बेंगलुरु, फरवरी, 2025- सैमसंग आरएण्डडी इंस्टिट्यूट इंडिया, बैंगलोर (एसआरआई-बी) ने सैमसंग के प्रमुख वैश्विक नागरिकता कार्यक्रम सैमसंग इनावेशन कैम्पस (एसआईसी) का उद्घाटन किया है। यह उद्घाटन कर्नाटक के पहले ऑल-वूमन्स इंजीनियरिंग कॉलेज, गीता शिशु शिक्षण संघ (जीएसएसएस) इंस्टिट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नोलॉजी फॉर वूमन, मैसूर में हुआ है। यह पहल स्टेम में जेंडर इक्वैलिटी को बढ़ावा देने और टेक्नोलॉजी में महिला लीडर्स की नई पीढ़ी तैयार करने के लिये सैमसंग की अटूट प्रतिबद्धता दिखाती है।
एसआईसी प्रोग्राम सितंबर 2022 में लॉन्च हुआ था और इसमें एक विस्तृत पाठ्यक्रम होता है, जो प्रमुख टेक्नोलॉजी कौशल पर फोकस करता है। इनमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस/ मशीन लर्निंग, बिग डाटा और कोडिंग एवं प्रोग्रामिंग शामिल हैं। यह विशेष तौर पर सैमसंग के वैश्विक शोध एवं विकास विशेषज्ञों द्वारा डिजाइन किये जाते हैं, ताकि भारत के युवाओं को उद्योग के लिये तैयार किया जा सके। इस पहल में नामित होने वाले विद्यार्थियों को कक्षा के भीतर विशेषज्ञ ऑफलाइन एवं ऑनलाइन प्रशिक्षण लेने का मौका मिलेगा। वे एसआरआई-बी और जीएसएसएस इंस्टिट्यूट के मेंटर्स के मार्गदर्शन में अभिनव परियोजनाओं पर काम करेंगे।
एसआरआई-बी के कॉर्पोरेट वाइस प्रेसिडेंट और मैनेजिंग डायरेक्टर मोहन राव गोली ने कहा, ‘‘सैमसंग में हमारा मानना है कि सभी को समान अवसर मिलने से नए विचारों को बढ़ावा मिलता है। कर्नाटक के पहले महिला इंजीनियरिंग कॉलेज में सैमसंग इनोवेशन कैंपस (एसआईसी) का उद्घाटन करते हुए हमें बहुत खुशी हो रही है। इस जगह पर, प्रतिभाशाली विद्यार्थी खोज और प्रयोग करते हुए, टेक्नोलॉजी की सीमाओं को पार करेंगे। सरकार के #DigitalIndia और #MakeinIndia अभियानों के अनुसार, इससे विद्यार्थी देश के भीतर टेक्नोलॉजी में प्रगति करने के लिए सशक्त होंगे। हमें उम्मीद है कि भविष्य में महिला लीडर तैयार होंगी, जो टेक्नोलॉजी से दुनिया को बनाएंगी, नए विचार लाएंगी और बदलाव लाएंगी।
साल 2024 में, सैमसंग साउथवेस्ट एशिया ने 3500 विद्यार्थियों को नामित कर एसआईसी की पहुँच को बढ़ाया था, जबकि 2023 में ऐसे विद्यार्थियों की संख्या 3000 थी। एसआईसी और सैमसंग सॉल्व फॉर टूमॉरो (एसएफटी) जैसी पहलों के माध्यम से कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व के लिये सैमसंग की वर्तमान प्रतिबद्धता उसका मिशन दिखाती है। कंपनी टेक्नोलॉजी में भारत के भविष्य के लीडर्स को बढ़ावा देने तथा प्रशिक्षित करने के मिशन पर है। ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से सैमसंग लगातार भारत के युवाओं को सहयोग दे रही है। कंपनी उन्हें ऐसे कौशल से लैस कर रही है, जो उनके निजी तथा पेशेवर विकास के साथ-साथ भारत को भी दुनिया के टेक्नोलॉजी हब के तौर पर सशक्त करती हैं।
जीएसएसएस (आर), मैसूर की सेक्रेटरी अनुपमा बी. पंडित ने कहा, ‘‘एसआरआई-बी के साथ हमारी साझेदारी का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि इसका अधिकतम प्रभाव पड़े। इसमें उद्योग के लिए प्रासंगिक पाठ्यक्रम, उच्च स्तर के कौशल, मजबूत तकनीकी आधार और कैपस्टोन परियोजनाओं के माध्यम से प्रायोगिक अवसर शामिल हैं। यह पहल #DigitalIndia को मजबूत करने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह डिजिटल कौशल की कमी को दूर करेगा और महिलाओं को भविष्य के कार्यबल के रूप में तैयार करेगा। एक संरचित पाठ्यक्रम के माध्यम से, छात्रों को समस्याओं को हल करने और उभरती हुई तकनीकों में व्यावहारिक अनुभव मिलेगा। इससे उनकी रोजगार क्षमता और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा। हम इस महत्वपूर्ण भागीदारी के लिए एसआरआई-बी की सराहना करते हैं, क्योंकि यह नई महिला प्रौद्योगिकीविदों को प्रौद्योगिकी में आगे बढ़ने के लिए सशक्त बनाता है।’’
एसआरआई-बी ने कर्नाटक के सात अन्य संस्थानों में भी एसआईसी स्थापित किये हैं। इनमें बीएनएम इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, कैम्ब्रिज इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (मेन और नॉर्थ कैम्पसेस), डॉन बॉस्को इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, केएलई इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, आरएनएस इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आरएनएसआईटी) बेंगलुरु और आईआईआईटी- कुरनूल शामिल हैं। यहाँ 800 से अधिक विद्यार्थियों को अनिवार्य कुशलताओं का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि उन्हें टेक्नोलॉजी के कार्यक्षेत्र में संबद्ध अवसर मिल सकें।