आने वाले दिनों में ढेंकनाल न्यू-एज कम्युनिकेशन का एक अत्याधुनिक सेन्टर बन जाएगा: श्री धर्मेंद्र प्रधान

नई दिल्ली, फरवरी, 2024: केंद्रीय शिक्षा एवं कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज कहा कि ढेंकनाल में स्किल इंडिया सेंटर, क्षेत्र के कौशल विकास के लैन्डस्केप को मजबूत करेगा। इससे 21वीं सदी के कौशल तक पहुंच बढ़ेगी। यह नागरिकों, विशेषकर युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा करेगा, उन्हें सशक्त बनाएगा और उन्हें भविष्य के लिए तैयार करेगा। ढेंकनाल में स्किल इंडिया सेंटर (एसआईसी) भारत को ग्लोबल स्किल कैपिटल बनाने की #मोदीगारंटी को पूरा करने की दिशा में एक कदम है।
ढेंकनाल में एसआईसी का उद्घाटन आईआईएमसी जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों से प्रेरित है। यह युवाओं की क्षमता को उजागर करने के लिए उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा देने पर फोकस करता है। इस तरह की पहल युवाओं को आज के तेज और प्रतिस्पर्धी जॉब मार्केट की चुनौतियों और अवसरों के लिए तैयार करेगी। एसआईसी का शुभारंभ ढेंकनाल को भविष्य के स्किल हब के रूप में स्थापित करेगा। इससे आकर्षक कैरियर की संभावनाओं के निर्माण के लिए जॉब मार्केट में आने की तैयारी कर रहे स्थानीय युवाओं में आत्मविश्वास पैदा होगा। एनएसडीसी के सीईओ और एनएसडीसी इंटरनेशनल के एमडी श्री वेद मणि तिवारी ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।
लॉन्च पर बोलते हुए, केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने आगे कहा, “आईआईएमसी ढेंकनाल को डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा दिया गया है। आज उद्घाटन किए गए स्किल इंडिया सेंटर को अगर आईआईएमसी ढेंकनाल से जोड़ दिया जाए तो आने वाले दिनों में यह मॉडर्न कम्युनिकेशन का अत्याधुनिक सेन्टर बन जाएगा। कई छात्र स्किल इंडिया सेंटर का लाभ उठा सकते हैं। और हम विकसित भारत का लक्ष्य तभी हासिल कर सकते हैं, जब नई पीढ़ी के युवा स्किलिंग, रीस्किलिंग और अपस्किलिंग के माध्यम से खुद को सशक्त बनाएंगे। स्किल इंडिया मिशन के तहत, सेन्टर उम्मीदवारों और युवा महिलाओं को ग्राफिक्स डिजाइनिंग, हॉस्पिटैलिटी, टेक्नोलॉजी सर्विस और लेदर इन्डस्ट्री जैसे न्यू एज स्किल में प्रशिक्षित करेगा।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक विकसित भारत के विज़न के अनुरूप, कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) के तत्वावधान में राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) देश में अनेक पहल कर रहा है और स्किल इंडिया सेन्टर, इस दिशा में एक प्रगतिशील कदम है। इससे ओडिशा राज्य अपनी युवा प्रतिभा की क्षमता को बढ़ाने में सक्षम होगा। यह छात्रों को नई तकनीकों में विशेष प्रशिक्षण प्रदान करेगा और उन्हें अत्याधुनिक तकनीकों और टूल के माध्यम से सीखने के लिए प्रेरित करेगा।
उद्योग केंद्रित और परिणाम संचालित अप्रोच पर फोकस करते हुए, यह सेन्टर छात्रों को उभरते हुए ट्रेन्ड में समृद्ध अनुभव प्राप्त करने में सक्षम बनाएगा। इसके साथ ही यह आज के विकसित जॉब लैन्डस्केप में इन कौशल को लागू करने का तरीका सीखने में सक्षम बनाएगा। यह सेन्टर न केवल छात्रों को किफायती कीमतों पर भविष्य के स्किल कोर्स प्रदान करेगा, बल्कि पारंपरिक शिल्प की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को भी संरक्षित करेगा और उन्हें समसामयिक संदर्भों में बढ़ावा देगा। इन प्रयासों के माध्यम से, इस सेन्टर को युवा पीढ़ी के लिए एक नॉलेज हब के रूप में स्थापित किया जाएगा। यह संबंधित क्षेत्रों में सफल होने के लिए आवश्यक कौशल बाने को सक्षम करने में पहल का ठोस प्रभाव दिखाएगा।
यह सेन्टर सर्वोत्तम इन्फ्रास्ट्रक्चर, अत्याधुनिक तकनीकों और आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है। यह युवाओं के भविष्य को आकार देने और घरेलू और वैश्विक बाजारों में प्लेसमेंट के रास्ते खोलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
इस पहल के एक हिस्से के रूप में, सेक्टर स्किल काउंसिल (एसएससी) सेक्टर से सम्बन्धित विशिष्ट विशेषज्ञता प्रदान करेंगे। ये स्किल गैप की पहचान करेंगे। ये प्रशिक्षण कार्यक्रम डिजाइन करेंगे और एक कुशल कार्यबल बनाने के लिए उद्योग भागीदारों के साथ साझेदारी करेंगे ताकि उद्योगों में प्रतिभा की मांग को पूरा किया जा सके। एक निर्बाध कार्यान्वयन सुनिश्चित करने में ट्रेनिंग ईकोसिस्टम के लिए, एनएसडीसी एक सेन्टर मैनेजर को नामित करेगा। यह सेन्टर मैनेजर प्रशिक्षण कार्यक्रमों के कार्यान्वयन की मॉनिटरिंग करेगा, गुणवत्ता मानकों का पालन सुनिश्चित करेगा और सेन्टर के पूरे कार्यान्वयन को सुनिश्चित करेगा।
20 फरवरी को, माननीय केंद्रीय मंत्री ने संबलपुर में स्किल इंडिया सेन्टर का उद्घाटन किया। यह सेन्टर स्थानीय युवाओं की आकांक्षाओं और सपनों से मेल खाता है। इस सेन्टर का उद्देश्य युवाओं के करियर की संभावनाओं को बढ़ाना है।
इस वर्ष की शुरुआत में, केंद्रीय मंत्री ने कौशल रथ पहल को लॉन्च किया। इस पहल में ओडिशा के संबलपुर, अंगुल और देवगढ़ जिलों में इच्छुक उम्मीदवारों को कौशल प्रशिक्षण और प्रमाणन देने के लिए बसें डिज़ाइन की गई हैं। इस पहल ने पहले ही 4000 उम्मीदवारों को विभिन्न कोर्स मॉड्यूल में प्रशिक्षण प्रदान किया है। इस पहल से डिजिटल साक्षरता, रीटेल और उद्यमशीलता के कौशल और क्षेत्र के समावेशी विकास को बढ़ावा मिला है।

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