नई दिल्ली, मार्च 2025: ब्रोकरेज फर्म नुवामा ने ‘सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) लिमिटेड’ के शेयर 1436 रुपये के टार्गेट के साथ खरीदने की सलाह दी है। 17 मार्च, 2025 को कंपनी के शेयर 1062.95 रुपये के भाव पर बंद हुए थे, इस तरह शेयर का भाव 35% ऊपर तक जा सकता है।
मजबूत वित्तीय स्थिति: एक दशक के ही अंदर सिग्नेचर ग्लोबल को दिल्ली-एनसीआर के सबसे बड़े डेवलपरों में शुमार किया जाने लगा है। शुरुआत अफोर्डेबल हाउसिंग से हुई, और जल्द ही तेजी से प्रोजेक्ट लांच और समय से डिलीवरी के लिए ख्याति अर्जित की। कोविड के बाद कंपनी ने गियर बदलते हुए प्रीमियम हाउसिंग में कदम रखा, और फलस्वरूप वित्तीय वर्ष 2021 से लेकर दिसंबर, 2024 तक सेल्स बुकिंग में 7.6 गुना बढ़ोतरी दर्ज हुई है।
मजबूत कैश फ्लो और कम वर्किंग कैपिटल की जरूरत के चलते सिग्नेचर ग्लोबल जल्द ही ‘नेट कैश’ स्थिति में पहुंचने की ओर अग्रसर है। इसके साथ-साथ रियल एस्टेट मार्केट में तेजी और प्रीमियम हाउसिंग में रूपांतरण से वित्तीय वर्ष 2025-27 के बीच प्री-सेल्स में 21% की चक्रवृद्धि तेजी दर्ज होने का अनुमान है।
लैंड बैंक में विस्तार और मजबूत लाभ: भविष्य में लांच होने वाले प्रोजेक्टों के लिए सिग्नेचर ग्लोबल के पास 21 मिलियन वर्ग फीट से अधिक का लैंड बैंक है, जिसकी बिक्री क्षमता 35,000 करोड़ रुपये है। दूर की सोच के साथ कंपनी ने दक्षिणी पेरिफेरल रोड (एसपीआर), द्वारका एक्सप्रेसवे और सोहना में जमीन खरीदी है।
जमीन का मूल्य कम (प्री-सेल्स वैल्यू का मात्र 10-15%) रखकर कंपनी ने 35% का स्वस्थ प्रॉफिट मार्जिन सुनिश्चित किया है, जिसके 40% तक पहुंचने की क्षमता है।
प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त और वित्तीय स्थिरता: सीमित सप्लाई और विश्वस्त डेवलपरों के प्रति ग्राहकों के झुकाव के कारण सिग्नेचर ग्लोबल जैसे टॉप डेवलपरों के प्रोजेक्ट तुरंत बिक जाते हैं। इसके कारण कार्यशील पूँजी (वर्किंग कैपिटल), और प्री-सेल्स की तुलना में प्रति यूनिट पूंजीगत निवेश की बहुत कम जरूरत पड़ती है।
मजबूत कलेक्शन और कुशल ऑपरेशन के कारण सिग्नेचर ग्लोबल ऋण स्तर कम रखते हुए भी लैंड होल्डिंग का विस्तार कर पाई है।
वित्तीय वर्ष 2027 तक नेट-कैश स्थिति का अनुमान: बढ़ते कैश कलेक्शन और बेहतर होती लाभप्रदता के चलते फ्री कैश फ्लो में लगातार बढ़ोतरी होने की आशा है। नुवामा का मानना है कि कंपनी वित्तीय वर्ष 2027 के अंत तक नेट-कैश स्थिति प्राप्त करने की राह पर है, जोकि इसकी वित्तीय स्थिरता और दीर्घकालीन विकास क्षमता को दर्शाता है।