लोग सोचते हैं कि महिलाएं ही बलात्कार का शिकार होती हैं मगर यह पूरी तरह सही नहीं है। पुरुषों को भी ऐसे अत्याचार झेलने पड़ते हैं। ऐसा प्रसिद्ध चिंतक डॉक्टर वेद प्रताप वैदिक ने सोमवार को इंदौर में एक कार्यक्रम में कहा।
जागरण डॉट कॉम के अभिषेक मेहरोत्रा से अपने इस बयान पर खास बातचीत करते हुए डॉ. वैदिक ने कहा कि संपन्न और प्रभुत्वशाली स्त्रियों के द्वारा जबरदस्ती करने के मामले भी इतिहास में अनेकों बार सामने आते रहे हैं। दरअसल, बलात्कार बलशाली द्वारा निर्बल पर की गई गंभीर हिंसा का मामला है। इससे निपटने के लिए पुरुष और महिलाओं को अलग-अलग नजरिए से देखने के बजाय हमें बलशाली द्वारा निर्बल पर किए जाने वाले अत्याचार समाप्त करने के ठोस उपाय करने होंगे।
उनका कहना है कि प्राचीन काल में राजा, महाराजाओं, सामंतों और धनपतियों के यहां घरेलू कामकाज करने वाले चाहे वे पुरुष हो या स्त्री उन्हें मजबूरन बलात्कार का शिकार होना पड़ता था, जब बलपूर्वक कोई शारीरिक संबंध थोपा जाता है तो उसे बलात्कार कहते हैं। इस तरह के बलात्कार के शिकार वे सभी निर्बल लोग होते हैं,जिन्हें अपने सबल और समर्थ स्वामियों और सहयोगियों या अपरिचितों का सामना करना पड़ता है। बलात्कार के पीछे यौन आनंद कम और हिंसा की भावना अधिक होती है। इसीलिए यह प्राय: स्त्रियों, दलितों, पिछड़ों गरीबों पर ज्यादा होता हे। वह तो सिर्फ अपनी आक्रामकता का शिकार ढूंढता है।
डॉक्टर वैदिक ने बताया कि सोमवार को उन्होंने इंदौर प्रेस क्लब में दिए गए अपने भाषण में यह भी कहा कि जिस लड़की के साथ दिल्ली में बलात्कार हुआ और उसकी हत्या हुई, उसकी बहादुरी को वह सलाम करते हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने ही सबसे पहले उस लड़की के नाम को ससम्मान उजागर करने की मांग करते हुए कहा था कि उसे रेप के विरुद्ध ‘प्रतिरोध की देवी’ या ‘भारत वीरांगना’ का पद दिया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि देश के हर देश-गांव में उस कन्या के नाम का स्मारक बनाना चाहिए और जब इन बलात्कारियों को सजा दी जाए तो इनके पुतले उन स्मारकों में दिखाए जाए ताकि हर संभावित रेपिस्ट के लिए वे स्मारक मौत की घंटी सिद्ध हो।
डॉ. वैदिक ने बलात्कार की घटनाओं को सबल और निर्बल से भी जोड़ा। उन्होंने कहा कि बली (शक्तिशाली) व्यक्ति ही बलात्कार करता है चाहे फिर वह पुरुष हो या महिला। उन्होंने जा कहा कि रेप मनुष्य की हिंसक प्रवृति को दर्शाता है, यह कोई इन्जॉयमेंट का साधन नहीं है। उन्होंने यहां तक कहा कि वेश्या के संग किया जाने वाला सेक्स भी बलात्कार ही होता है, क्योंकि इसमें वेश्या की सहमति नहीं मजबूरी होती है। वहां पैसे के बल का प्रयोग होता है।