बेंगलुरु, अप्रैल, 2025: बेंगलुरु मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीएमआरसीएल), बेंगलुरु मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (बीएमटीसी) और इलेक्ट्रॉनिक्स सिटीइंडस्ट्रीज एसोसिएशन (ईएलसीआईए) ने टोयोटा मोबिलिटी फाउंडेशन (टीएमएफ) और डब्ल्यूआरआई इंडिया के साथ मिलकर आज ” स्टैम्प: नजिंग कम्यूटरबिहेवियर” लॉन्च किया। यह एक अग्रणी पहल है जो यात्रियों को निजी वाहनों से सार्वजनिक परिवहन के उपयोग के लिए प्रोत्साहित करने में व्यवहार विज्ञान औरप्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाती है।
नम्मा मेट्रो येलो लाइन का 2025 में आगे चलकर शुरू होना निर्धारित है। इसके साथ, बेंगलुरु के सबसे बड़े रोजगार केंद्रों में से एक – इलेक्ट्रॉनिक सिटी शहर सेबेहतर ढंग से जुड़ा होगा। यह विस्तार एक लाख से अधिक नौकरियों को मेट्रो नेटवर्क के करीब लाएगा, जो निजी परिवहन के लिए एक द्रुत और ज्यादा समय तक चलते रहने वाला विकल्प प्रदान करेगा। हाल ही में ईएलसीआईए और इलेक्ट्रॉनिक्स सिटी इंडस्ट्रियल टाउनशिप अथॉरिटी (ईएलसीआईटीए) के सहयोग से लॉन्चकी गई बीएमटीसी फीडर बसें, इलाके में पहले और अंतिम मील की कनेक्टिविटी प्रदान कर रही हैं।
टीएमएफ और डब्ल्यूआरआई इंडिया के नेतृत्व वाला स्टेशन एक्सेस एंड मोबिलिटी प्रोग्राम (स्टैम्प या एसटीएएमपी) भारतीय शहरों में सार्वजनिक परिवहन लेने केलिए कनेक्टिविटी के अंतर को पाटने के लिए काम कर रहा है। इसके लिए अनुसंधान को इलेक्ट्रिक ऑटोरिक्शा से लेकर कारपूलिंग ऐप तक के अभिनव पायलट से जोड़ा जा रहा है। स्टैम्प को 2017 में बेंगलुरु में लॉन्च किया गया था। तब से यह छह शहरों: हैदराबाद, कोच्चि, मुंबई, पुणे, नागपुर और दिल्ली में फैल चुका है। इससे 50,000 से ज़्यादा लास्ट-माइल मेट्रो ट्रिप संभव हो पाई है और यात्रियों के 240,000 मिनट बच पाए हैं। चार-चरण मॉडल का उपयोग करके, यह कमियों कीपहचान करता है और प्रत्येक शहर की मेट्रो प्रणाली के आधार पर समाधानों को अनुकूलित करता है।
टोयोटा मोबिलिटी फाउंडेशन और डब्ल्यूआरआई इंडिया ने 2023 में एक वर्किंग पेपर जारी किया था जिसका शीर्षक है, ” भारत में मेट्रो तक पहुँच में सुधार: तीनशहरों के साक्ष्य“। इसमें यह दिखाया गया है कि यात्री अंतिम मील की लागत और प्रतीक्षा समय के कारण मेट्रो के उपयोग से बचते हैं। वे यह भी दिखाते हैं कि उच्चआय वाले यात्री ( ₹60,000/माह से अधिक कमाने वाले ) शायद ही कभी मेट्रो सेवाओं का उपयोग करते हैं, महंगे अंतिम मील विकल्पों के कारण निजी वाहनों कोप्राथमिकता देते हैं। नागपुर और दिल्ली जैसे शहरों की तुलना में, बेंगलुरु के यात्रियों को अंतिम मील की लागत अधिक होती है, जिससे मेट्रो की पहुँच एक चुनौती बनजाती है। व्यवहार विज्ञान शहरी गतिशीलता में एक महत्वपूर्ण उपकरण के रूप में उभर रहा है, जो डेटा-संचालित हस्तक्षेपों को सक्षम बनाता है और यात्रियों की आदतबदलता है तथा सार्वजनिक परिवहन को पसंदीदा विकल्प बनाता है।
