बेटीयाँ है कुदरत का उपहार -जीने का इसको दो अधिकार -डॉ एम के जैन

विदिशा । इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और आईएपी संस्था द्वारा राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर जिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश आईएमए अध्यक्ष एवं विदिशा आईएपी अध्यक्ष डॉ एम के जैन ने बताया कि बेटियाँ कुदरत का एक उपहार है  और हमारे घर समाज तथा देश की धुरी भी है और आवश्यक भी है ।
     बिना बिटियाओ के हम समाज की कल्पना भी नहीं कर सकते और इसीलिये ही प्रति वर्ष 24 जनवरी को बिटिया दिवस मनाया जाता है  और इस वर्ष की थीम “उज्ज्वल भविष्य के लिए लड़कियों को सशक्त बनाना है ।आज हर क्षेत्र में बेटियाँ आगे बढ़ रही है हमारे देश की राष्ट्रपति भी एक महिला ही है इसलिए हमारा हम सभी का भी कर्तव्य है कि बेटी के जन्म को भी एक उत्सव के रूप में मनाना चाहिए और उनकी रक्षा और सुरक्षा करना चाहिए उनका लालन पालन भी अच्छे जतन से करना चाहिए जन्म के तत्काल  बाद आँचल का दूध पिलाना प्रारंभ करना चाहिए और लगातार छे माह तक पिलाते  रहना चाहिए साथ ही बीमारी रक्षक टीके भी समय और छे माह की उम्र के पश्चात घर का बना ताज़ा भोजन देना प्रारंभ करना चाहिए ।
विदिशा आईएमए के पूर्व अध्यक्ष एवं आईएपी विदिशा के सचिव डॉ सुरेंद्र सोनकर ने बताया कि आज बेटियो को सुरक्षित रखने और प्रोत्साहित करने के लिये सरकार विभिन्न योजनाओं -बिटिया बचाओ -बिटिया पढ़ाओ , लाड़ली लक्ष्मी ,लाड़ली बहना योजना भी प्राथमिकता से लागू कर रही है । सन 1966 में आज ही के दिन देश की बेटी श्रीमती इंदिरा गांधी ने प्रधान मंत्री के रूप में शपथ ली और इस दिन को यादगार बनाये रखने के लिए 2008 से महिला बाल विकास विभाग द्वारा प्रति वर्ष 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है ।
हमे लड़कियों को उनकी पूरी क्षमता तक पहुँचाने के लिये प्रेरित करना और अवसर और सुविधाएँ उपलब्ध कराना चाहिए
जिला अस्पताल के शिशु विभाग की एसएनसीयू की प्रभारी सिस्टर श्वेता ने बताया कि बेटियों को पोषण , शिक्षा , स्वास्थ्य का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए और विभाग द्वारा संचालित योजनाओं का विस्तार से विवरण प्रस्तुत किया ।संगोष्ठी में एसएनसीयू की माताएं , बहने परिजन एवं नर्सिंग स्टॉफ सम्मिलित था ।
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