चतुष्पथ बहाली की मांग को लेकर कुंभ क्षेत्र में आमरण अनशन पर बैठे स्वामी परिपूर्णानंद मंगलवार की भोर में रहस्यमय परिस्थितियों में गायब हो गए। मोरी मार्ग के संगम चौराहे पर स्थित अपने शिविर से उनके अचानक गायब होने से पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों में हड़कंप मच गया। वह कहां गए, इसका देर शाम तक पता नहीं चल सका।
स्वामी परिपूर्णानंद के शिष्य स्वामी ज्योर्तिमयानंद की तहरीर पर झूंसी थाने में उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। उनकी तलाश के लिए तीन दल गठित किए गए हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वह सुबह गंगा स्नान के लिए निकले थे और वापस नहीं लौटे। संतों ने प्रशासन पर स्वामी परिपूर्णानंद के अपहरण का आरोप लगाया है।
शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य पूरिपूर्णानंद 25 दिसंबर से मोरी रोड स्थित अपने शिविर में आमरण अनशन पर थे। अन्न-जल के साथ सोमवार की रात उन्होंने अपना वस्त्र भी त्याग दिया था। इससे उनका स्वास्थ्य काफी खराब हो गया था। रक्तचाप कम होने के साथ ही शरीर भी बुखार से तपने लगा था। पुलिस व प्रशासन के अधिकारी उनसे आमरण अनशन समाप्त करने की गुजारिश कर रहे थे, लेकिन उनका कहना था कि गुरु स्वामी स्वरूपानंद की मेला क्षेत्र में चतुष्पथ बनाने की मांग स्वीकार करने पर ही वह अपना अनशन खत्म करेंगे।
मंगलवार की भोर चार बजे के लगभग वह शिविर से अचानक गायब हो गए। इसकी सूचना मिलने पर संतों के साथ ही मेला पुलिस और प्रशासनिक हल्के में हड़कंप मच गया। मामले की जानकारी शंकराचार्य स्वरूपानंद के शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को मिलने पर उन्होंने कुछ संतों को उनके शिविर भेजा तो वह नहीं मिले। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों से वार्ता कर स्वामी परिपूर्णानंद को तत्काल वापस लाने की मांग की।