स्टैम्प: नजिंग कम्यूटर बिहेवियर में यात्रियों के एक विशिष्ट वर्ग पर ध्यान केंद्रित करके बेंगलुरु, हैदराबाद, कोच्चि और मुंबई में पिछले स्टैम्प संस्करणों की सीख औरसफलता को आत्मसात किया गया है : उच्च आय वाले व्यक्ति जो सार्वजनिक परिवहन के पसंदीदा उपयोगकर्ता हैं। स्टैम्प के पिछले संस्करणों से पता चला है किनागपुर और दिल्ली जैसे शहरों की तुलना में बेंगलुरु में संपन्न यात्रियों के लिए अंतिम मील कनेक्टिविटी की लागत अधिक है।
टोयोटा मोबिलिटी फाउंडेशन एशिया के कार्यकारी कार्यक्रम निदेशक प्रस गणेश ने कहा, “टोयोटा मोबिलिटी फाउंडेशन ने भारतीय शहरों में मेट्रो सवारियों कोअधिक से अधिक अपनाने को प्रोत्साहित करने के लिए लगभग 10 साल पहले डब्ल्यूआरआई इंडिया के साथ स्टैम्प कार्यक्रम शुरू किया था। ऐसा इसलिए है क्योंकिहम सभी के लिए मोबिलिटी को सक्षम करने और स्थायी भीड़भाड़ को कम करने के लिए एकीकृत मल्टी मॉडल मोबिलिटी की आवश्यकता में विश्वास करते हैं। पिछलेकुछ वर्षों में हमने पहचाना है कि मानव केंद्रित डेटा-संचालित समाधानों में स्थायी परिवहन की दिशा में दीर्घकालिक सांस्कृतिक बदलावों को बढ़ावा देने की क्षमताहै। इस बार हमारा लक्ष्य स्थानीय हितधारकों, व्यवसायों और नवप्रवर्तकों के साथ मिलकर काम करना है, ताकि व्यवहार में ऐसे बदलाव किए जा सकें जो इस शहर केनिवासियों के लिए सार्वजनिक परिवहन को अधिक आकर्षक और कुशल बना सकें”।
बैंगलोर मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक, महेश्वर राव, आईएएस ने कहा, “आगामी येलो लाइन के साथ बेंगलुरु का मेट्रो नेटवर्क विस्तारित हो रहाहै, इसलिए हम हर घंटे सड़कों से हज़ारों वाहनों को हटाकर भीड़भाड़ को काफी हद तक कम करने की उम्मीद करते हैं। हम इलेक्ट्रॉनिक सिटी की कंपनियों को अपनेकर्मचारियों को सार्वजनिक परिवहन अपनाने के लिए सक्रिय रूप से प्रोत्साहित करने के लिए आमंत्रित करते हैं। हम संगठनों को उनकी विशिष्ट आवश्यकताओं केअनुरूप अभिनव समाधान और चुनौतियाँ प्रस्तावित करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। साथ मिलकर, हम आवागमन के अनुभवों को बेहतर बना सकते हैं और पर्यावरणव स्थिरता के मुद्दों से निपट सकते हैं।”
बीएमटीसी के मुख्य यातायात प्रबंधक (संचालन) जीटी प्रभाकर रेड्डी ने कहा, “बीएमटीसी 6,800 बसों का बेड़ा संचालित करता है और हर दिन 61,000 से अधिकट्रिप पूरी करता है। इससे बेंगलुरु में 40 लाख से अधिक लोग यात्रा करते हैं। लेकिन अधिक बसें और नये मार्ग जोड़ना पर्याप्त नहीं है। सार्वजनिक परिवहन का उपयोग ज्यादा लोग करें इसे सुनिस्चित करने के लिए, हमें इससे होने वाले अनुभव को भी बेहतर करने की ज़रूरत है। इसका मतलब है कि इसे बेहतर डिज़ाइन, स्पष्टजानकारी और छोटे-छोटे प्रयासों के ज़रिए आसान, सुरक्षित और अधिक आरामदायक बनाया जाये। हमारे बढ़ते इलेक्ट्रिक बस बेड़े और फीडर सेवाओं के साथ, हमसार्वजनिक परिवहन को बेंगलुरु में आवागमन की पहली पसंद बनाने के लिए मेट्रो के साथ मिलकर काम कर रहे हैं”।
