अवैध तरीके से कमाए गए धन के व्यापार से होने वाली आय को दारुल उलूम ने हराम करार दिया है।
दारुल उलूम के फतवा विभाग से विदेश से एक युवक ने ऑनलाइन फतवा मांगा था कि क्या हराम माल या अवैध आय से वैध व्यापार कर सकते हैं और उस व्यापार से होने वाली आय वैध होगी?
जिसके जवाब में गत छह जनवरी को दारुल उलूम के फतवा विभाग के मुफ्ती आरिफ कासमी का कहना है कि हराम के माल व अवैध आय के रुपयों से किए गए जायज व्यापार से होने वाली आय भी पूरी तरह से हराम होगी। क्योंकि क्या पता वह पैसा उस व्यक्ति ने कहीं से चुराया या धोखाधड़ी करके किसी से हड़पे हों।
ऐसे में अगर वह इस पैसे से जायज कारोबार भी करते हैं तो उससे होने वाली कमाई भी हराम ही होगी।