बैंगलोर, फरवरी 2025: सड़क सुरक्षा के प्रति अपनी अटूट प्रतिबद्धता पर कायम रहते हुए, टोयोटा किर्लोस्कर मोटर (टीकेएम) ने बैंगलोर में अपने प्रमुख टोयोटा सुरक्षा शिक्षा कार्यक्रम (टीएसईपी) के दूसरे वार्षिक संस्करण का सफलतापूर्वक समापन किया। इस कार्यक्रम का नाम “सड़क सुरक्षा – मेरा अधिकार, मेरी जिम्मेदारी” है, जो पूरे भारत में भविष्य के सड़क उपयोगकर्ताओं को सुरक्षित सड़कों के लिए आवश्यक ज्ञान और जिम्मेदारी के साथ सशक्त बनाना जारी रखता है।
मुख्य अतिथि डॉ. अनिल कुमार, बैंगलोर यातायात पुलिस विभाग, श्री सुदीप दलवी, मुख्य संचार अधिकारी, सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और राज्य मामलों के प्रमुख, टीकेएम, ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया और जमीनी स्तर पर सड़क सुरक्षा जागरूकता को बढ़ावा देने के महत्व को रेखांकित किया। स्कूली बच्चों को सड़क सुरक्षा के प्रमुख राजदूत के रूप में शामिल करने के लिए डिज़ाइन, टीएसईपी एक परिवर्तनकारी पहल साबित हुई है जो जिम्मेदार सड़क व्यवहार को बढ़ावा देती है और परिवारों तथा समुदायों में एक लहर प्रभाव पैदा करती है। टीएसईपी की सफलता मापने योग्य परिणामों में स्पष्ट है, जिसमें प्रतिभागियों के बीच सड़क सुरक्षा जागरूकता के स्तर में महत्वपूर्ण सुधार दिखाने वाले मूल्यांकन हैं, जो युवा शिक्षार्थियों के बीच सड़क सुरक्षा की संस्कृति को बढ़ावा देने में कार्यक्रम की प्रभावशीलता को उजागर करते हैं।
भारत में हर साल सड़क हादसों में सबसे ज्यादा मौतें होती हैं और यह प्रति वर्ष 1,50,000 से ज़्यादा है। सड़क दुर्घटना में होने वाले जख्मों के कारण 5-29 साल के लोगों में सबसे ज़्यादा मौतें होती हैं। इस संकट से निपटने के लिए टीकेएम ने 2007 में टीएसईपी की शुरुआत की और सड़क सुरक्षा को स्कूली पाठ्यक्रमों में शामिल किया। अपने “चाइल्ड टू कम्युनिटी” रुख के ज़रिए टीएसईपी ने देशभर में 800,000 से ज़्यादा छात्रों को सशक्त बनाया है। इस तरह स्कूली बच्चों को सड़क सुरक्षा के हिमायती के रूप में बदला है। इस साल, अपनी सफलता के आधार पर टीकेएम ने बेंगलुरु और दिल्ली में कार्यक्रम बैच के समापन का जश्न मनाया। जैसे–जैसे यह पहल आगे बढ़ेगी, अगला चरण मुंबई में शुरू होगा और इसका वार्षिक आयोजन 11 फ़रवरी 2025 को होगा। इस कार्यक्रम का लक्ष्य 140 स्कूलों के 70,000 से ज़्यादा छात्रों और 600 शिक्षकों को शामिल करना है। इस तरह यह सड़क दुर्घटनाओं को शून्य करने की अपनी प्रतिबद्धता को मज़बूत करेगा।
“वास्तविक विश्व सुरक्षा” दर्शन पर आधारित, टीएसईपी सुरक्षित वाहन निर्माण, उपयोगकर्ता शिक्षा और यातायात पर्यावरण सुधारों को एकीकृत करके एक समग्र दृष्टिकोण अपनाता है। कम उम्र से ही जागरूकता और जिम्मेदार सड़क व्यवहार को बढ़ावा देकर, यह पहल भविष्य की पीढ़ियों को आकार देने और भारत को सुरक्षित व अधिक जिम्मेदार सड़क उपयोग की ओर ले जाने का काम जारी रखती है। कार्यक्रम एक अद्वितीय एबीसी रुख का उपयोग करता है :
· जागरूकता : छात्रों को सड़क सुरक्षा नियमों और सर्वोत्तम व्यवहारों के बारे में शिक्षित करना।
· व्यवहार परिवर्तन : सकारात्मक और जिम्मेदार सड़क उपयोग की आदतों को प्रोत्साहित करना।
· अभियान : इंटरैक्टिव और प्रभावशाली गतिविधियों के माध्यम से सहभागिता बढ़ाना।
यह व्यापक संरचना न केवल छात्रों को जोड़ती है, बल्कि शिक्षकों के लिए संरचित प्रशिक्षण प्रदान करके स्कूलों को भी मजबूत बनाती है, उन्हें अपने पाठ्यक्रम में सड़क सुरक्षा शिक्षा को एकीकृत करने और दीर्घकालिक सामुदायिक प्रभाव को बढ़ावा देने के लिए तैयार करता है। भाग लेने वाले स्कूलों में सड़क सुरक्षा क्लब बनाकर, कार्यक्रम सुनिश्चित करता है कि साथी से साथी सीखें और सहयोगी पहल के माध्यम से निरंतर जुड़ाव सुनिश्चित हो।
