बर्निग ट्रेन बनी ग्वालियर-बरौनी मेल

कानपुर से झांसी की ओर आ रही बरौनी-ग्वालियर ट्रेन में मोंठ स्टेशन पर अचानक आग लग गई। इस अग्निकांड में ट्रेन की चार बोगी जलकर खाक हो गई। सोमवार देर रात तक आग पर काबू नहीं पाया जा सका था। आग बुझाने में मोंठ फायर स्टेशन की एकमात्र गाड़ी जूझ रही थी। आग बुझाने के लिए उरई व झांसी से फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को बुलाया गया। फिलहाल आग से किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।

बरौनी-ग्वालियर मेल रात लगभग नौ बजे मोंठ स्टेशन पर पहुंची। दो मिनट के बाद जब ट्रेन आगे बढ़ी, तभी अचानक झटके के साथ रुक गई। यात्रियों ने समझा कि किसी ने चेन पुलिंग की है। यात्रियों ने नीचे उतरकर प्लेटफॉर्म पर देखा तो बोगी संख्या एस-8 से धुंआ निकल रहा है, जिससे यात्रियों, स्टेशन स्टाफ व पुलिस बल में अफरातफरी मच गई। देखते ही देखते सारी ट्रेन खाली हो गई। स्टेशन मास्टर ने मोंठ फायर स्टेशन को तुरन्त इसकी सूचना दी।

जब तक फायर ब्रिगेड की गाड़ी आती तब तक एस-8 और एस-9 बोगी धू-धू कर जलने लगी। फायर ब्रिगेड ने आग बुझाने की पूरी कोशिश की, लेकिन आग पर काबू नहीं पाया जा सका। फायर ब्रिगेड के टैंकर का पानी खत्म हो जाने पर वह पानी लेने चली गई, तब तक आग ने एस-8, 9 के साथ बोगी संख्या एस-10 व 11 को भी बुरी तरह अपनी चपेट में ले लिया। जिससे चारों बोगी जलकर खाक हो गईं। आग लगने का कारण संदिग्ध बना हुआ है। अनुमान लगाया जा रहा है कि शॉर्ट-सर्किट से आग लगी है।

घटना की सूचना पाकर उपजिलाधिकारी राजेश प्रसाद तिवारी, क्षेत्राधिकारी राजेन्द्रधर द्विवेदी, कोतवाली निरीक्षक विजय बहादुर दल-बल के साथ स्टेशन पहुंचे। ट्रेन में आग लगने की खबर पाकर कस्बावासी भी बड़ी संख्या में स्टेशन पहुंच गए। घटना के संबंध में लखनऊ से दतिया जा रहे सुधीर कुमार कश्यप पुत्र बृजलाल कश्यप निवासी दतिया तथा सोनू सिंह, सुजान सिंह निवासी सचेंडी कानपुर ने बताया कि समय से आग लग जाने की खबर का पता लगने से सभी यात्री सकुशल गाड़ी से बाहर आ गए। इस बीच, उरई से इंजन मोंठ स्टेशन पहुंच चुका था। एस-7 डिब्बे को एस-8 से अलग कर दिया गया था।

गौरतलब है कि इससे 15 दिन पहले मोंठ स्टेशन पर एक पैसेंजर गाड़ी में ब्रेक टाइट हो जाने से बोगी से धुंआ निकला था, तब गाड़ी रोक उसको ठीक किया गया था।

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