उच्च शिक्षण संस्थानों में पशु कल्याण समितियों का होगा गठन

नयी शिक्षा नीति के तहत केंद्र के निर्देश पर यूजीसी ने किया अनिवार्य

25 जून 2025। शिक्षा नीति 2020 के तहत उच्च शिक्षण संस्थानों के विद्यार्थियों में नैतिक, मानवीय और संवैधानिक मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए इन संस्थानों में पशु कल्याण समितियों का गठन होगा।
केंद्र के निर्देश पर यूजीसी सचिव प्रो मनीष जोशी ने 13 जून को जारी किए पत्र में विवि के कुलपति, कॉलेजों के प्राचार्य व संस्थानों के निदेशक को पत्र भेज कर इस दिशा में अनिवार्य रूप से कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. इसकी स्थापना नयी शिक्षा नीति के तहत की जायेगी।
श्रमण डॉ पुष्पेन्द्र ने इस ऐतिहासिक निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि जब उच्च शिक्षण संस्थानों में पशु कल्याण समितियों के स्थापना का मुख्य उद्देश्य शैक्षणिक संस्थानों के छात्रों के बीच सहानुभूति, करुणा, सहयोग और जिम्मेदारी की मजबूत भावना जैसे मूल्यों को अपनाने सहित भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51ए (जी) में नागरिकों से सभी जीवित प्राणियों के प्रति दया दिखाने के उद्देश्य से युवा वर्ग को जागरूक करना रहेगा।


समितियां जागरुकता और शिक्षा कार्यक्रम चलाएंगी –

इसके तहत पशु संरक्षण कानून, पर्यावरण नैतिकता, रोग और पशु देखभाल में सर्वोत्तम प्रथाओं पर व्याख्यान, कार्यशालाएं और फिल्मों की स्क्रीनिंग होगी। कैंपस आधारित पहल में सुरक्षित पशु आहार क्षेत्रों का निर्माण, संकट में पशुओं के लिए प्राथमिक चिकित्सा प्रतिक्रिया दल और स्थानीय पशु चिकित्सालयों या आश्रयों के साथ साझेदारी की जाएगी। पशु संरक्षण कानून के प्रति जागरूकता अभियान, पर्यावरण, पशु देखभाल, व्याख्यान, कार्यशाला आदि का आयोजन किया जायेगा. इसके अलावा पशु आहार, संकट में पड़े पशुओं के लिए प्राथमिक चिकित्सा दल और स्थानीय पशु चिकित्सालयों या आश्रयों के साथ तालमेल रखा जायेगा. साथ ही पशु क्रूरता निवारण अधिनियम और अन्य लागू कानूनों के कार्यान्वयन पर अध्ययन, कानूनी सहायता शिविर और जनहित शोध होंगे. कैंपस में प्लास्टिक के उपयोग और पशु शोषण के विरुद्ध अभियान को बढ़ावा दिया जायेगा. विद्यार्थी पशु क्रूरता निवारण के लिए जिला सोसायटी (एसपीसीए), स्थानीय पशु चिकित्सा अस्पतालों, वन विभागों या बचाव और आपदा प्रबंधन में शामिल संगठनों के साथ इंटर्नशिप कर सकेंगे।
यूजीसी ने विश्वविद्यालयों को इसके गठन और सामुदायिक पहुंच, इंटर्नशिप, रिसर्च फेलोशिप प्रोजेक्ट आदि को बढ़ावा देने की सलाह दी है। पशु कल्याण सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) का एक अभिन्न अंग है। विशेष रूप से एसडीजी 12 (जिम्मेदार उपभोग), एसडीजी 13 (जलवायु कार्रवाई), एसडीजी 15 (भूमि पर जीवन) और एसडीजी 3 (अच्छा स्वास्थ्य और कल्याण) शामिल हैं। इस दृष्टिकोण के अनुरूप, उच्च शिक्षण संस्थान पशुओं के संरक्षण और कल्याण के लिए अपने संस्थानों में पशु कल्याण समितियों (एडब्ल्यूएस) की स्थापना पर विचार कर सकते हैं। पशु कल्याण पहलों में युवाओं को शामिल करने से उनके व्यक्तिगत विकास को बढ़ावा मिल सकता है, उनके शैक्षणिक विकास को बढ़ावा मिल सकता है।

उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व केंद्र द्वारा 25 फरवरी 2025 को भी सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के सचिवों को निर्देश जारी किया था कि सभी बसों और सार्वजनिक वाहनों पर श्ठम ज्ञपदक जव ।दपउंसेश् (पशुओं पर दया करो) स्लोगन को प्रमुखता से प्रदर्शित किया जाए।

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