजिडेंट डॉक्टर, नर्सिंक अधिकारी जिम्मेदार होंगे और उन पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी।
प्रदीप जैन

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