बराकर गौशाला कमेटी पर तानाशाही का आरोप, प्रेस वार्ता आयोजित

पूर्व कमेटी से जुड़े पदाधिकारियों ने कहा – गौ वंशों के सेवा के चंदे में हेरफेर, किचेन कैबिनेट की तर्ज पर कमेटी का संचालन
गौशाला है पूरे मारवाड़ी समाज की संस्था, जल्द होगी सामाजिक बैठक
बराकर (आसनसोल)। बराकर पिंजरापोल सोसाइटी (गौशाला) में विगत एक वर्ष से भी अधिक समय से विवाद चल रहा है। इसी के मध्य दस दिनों पूर्व नई कमेटी का गठन कर लिया गया। उक्त कमेटी को फेक और तानाशाही कमेटी बताते हुए बराकर मारवाड़ी समाज से तथा गौशाला कमेटी से जुड़े रहे लोगों ने मंगलवार को बराकर हाटतल्ला में एक प्रेस वार्ता आयोजित की। प्रेस वार्ता को वरिष्ठ समाजसेवी सह उद्योगपति ओम प्रकाश केजरीवाल सहित गौशाला कार्यकारिणी से जुड़े रहे तीन लोग दिलीप गुप्ता, घनश्याम बंसल और मनोज पोद्दार ने संबोधित किया।
प्रेस वार्ता के दौरान उपस्थित लोगों ने कहा कि दूध वितरण में अनियमितता, सदस्यों को बिना जानकारी के हटाना, गौशाला एक विशेष समूह द्वारा दखल करना, चंदा के पैसों की हेरफेर, गायों की देखभाल में कमी, मृत गौवंशों का अंतिम संस्कार नहीं करना, गौशाला प्रांगण में अपशब्द और गुंडागर्दी करना, सदस्यों एवं समाज का मान मर्दन करना सहित करीब एक दर्जन आरोपों से गौशाला कमेटी घिरी हुई है जिसका निराकरण हेतु समाज की बैठक बुलाई जाएगी।
श्री केजरीवाल ने बताया कि गौशाला में तानाशाही ढंग से कमेटी का गठन कर चंद लोगों ने 8 पदाधिकारियों की घोषणा कर डाली है जो मारवाड़ी समाज बर्दाश्त नहीं करने वाला है क्या कि गौशाला समूचे समाज की संस्था है। उन्होंने आरोप लगाया कि दूध देने वाली गायों एवं नाठी गायों के बीच सेवा में भेदभाव पूर्ण रवैया इख्तियार किया जाना एक अक्षम्य अपराध की श्रेणी में आता है। जल्द ही मारवाड़ी समाज की एक बैठक का आयोजन गौशाला में चल रही मनमानी और गड़बड़ियों के खिलाफ आयोजित की जाएगी। कमेटी का गठन समाज को लेकर किया जाना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि सामाजिक बैठक में हुए निर्णय को अगर गौशाला कमेटी नहीं मानती है तो उनके खिलाफ प्रशासनिक अथवा अदालती कार्रवाई के लिए अपील की जाएगी। समाज को जोड़कर ही सामाजिक संस्थाओं का विकास संभव है। दिलीप गुप्ता ने खुद को वर्तमान में भी गौशाला का अध्यक्ष घोषित किया और कहा कि 8 से 10 लोग गौशाला को अपनी जागीर समझते हैं , यह उनकी भूल है। 15 जून 2025 को नई कार्यकारिणी की घोषणा को वे और समाज के अन्य लोग कभी नहीं मानने वाले हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि गौशाला सुधार हेतु कोई भी अगर आवाज़ उठता है तो उसे असामाजिक घोषित कर दिया जाता है जबकि असामाजिक तो वर्तमान स्वघोषित कमेटी के पदाधिकारी हैं। उन्होंने गौशाला को लेकर चल रहे एक साल से विवाद का मुख्य कारण अर्जुन अग्रवाल, बालमुकुंद अग्रवाल और शिवकुमार अग्रवाल को बताया। उन्होंने कहा कि शिवकुमार अग्रवाल कान के कच्चे और आंखों के अंधे व्यक्ति हैं, उनसे समाज सुधार की कोई अपेक्षा नहीं होनी चाहिए। मनोज पोद्दार ने कहा कि एक साल से लगातार गौशाला को लेकर आरोप लगाए गए हैं जो प्रामाणिक हैं और सभी गौशाला से जुड़े लोगों एवं स्मारिका में दिए आंकड़ों के आधार पर हैं, ऐसे में वर्तमान पदाधिकारी अगर दूध के धुले हुए हैं तो वे श्वेत पत्र क्यों नहीं जारी करते या फिर समाज के सामने आकर उठ रहे प्रश्नों का जवाब क्यों नहीं देते? उन्होंने आगे चुनौती देते हुए कहा कि गौशाला कमेटी ने पिछले दिनों प्रेस वार्ता में हमारे आरोपों पर किए पत्रकारों के सवाल का गोलमोल जवाब दिया, अगर उनके पास जवाब है तो वे हमसे डेबिट करके मीडिया और समाज के समक्ष अपनी स्पष्टता और सत्यता उजागर करे। घनश्याम बंसल ने कहा कि गायों की सेवा के नाम पर केवल पैसों की बंदरबाट की जाती है जिसका हम सभी खुलकर विरोध कर रहे हैं। गौशाला कमेटी में रहते हुए भी मैंने विरोध किया तो मुझे पद से हटा दिया गया।

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