मुंबई,फरवरी 4, 2025:टाटा मोटर्स ने जल संसाधनों की रक्षा करने और ग्रामीण समुदायों के उत्थान के लिये अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत करते हुए, महाराष्ट्र सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये हैं। इसके तहत राज्य में पानी के अभाव वाले क्षेत्रों के 20 से अधिक जिलों में 1000 जलाशयों का जीर्णोद्धार किया जाएगा। टाटा मोटर्स ने 2024 में गल मुक्त धरन गल युक्त शिवर योजना के तहत महाराष्ट्र में 356 जलाशयों को नया जीवन देकर फिर से बनाया था। यह महाराष्ट्र सरकार के सॉइल एण्ड वाटर कंजर्वेशन डिपार्टमेंट, नाम फाउंडेशन और स्थानीय समुदायों की भागीदारी में चलाया जा रहा जलाशयों में जमा सिल्ट यानी गंदगी को हटाने के लिये एक सामुदायिक कार्यक्रम है।
टाटा मोटर्स अपने गठजोड़ को मजबूत करते हुए जल संरक्षण की पहल का विस्तार राज्य के 20 से अधिक जिलों तक करना चाहती है। इनमें विदर्भ और मराठवाड़ा के वे क्षेत्र भी शामिल हैं, जहाँ पानी का अभाव रहता है। प्रस्तावित गठजोड़ का लक्ष्य अमरावती, लातूर, चंद्रपुर, नागपुर, नांदेड़, परभणी, अकोला, गढ़चिरौली, यवतमाल, धाराशिव, छत्रपति संभाजी नगर, अहिल्या नगर, सांगली, सोलापुर, पुणे, पालघर और ठाणे तथा राज्य के अन्य जिलों में 1000 जलाशयों को नया जीवन देनाहै। नाम फाउंडेशन इस कार्यक्रम का क्रियान्वयन भागीदार होगा।
इस पहल पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये, विनोद कुलकर्णी, हेड, कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी, टाटा मोटर्स ने कहा, “महाराष्ट्र सरकार और नाम फाउंडेशन के साथ अपनी साझेदारी को मजबूत करते हुये हमें बेहद गर्व हो रहा है। इसका उद्देश्य राज्य में सूखे की समस्या से निपटना और पानी कमी को दूर करना है। वर्ष 2024 में 356 जलनिकायों को पुनर्जीवन देने और उनकी मरम्मत करने में मिली सफलता ने हमें प्रोत्साहित किया है, जिससे अब इस कार्यक्रम का विस्तार 20 से अधिक जिलों तक किया जा रहा है ताकि महाराष्ट्र के और भी अधिक गांवों तक पहुंचा जा सके। इस कार्यक्रम के माध्यम से जलस्तर बढ़ाने, पीने योग्य पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने और पूरे वर्ष सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाता है, जिससे ग्रामीणों की आजीविका में सुधार हो सके।”
इस पहल पर अपनी बात रखते हुए, महाराष्ट्र सरकार के मुख्यमंत्री कार्यालय में ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी प्रिया खान ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र सरकार ने मौजूदा बांधों और जलाशयों की जल क्षमता को बढ़ाने के लिये ‘गल मुक्त धरन गल युक्त शिवर योजना’ लॉन्च की थी। यह कार्यक्रम लोगों का एक आंदोलन बन गया, जिसका श्रेय टाटा मोटर्स और नाम फाउंडेशन जैसे हमारे भागीदारों के अमूल्य सहयोग को जाता है। साथ मिलकर हम न केवल जलाशयों का जीर्णोद्धार कर रहे हैं बल्कि लचीलेपन एवं स्थायित्व को बढ़ावा भी दे रहे हैं, ताकि राज्य में बार-बार होने वाले सूखे का असर कम किया जा सके।’’’
नाम फाउंडेशन के सीईओ गणेश थोराट ने कहा, “नाम फाउंडेशन ने 2015 में महाराष्ट्र में पानी की तात्कालिक कमी को दूर करना शुरू किया था। टाटा मोटर्स और महाराष्ट्र सरकार के साथ हमारी भागीदारी इन प्रयासों की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। पिछले साल हमने मिलकर अपने काम को दस जिलों तक पहुँचाया था। यह देखकर हम खुश हैं कि जल संरक्षण के प्रयासों का सकारात्मक प्रभाव अब और भी जिलों में होगा।”
2024 में टाटा मोटर्स और नाम फाउंडेशन ने 356 जलाशयों का जीर्णोद्धार करने में सफलता हासिल की थी और पुणे, पालघर, ठाणे, सतारा, धुले, सोलापुर, चंद्रपुर, अहमदनगर, बीड तथा लातूर इन 10 जिलों में लगभग 60 लाख क्यूबिक मीटर सिल्ट को हटाया गया था। इस प्रयास से लगभग 7000 मिलियन लीटर पानी की क्षमता मिली है, जिसका 7000 किसानों को फायदा हुआ है।इससे जल के स्तर में उल्ल्लेखनीय वृद्धि हुई है और ग्रामीण महाराष्ट्र में पीने योग्य जल की सुलभता बढ़ी है।
गल मुक्त धरन गल युक्त शिवर योजनामें किसान को सिल्ट अपने खेत में पहुँचाने के लिये पहले से स्वीकृत राशि मिलती है, जिससे मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है। डिजिटल निगरानी से परियोजना के क्रियान्वयन में पारदर्शिता आती है।
टाटा मोटर्स को महाराष्ट्र में जलाशयों को नया जीवन देने में सफलता मिली है और इसका असर पर्यावरण के अनुकूल विकास करने तथा गांववालों के जीवन को पहले से कहीं बेहतर बनाने में देखा जा सकता है।