झारखंड : मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने राज्यपाल को सौंपा इस्तीफा

झारखंड में मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने राज्यपाल को इस्तीफा सौंपकर विधानसभा भंग करने की सिफारिश की है।

गौरतलब है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के गठबंधन से बाहर आने के साथ ही सोमवार को राज्य में भाजपा नीत अर्जुन मुंडा सरकार अल्पमत में आ गई और मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में विधानसभा भंग करने की सिफारिश करने का फैसला लिया गया।

इससे पूर्व भाजपा और झामुमो के बीच सत्ता हस्तांतरण को लेकर विवाद पैदा हो गया था।

झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन ने कहा था कि हमने अर्जुन मुंडा सरकार से समर्थन वापस ले लिया है। हम मंगलवार को राज्यपाल से मुलाकात करेंगे और समर्थन वापसी का पत्र सौंपेंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा के साथ दोस्ती की कोई संभावना नहीं है।

झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन के बेटे और राज्य के उपमुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा था, “हमने आज (सोमवार को) सरकार से समर्थन वापस ले लेने का फैसला लिया।”

गौरतलब है कि गठबंधन में दरार तभी से दिखने लगी थी जब 3 जनवरी को अर्जुन मुंडा ने झामुमो को लिखित उत्तर में दोनों दलों के बीच 28 माह बाद सत्ता हस्तांतरित करने का कोई समझौता होने से इनकार कर दिया। 28 माह की अवधि 10 जनवरी को पूरी हो जाएगी।

मुंडा सरकार में उपमुख्यमंत्री हेमंत सोरेन समेत झामुमो के पांच मंत्री हैं। सितंबर 2010 को झामुमो के 18 विधायकों के समर्थन से भाजपा नीत मुंडा सरकार का गठन हुआ था।

82 सदस्यीय राज्य विधानसभा में भाजपा के भी 18 विधायक हैं। इसके अलावा पार्टी को अखिल झारखंड छात्र संघ (आजसू) के छह और जदयू के दो विधायकों का समर्थन हासिल है।

विधानसभा में कांग्रेस के 12, झारखंड विकास मोर्चा-प्रजातांत्रिक के 11, राजद के छह और अन्य छोटे दलों व निर्दलीय विधायक हैं। झामुमो अब कांग्रेस के समर्थन से सरकार गठन के प्रयास में है। सोमवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रदीप बालमुचु ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी।

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