नई दिल्ली । काजल सूरी को कांस्टीट्यूशनल क्लब, दिल्ली में आयोजित एक भव्य समारोह में “17वां नारी शक्ति सम्मान” प्रदान किया गया। यह सम्मान उन्हें साहित्य और रंगमंच के क्षेत्र में उनके अभूतपूर्व योगदान के लिए दिया गया। यह सम्मान उनको साहित्य और रंगमंच में उनके योगदान के लिए दिया गया । इस 17 वे नेशनल वूमेन एक्सीलेंस अवार्ड में देश भर से अलग अलग क्षेत्र में योगदान देने वाली महिलाओं को भी सम्मानित किया गया ।
काजल सूरी का यह सम्मान न केवल उनकी व्यक्तिगत कड़ी मेहनत और समर्पण का प्रमाण है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि कैसे महिलाओं ने समाज के विभिन्न क्षेत्रों में अपनी पहचान बनाई है और अपनी कड़ी मेहनत से नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। इस आयोजन के दौरान काजल सूरी के लिखे नाटक “सोहनी महिवाल” का भी विमोचन किया गया, जो उनके साहित्यिक और रंगमंचीय कार्यों का एक अहम हिस्सा है। यह नाटक पंजाबी लोककथा सोहनी महिवाल पर आधारित है, जो प्रेम, बलिदान और सामाजिक बंधनों को चुनौती देने वाली एक प्रेम कहानी है। काजल सूरी ने इस नाटक के माध्यम से भारतीय लोककथाओं की गहराई और रंगमंच के माध्यम से उनके सांस्कृतिक मूल्य को दर्शाया है। इस नाटक का प्रकाशन प्रभात प्रकाशन दिल्ली द्वारा किया गया है ।
सोहनी महिवाल नाटक का विमोचन न केवल काजल सूरी के लेखन को पहचानता है, बल्कि यह भारतीय रंगमंच परंपरा को पुनः जीवित करने की उनकी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। नाटक में कला, संस्कृति और प्रेम की जटिलताओं को सरल और प्रभावी तरीके से प्रस्तुत किया गया है। काजल सूरी ने इस नाटक के माध्यम से भारतीय समाज की संवेदनाओं को रंगमंच पर जीवंत किया है ।काजल सूरी का साहित्यिक योगदान न केवल उनके नाटकों तक सीमित है, बल्कि वह कविता, लेखन, और नाटक की कला में भी एक महत्वपूर्ण हस्ताक्षर रही हैं। उनका यह सम्मान उनके काम की निरंतरता और सफलता का प्रतीक है। उनके कार्यों में भारतीय समाज की जटिलताओं, प्रेम, संघर्ष और सामाजिक बदलाव को बहुत खूबसूरती से दर्शाया गया है, जो उन्हें एक अग्रणी कलाकार के रूप में स्थापित करता है।