चार्जशीट में पुलिस ने पूरी घटना का जिक्र किया। 16 दिसंबर की रात छह आरोपियों ने चलती चार्टर्ड बस में फिजियोथेरेपिस्ट युवती से न केवल सामूहिक दुष्कर्म किया बल्कि दरिंदगी की हदें पार कर दी थीं। कुछ तथ्य इतने वीभत्स हैं कि उनको लिखा नहीं जा सकता। इसमें हर आरोपी की भूमिका का विस्तार से वर्णन है। रविवार दोपहर को युवती अपने दोस्त के साथ साकेत स्थित सेलेक्ट सिटी मॉल में मूवी लाइफ ऑफ पाई देखने गई थी। इसके बाद युवती अपने घर महावीर एन्क्लेव लौटना चाहती थी लेकिन दोस्त ने उसे मुनीरका चलने को कहा था। दोनों ऑटो से रात करीब 9 बजे मुनीरका आ गए थे। यहां बस स्टैंड पर दोनों बातें कर रहे थे। 9.20 बजे आइआइटी की तरफ से सफेद रंग की लग्जरी बस आकर रुकी। बस के शीशे पर ऊपर व नीचे पीली पट्टी लगी थी और यादव लिखा था। बस में कंडक्टर बने नाबालिग राजू (परिवर्तित नम) द्वारका, धौलाकुआं की आवाज लगाने लगा था। युवती से नजर मिलने पर उसने बहनजी कहकर दोनों को बस में बुला लिया था। बस में चार आरोपी राम सिंह, विनय शर्मा, पवन गुप्ता व अक्षय पैसेंजर बनकर बैठे थे। बस मुकेश चला रहा था। सम्मानजनक बोलने पर युवती व उसके दोस्त झांसे में आ गए। उनके चढ़ते ही बस चल पड़ी।
दोनों ने किराए में 20 रुपये देकर आगे से कुछ सीटे छोड़ एक सीट पर बैठ गए थे। चंद मिनट बाद ही उनके पास राम सिंह व राजू आए। राम सिंह ने युवक से कहा कि वह इतनी रात को लड़की को लेकर कहां जा रहा है। इस पर युवक को गुस्सा आ गया। दोनाें में कहासुनी हुई। युवक ने राम सिंह की छाती पर पंच दे मारा था जिससे वह नीचे गिर गया। इसके बाद दोनों ने युवक की रॉड व लात घूंसे से पिटाई की। दो आरोपी युवती को लेकर पीछे की सीट पर चले गए थे। युवक की पिटाई कर उसे नीचे गिराने के बाद विनय व पवन ने उसे दबाए रखा और बाकी आरोपी युवती को निर्वस्त्र कर दुष्कर्म किया। दोनों एक दूसरे के पास आकर बचाने की खूब कोशिश करते रहे किंतु दरिंदों ने पास आने नहीं दिया। दोनों का सामान लूट कर पूरी तरह निर्वस्त्र रात करीब 10.22 बजे उन्हें महिपालपुर होटल एरिया के पास फ्लाईओवर से यूटर्न लेने के बाद दिल्ली कैंट के इलाके में सड़क किनारे चलती बस से फेंक दिया था। इसके बाद बस लेकर फरार हो गए थे।
घटना के बाद ये लोग रविदास कैंप, आ गए थे। यहां रात में बस धोने के बाद सुबह राम सिंह बस लेकर मालिक के पास रोहिला खुर्द आ गया। वहां उसने युवक-युवती के खून से सने कपड़े जला दिया था फिर बस लेकर रविदास कैंप आ गया था। घटना के बाद मिले क्लू व उसके आधार पर आरोपियों की गिरफ्तारी की विस्तार से जानकारी दी गई है। मॉल व होटल से मिले सीसीटीवी की फूटेज के बारे में जिक्र किया गया है।
बंद कमरे में हो केस की सुनवाई : पुलिस
वसंत विहार सामूहिक दुष्कर्म केस में पुलिस ने साकेत कोर्ट के महानगर दंडाधिकारी सूर्य मलिक ग्रोवर के समक्ष चार्जशीट दाखिल किए जाने के दौरान अपील की है कि पीड़ितों की पहचान गोपनीय रखने के लिए मामले की बंद कमरे में सुनवाई की जाए। अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए 5 जनवरी की तारीख तय की है। दिल्ली पुलिस ने अदालत से अपील की कि उनके द्वारा अदालत में दाखिल की गई चार्जशीट रिपोर्ट और केस की एफआइआर की प्रति किसी भी सूरत में सार्वजनिक न की जाए। इतना ही नहीं, इस केस की सुनवाई के दौरान कोई बाधा उत्पन्न न हो, इसके लिए बंद कमरे में केस की सुनवाई के आदेश जारी किए जाएं। सुनवाई के दौरान केस से संबंधित लोगों के अलावा अदालत में अन्य लोगों की उपस्थिति पर पाबंदी लगाई जाए।
वहीं, इसी दौरान अदालत में मौजूद साकेत कोर्ट बार एसोसिएशन के वकीलों ने शोर मचाते हुए आरोपियों को आम जनता के हवाले किए जाने की मांग की। अदालत के बाहर भी महिला वकीलों ने आरोपियों को तुरंत फांसी दिए जाने की मांग की। इस मौके पर दिल्ली विधिक सेवाएं प्राधिकरण की एक वकील ने कहा कि आरोपियों को वकील न मिलने की स्थिति में उन्हें अदालत के निर्देश पर प्राधिकरण की ओर से वकील मुहैया कराया जाएगा। उधर,अदालत के बाहर पीड़िता के दोस्त के एक रिश्तेदार ने मीडिया को बताया कि अगर दिल्ली पुलिस ने इस केस को सही ढंग से नहीं लिया तो वे उच्च न्यायालय में याचिका दायर करेंगे।
पुलिस ने नाबालिग का कराया बोन मेरो टेस्ट दिल्ली के वसंत विहार इलाके में हुए सामूहिक दुष्कृत्य मामले के नाबालिग आरोपी की सही उम्र का पता लगाने के लिए पुलिस ने उसका बोन मेरो टेस्ट (हड्डी परीक्षण) कराया है। इस परीक्षण की रिपोर्ट जल्द आ जाएगी। इसी के बाद तय होगा कि उसके खिलाफ मामला किस अदालत में चलेगा। हाईस्कूल के प्रमाण पत्र के अनुसार उसकी उम्र 18 वर्ष से कुछ महीने कम है। लेकिन पुलिस युवक को देखकर इस प्रमाण पत्र की जानकारी को सही नहीं मान रही है, इसी वजह से उसका परीक्षण कराया गया है।
इस बीच,घटना की शिकार हुई युवती के पुरुष मित्र के मामा ने कहा है कि अगर आरोपी नाबालिग भी निकलता है, इसके बावजूद वह हाई कोर्ट से अपील करेंगे कि अपराध की प्रकृति और आरोपी की संलिप्तता देखते हुए उस पर बालिग आरोपियों के समान मुकदमा चलाया जाए। पीड़ित युवक के मामा खुद एक वकील हैं।