नई दिल्ली जून, 2025- महिन्द्रा युनिवर्सिटी ने डॉक्टर जयराम रघुनाथ को स्कूल ऑफ लॉ का नया डीन नियुक्त करने की घोषणा की है। डॉक्टर रघुनाथ एक निपुण शिक्षाविद, विधि शिक्षक और शोधकर्ता हैं जिन्हें कानून में 25 वर्ष से अधिक का गहरा अनुभव है और उन्होंने कॉरपोरेट प्रैक्टिस और संस्थागत नेतृत्व किया है।
महिन्द्रा युनिवर्सिटी में आने से पूर्व डॉक्टर रघुनाथ ने जीडी गोयनका युनिवर्सिटी और मणिपाल युनिवर्सिटी, जयपुर में डीन के तौर पर सेवाएं दी हैं। वह संस्थागत मध्यस्थता केंद्रों की स्थापना समेत विधि शिक्षा में पेशेवर अभ्यास को एकीकृत करने के अग्रणी प्रयासों की अगुवाई की और उनके द्वारा स्थापित मध्यस्थता केंद्रों को एपीसीएएम द्वारा सर्वोत्तम एडीआर नवप्रवर्तन के तौर पर मान्यता दी गई। सीखने वालों पर केंद्रित और उद्योग के अनुरूप पाठ्यक्रम डिजाइन और अनुदेशात्मक डिजाइन पर विशेष जोर के साथ ही सीखने का आश्वासन और टेक्नोलॉजी एकीकरण में उनकी विशेषज्ञता है जिससे भविष्य के अनुरूप शिक्षा में नवप्रवर्तन को प्रोत्साहन मिल रहा है।
इस युनिवर्सिटी में डॉक्टर रघुनाथ का स्वागत करते हुए महिन्द्रा युनिवर्सिटी के कुलपति डॉक्टर यजुलू मेदुरी ने कहा, “हमें स्कूल ऑफ लॉ के डीन के तौर पर डॉक्टर जयराम रघुनाथ का स्वागत करते हुए बेहद खुशी है। उनका दूरदर्शी नेतृत्व और नवप्रवर्तन एवं अकादमिक उत्कृष्टता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता, विधि शिक्षा की नए सिरे से कल्पना करने के महिन्द्रा युनिवर्सिटी के मिशन के अनुरूप है। जैसा कि हम भविष्य में ऐसे कानूनी पेशेवर तैयार करने के लिए प्रयासरत हैं जो एक गतिशील वैश्विक परिदृश्य की जटिलताओं का पता लगा सकें, डॉक्टर रघुनाथ का नेतृत्व एक ऐसे विश्वस्तरीय, अंतरक्षेत्रीय विधि पारितंत्र का निर्माण करने में सहायक होगा जिसकी जड़ें नवप्रवर्तन, नैतिकता और प्रभाव में शामिल हों।”
अपनी नियुक्ति पर प्रतिक्रिया देते हुए डॉक्टर जयराम रघुनाथ ने कहा, “यह भारत में विधि शिक्षा के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है और मैं महिन्द्रा युनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ लॉ का नेतृत्व करने को लेकर उत्साहित हूं क्योंकि यह एक मजबूत विजन और वैश्विक नजरिये के साथ नए मोर्चे पर अग्रणी है। हम टेक्नोलॉजी, अंतरक्षेत्रीय सीख और नैतिकता एवं सामाजिक न्याय पर बढ़ते जोर के शक्तिशाली मिलन के साक्षी बन रहे हैं। मैं इस युनिवर्सिटी में एक ऐसे गतिशील पारितंत्र को पोषण देने की उम्मीद करते हैं जो नवप्रवर्तन, नैतिकता और सामाजिक जिम्मेदारी के साथ अकादमिक परिश्रम को जोड़ता हो।”
डॉक्टर रघुनाथ, बार काउंसिल ऑफ इंडिया की निरीक्षण समिति में निरंतर सेवाएं दे रहे हैं और उन्होंने पाठ्यक्रम डिजाइन, अंतरराष्ट्रीय गठबंधन, विधि शिक्षा के डिजिटल परिवर्तन और परिणाम आधारित सीख में उल्लेखनीय योगदान किया है।