बड़े सपनों को मिली उड़ान : सैमसंग सॉल्‍व फॉर टुमॉरो ओपन हाउस में दिल्‍ली-एनसीआर और चंडीगढ़ के छात्रों की शानदार प्रस्‍तुति

गुरुग्रामजून 2025: खेतान पब्लिक स्कूल की कक्षाओं में उत्‍साह से भरी चर्चाओं और व्हाइटबोर्ड पर बनाए जाने वाले स्केचेज में अब एक नई सोच और बदलाव की लहर नजर आ रही है। यह बदलाव आ रहा है सैमसंग सॉल्व फॉर टुमॉरो 2025 के ज़रिएजो युवाओं को अपने आइडियाज़ को हकीकत में बदलने का मंच दे रहा है। इस नेशनल इनोवेशन चैलेंज को 29 अप्रैल को शुरू किया गया था और यह देशभर के छात्रों को प्रेरित कर रही है। हाल ही में गाज़ियाबाद, दिल्ली, नोएडा और चंडीगढ़ में आयोजित इसके रोडशो ने यह साबित कर दिया कि अगर युवाओं को सही दिशा और ज़रूरी संसाधन मिलें, तो वे समाज में बड़ा बदलाव ला सकते हैं।

सैमसंग सॉल्‍व फॉर टुमॉरो प्रोग्राम 14 से 22 वर्ष की उम्र के युवाओं को वास्‍तविक जीवन की समस्‍याओं को पहचानने और डिजाइन थिंकिंग का इस्‍तेमाल कर तकनीक आधारित समाधान तैयार करने में सक्षम बनाता है।

इस कार्यक्रम के तहत चार विजेता टीमों को मिलते हैं — 1 करोड़ रूपये, सैमसंग और आईआईटी दिल्ली के विशेषज्ञों से मेंटरशिप, निवेशकों से संपर्क के अवसर और अपने सपनों को साकार करने के लिये प्रोटोटाइप बनाने की सहायता।

हाल के हफ्तों में सैमसंग की टीम ने गाज़ियाबाद के खेतान पब्लिक स्कूल, दिल्ली के लिंगुआ इंस्टीट्यूट और गलगोटिया कॉलेज, और नोएडा के आईटीएस कॉलेज में छात्रों के साथ बातचीत की। इस दौरान युवाओं में जिज्ञासा जगी और कई ऐसे सवाल सामने आए जो दिखाते हैं कि ये छात्र समाज में कुछ बदलाव लाने को लेकर गंभीर हैं।

खेतान पब्लिक स्कूल की कक्षा 12 की छात्रा इशिता के लिए यह रोडशो एक तरह से आंखें खोल देने वाला अनुभव रहा। वह कहती हैं, “मुझे हमेशा लगता था कि इनोवेशन सिर्फ वैज्ञानिकों या बड़ी टेक कंपनियों का काम है। लेकिन अब समझ आया कि एक छात्रा होकर भी मैं रचनात्मक सोच और तकनीक की मदद से अपने आसपास की किसी समस्या का हल निकाल सकती हूं।” इशिता इन दिनों अपने इलाके में जल संरक्षण से जुड़ी एक समस्या पर समाधान बनाने के लिए विचार कर रही हैं।

इशिता की क्‍लासमेट तान्या चौधरी के पास रफ आइडिया था- जिसमें वह बुजुर्गों को स्वास्थ्य सेवाओं तक आसान पहुंच दिलाने पर काम करना चाहती थीं। तान्या ने कहा, “सेशन के बाद ऐसा लग रहा है कि अब मुझे वाकई समझ आ गया है कि शुरुआत कैसे करनी है। सैमसंग सॉल्व फॉर टुमॉरो ने मुझे यह आत्मविश्वास दिया है कि मैं ऐसा कुछ बना सकती हूं जो वाकई मायने रखता हो।”

खेतान पब्लिक स्कूल की एक और छात्रा, आस्था नौटियाल, टीनेजर्स में बढ़ती चिंता और मानसिक तनाव की समस्या को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद से सुलझाना चाहती हैं। उन्‍होंने कहा, “मेंटल हेल्थ एक ऐसा मुद्दा है जिससे हम सभी कभी न कभी जूझते हैं, लेकिन इसके बारे में खुलकर बात नहीं होती। मैं कुछ ऐसा बनाना चाहती हूं जिससे टीनएजर्स को यह एहसास हो कि वे अकेले नहीं हैं और कोई है, जो उनकी बातों को समझ रहा है।”

गलगोटिया कॉलेज में छात्रों ने कई विषयों पर चर्चा की — जैसे प्रदूषण नियंत्रण, एआई आधारित ट्रैफिक सॉल्यूशन्स और स्मार्ट सिटी की संभावनाएं। एक ग्रुप ने तो यहां तक सोच लिया कि कैसे रीसाइकल किए गए मटेरियल से ऐसा स्मार्ट स्ट्रीट फर्नीचर तैयार किया जा सकता है, जो उपयोगी हो और सस्‍टेनिबिलिटी को भी बढ़ावा दे।

ओपन हाउस सिर्फ जानकारी साझा करने का जरिया नहीं थे, बल्कि उन्होंने छात्रों को सोचने, सीखने और खुद पर भरोसा करने का मौका दिया। यहां से छात्र सिर्फ आइडिया लेकर नहीं, बल्कि उन्हें आगे बढ़ाने की एक साफ़ दिशा के साथ लौटे।

चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी की महक सिंह ने कहा, “सॉल्व फॉर टुमॉरो के ज़रिए मुझे अपने आइडिया को सिर्फ एक कॉन्सेप्ट नहीं, बल्कि एक वर्किंग प्रोटोटाइप की तरह देखने का मौका मिला। जो प्रोजेक्ट क्लासरूम से शुरू हुआ था, अब मेंटर्स और अलग-अलग क्षेत्रों के एक्सपर्ट्स की मदद से आकार ले रहा है। अन्य युवा इनोवेटर्स से मिलना बेहद प्रेरणादायक अनुभव रहा – इससे यकीन हुआ कि सही मार्गदर्शन और सहयोग मिले, तो हम जैसे छात्र भी ऐसे असली समस्याओं का हल ढूंढ सकते हैं जो लाखों लोगों पर असर डालती हैं। मैं इस प्रोग्राम के लिए आवेदन करने को लेकर बेहद उत्साहित हूं।”

सैमसंग सॉल्व फॉर टुमॉरो रोडशो भारत के अलग-अलग शहरों में आगे बढ़ रहा है। दिल्ली-एनसीआर में हुए ये ओपन हाउस यह साबित कर रहे हैं कि इनोवेशन की शुरुआत लैब्स से नहीं, बल्कि क्लासरूम्स, बातचीतों और उन छात्रों के ज़हन से होती है जो सवाल पूछने की हिम्मत रखते हैं – ‘अगर ऐसा हो तो?’

सैमसंग सॉल्व फॉर टुमॉरो केवल आइडियाज़ को आकार देने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक ऐसी नई पीढ़ी को तैयार कर रहा है जो समस्याओं को सुलझाने, नेतृत्व करने और समाज को प्रेरित करने के लिए पूरी तरह तैयार है।

 

Leave a Comment

This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

error: Content is protected !!