डाक्टर उर्वशी अग्रवाल ‘उर्वी’ द्वारा लिखित नाटक “व्यथा कहे पांचाली” का हुआ मंचन

नई दिल्ली । (अशोक लोढ़ा) डाक्टर उर्वशी अग्रवाल ‘उर्वी’ द्वारा लिखित नाटक “व्यथा कहे पांचाली” जिसका नाट्य रूपांतरण, निर्देशन और परिकल्पना काजल सूरी ने की है, इस नाटक का मंचन दर्शकों से खचाखच भरे, एलटीजी सभागार मंडी हाउस में किया गया।

महाभारत की घटनाओं के बारे में तो सब जानते हैं लेकिन ये अपने आप में “पांचाली की व्यथा” को प्रभावित ढंग से प्रस्तुत करने का एक अनूठा प्रयास था । जिसे अपने महा काव्य “व्यथा कहे पांचाली“ में डॉ उर्वशी अग्रवाल ‘उर्वी’ ने बहुत खूबसूरत ढंग से लिखा और नाट्य रूपांतरकार और निर्देशका काजल सूरी ने नाटक को स्पष्ट और प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया। जिससे दर्शक आसानी से जुड़ सके।पात्रों का चयन और उनकी योग्यताओं ने नाटक में गहराई और वास्तविकता जोड़ी। सेट डिज़ाइन, प्रकाश और ध्वनि का उपयोग नाटक के मूड को स्थापित करने में सहायक रहा । निर्देशका ने पात्रों के भावनात्मक पहलुओं को प्रभावी ढंग से उजागर किया, जिससे दर्शकों पर गहरा प्रभाव पड़ा। नाटक में कलाकारों के बीच का तालमेल और सहयोग उल्लेखनीय था, जिससे प्रदर्शन और भी आकर्षक बन गया ।

सभी कलाकारों ने अपनी-अपनी भूमिकाओं के साथ सम्पूर्ण न्याय किया। द्रौपदी की व्यथा, दुर्योधन की धूर्तता, पाण्डवों की विवषता, गांधारी का श्राप, कुंती का पछतावा, अभिमन्यु वध, धृतराष्ट्र का दुख दर्शकों के हृदय को छू गये। मंच पर वर्षा, जसकिरण चोपड़ा, डॉ उर्वशी, धरम गुप्ता, शुभम् शर्मा, गीता सेठी, नीरज तिवारी, अपूर्व,संदीप, मंत्रा, अदिता, कृश, तनीषा, स्पर्श, सुजाता, प्रवीण, तरूण वैभव, हर्षित, कशिश, सत्यम और बाल कलाकार मायरा थे । नृत्य संचालन नीरज तिवारी द्वारा, मेकअप राशिद भाई, लाइट सुनील, म्यूजिक अभिषेक और ईशानी द्वारा, बैक स्टेज प्रियंका, दिनु , आकाश, राहुल द्वारा एवं रोहित मारोठिया, प्रोडक्शन कोऑर्डिनेटर ने प्रोडक्शन को संवारा । सुख्नन्दन बिंद्रा ने मंच संचालन बहुत ख़ूबसूरती से किया।

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