बैंगलोर के इस कार्यक्रम की एक खास विशेषता छात्रों की रचनात्मक भागीदारी थी , जिन्होंने पोस्टर बनाने, स्किट, गाने, मैड ऐड्स और तथ्य–आधारित वीडियो प्रस्तुतियों जैसी गतिविधियों के माध्यम से सड़क सुरक्षा के बारे में अपनी समझ का प्रदर्शन किया। इन इंटरैक्टिव प्रारूपों ने सीखने को आकर्षक और प्रभावशाली बना दिया, साथ ही सुरक्षित सड़कों के लिए अभिनव समाधानों को प्रेरित किया।
कार्यक्रम का समापन एक पुरस्कार समारोह के साथ हुआ। इसमें छात्रों, शिक्षकों और स्कूलों के असाधारण प्रयासों को सम्मानित किया गया, जिन्होंने कार्यक्रम के प्रभाव को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके अभिनव योगदान ने सड़क सुरक्षा के संदेश को ज्यादा दर्शकों तक पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
इस अवसर पर उपस्थित मुख्य अतिथि – डॉ. अनिल कुमार, बैंगलोर यातायात पुलिस विभाग ने कहा, “टोयोटा सुरक्षा शिक्षा जैसे कार्यक्रम जिम्मेदार सड़क व्यवहार को बढ़ावा देने में प्रारंभिक शिक्षा और सामुदायिक भागीदारी के शक्तिशाली प्रभाव को प्रदर्शित करते हैं। स्कूली बच्चों पर ध्यान केंद्रित करके, टीकेएम सफलतापूर्वक एक पीढ़ी को अपने परिवारों और समुदायों में बदलाव का नेतृत्व करने के लिए सशक्त बना रहा है। छात्रों द्वारा दिखाई गई रचनात्मकता और उत्साह सड़क सुरक्षा के लिए दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को प्रेरित करने में इस पहल की प्रभावशीलता को उजागर करता है। सड़क दुर्घटनाओं को कम करने और नागरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए टोयोटा का समर्पण राष्ट्रीय सुरक्षा लक्ष्यों की दिशा में कॉर्पोरेट योगदान के लिए एक सराहनीय मानक स्थापित करता है।“
अपने विचार साझा करते हुए , टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के मुख्य संचार अधिकारी, सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और राज्य मामलों के प्रमुख, श्री सुदीप दलवी ने कहा , “टोयोटा में, सड़क सुरक्षा के प्रति हमारी प्रतिबद्धता सुरक्षित कारों के निर्माण से कहीं आगे तक फैली हुई है; हम समाज के साथ मिलकर आगे बढ़ने और जिस समुदाय की सेवा करते हैं उसके लोगों के जीवन को समृद्ध बनाने का प्रयास करते हैं। सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने और व्यवहार में बदलाव लाने के ज़रिए, हमारा लक्ष्य सभी के लिए एक सुरक्षित भविष्य बनाना है। 2007 से, टोयोटा सुरक्षा शिक्षा कार्यक्रम जैसी पहल के माध्यम से, हम 800,000 से अधिक छात्रों तक पहुँच चुके हैं, उन्हें ‘सड़क सुरक्षा राजदूत‘ बनने के लिए सशक्त बना रहे हैं जो अपने परिवारों और समुदायों में सकारात्मक बदलाव को प्रेरित करते हैं। यह समग्र दृष्टिकोण समाज को वापस देने और सड़क सुरक्षा जैसी महत्वपूर्ण चुनौतियों का समाधान करने के हमारे मूल दर्शन का प्रतिबिंब है। अपने भागीदारों के साथ मिलकर, हम शून्य सड़क दुर्घटनाओं के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने और पूरे देश में जिम्मेदार सड़क व्यवहार की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए समर्पित हैं।”
टीकेएम ने वर्ष 2001 से शिक्षा, पर्यावरण, सड़क सुरक्षा, कौशल विकास, स्वास्थ्य, स्वच्छता और आपदा प्रबंधन से जुड़ी पहलों के माध्यम से सामुदायिक विकास में सक्रिय रूप से योगदान दिया है । इन प्रयासों से, टीकेएम ने 2.3 मिलियन से अधिक लोगों के जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया है, जिससे सुरक्षित, स्वस्थ और अधिक सशक्त समुदाय बनाने के अपने मिशन को बल मिला है। जैसे–जैसे टीएसईपी का विकास जारी है, टीकेएम सड़क दुर्घटनाओं में शून्य मौत करने और भारत को सुरक्षित तथा अधिक जिम्मेदार सड़क उपयोग की संस्कृति की ओर ले जाने के लिए भावी पीढ़ियों को सशक्त बनाने के अपने दृष्टिकोण पर अडिग है ।