इलेक्ट्रॉनिक्स सिटी इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (ईएलसीआईए) के एक प्रवक्ता ने कहा, “इलेक्ट्रॉनिक सिटी लंबे समय से नवाचार के मामले में सबसे आगे रही है औरगतिशीलता में सुधार करना एक अधिक टिकाऊ और कुशल शहरी पारिस्थितिकी तंत्र के लिए हमारे दृष्टिकोण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। व्यवहार विज्ञान औरप्रौद्योगिकी का लाभ उठाकर, स्टैम्प: नजिंग कम्यूटर बिहेवियर गतिशीलता के बुनियादी ढांचे और उपयोगकर्ता पैटर्न में अंतराल की पहचान करने, सार्वजनिक परिवहनको लोकतांत्रिक बनाने, यात्रियों द्वारा उपयोग को बढ़ाने, भीड़भाड़ को कम करने में मदद करेगा – जिसका उद्देश्य इलेक्ट्रॉनिक सिटी के आसपास हजारों ईएलसीआईए के सदस्य कर्मचारियों और निवासियों के लिए अंतिम-मील कनेक्टिविटी में सुधार करना है“।
टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के कंट्री हेड और एक्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट (कॉरपोरेट मामले एवं गवर्नेंस) विक्रम गुलाटी ने कहा, “भारत की तेज़ आर्थिक वृद्धि औरशहरीकरण लोगों और सामानों की आवाजाही में उल्लेखनीय वृद्धि कर रहे हैं। इससे भारत में ऊर्जा की खपत तथा उत्सर्जन में वृद्धि होगी। भारत के ऊर्जा–संबंधितकार्बन डायऑक्साइड (CO₂) उत्सर्जन में परिवहन क्षेत्र का हिस्सा पहले से ही 12 % है। ऐसे में इन चुनौतियों का सामना करने के लिए कुशल सार्वजनिक परिवहनकी ओर जाना एक महत्वपूर्ण बदलाव है, लेकिन केवल बुनियादी ढाँचे में वृद्धि से अपेक्षित परिणाम नहीं मिलेंगे। टोयोटा में, एक मोबिलिटी कंपनी के रूप में, हममानते हैं कि सबसे प्रभावशाली हस्तक्षेपों में से एक मोबिलिटी के प्रति नागरिकों के बीच सार्थक व्यवहार परिवर्तन प्राप्त करना होगा। हमें इस परियोजना का समर्थनकरने पर गर्व है – सार्वजनिक परिवहन को व्यापक रूप से अपनाने और एक स्वच्छ, अधिक कुशल शहरी मोबिलिटी इकोसिस्टम बनाने के लिए व्यवहार विज्ञान औरप्रौद्योगिकी को एक साथ लाना होगा।
डब्ल्यूआरआई इंडिया के कार्यकारी निदेशक – एकीकृत परिवहन, स्वच्छ वायु और हाइड्रोजन, पवन मुलुकुटला, ने कहा, “यात्रियों के व्यवहार को बड़े पैमाने परबदलने के लिए, हमें बुनियादी ढांचे से आगे जाकर यह देखना होगा कि लोग सार्वजनिक परिवहन का उपयोग कैसे करते हैं। व्यवहार विज्ञान वह अगला क्षेत्र है। स्टैम्पनज के माध्यम से, हमारा लक्ष्य लक्षित, डेटा-संचालित समाधान सक्षम करना है जो सार्वजनिक परिवहन और सार्वजनिक परिवहन के लिए अंतिम-मील कनेक्टिविटीको सहज, सुविधाजनक और इलेक्ट्रॉनिक सिटी के बढ़ते आईटी कर्मचारियों के लिए पसंदीदा विकल्प बनाता है।”