उखड़ती डूबती साँसो को बचाना ही बेसिक लाइफ सपोर्ट है- डॉ एम के जैन

विदिशा । विदिशा में बेसिक लाइफ सपोर्ट दिवस के अवसर पर स्थानीय मेडिकल कॉलेज विदिशा में इंडियन अकैडमी ऑफ़ पीडियाट्रिक्स , शिशु विभाग मेडिकल कॉलेज विदिशा एवं इंडियन मेडिकल एसोसिएशन विदिशा  के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में पूर्व प्रदेश अध्यक्षएवं शिशु विभाग की प्रमुख  डॉ नीति अग्रवाल ने बेसिक लाइफ सपोर्ट एवं पीडियाट्रिक्स विषयक फाइनल एमबीबीएस स्टूडेंट के बीच क्विज प्रतियोगिता आयोजित की गई ।
    आईएपी विदिशा अध्यक्ष एवं आईएमए के प्रदेश अध्यक्ष डॉ एम के जैन ने बताया कि बीएलएस दिवस प्रति वर्ष आयोजित किया जाता है यह एक महत्वपूर्ण अवसर होता है जिसमे मेडिकल स्टाफ के अतिरिक्त जन सामान्य को भी बेसिक लाइफ सपोर्ट के बारे में जागरूक किया जाता है, उन्हें शिक्षित और जागरूक किया जाता है ताकि आपातकालीन समय में डूबती और उखडती साँसो को बचाया जा सके और उनको असामयिक काल कवलित होने से बचाया जा सके मुख्यतः एक्सीडेंट होने , आग में जलने या झुलसने , पानी में डूबने , अनायास हार्ट अटैक होने पर , सांस रुकने या रुकावट आने पर, मानसिक आघात होने पर मौके पर मौजूद लोगों  द्वारा बेसिक लाइफ सपोर्ट द्वारा प्राथमिक उपचार मतलब उस पीड़ित व्यक्ति के हृदय और दिमाग को ऑक्सीजन युक्त रक्त का संचार बनाये रखना होता है इसके अंतर्गत छाती को दबाना या कम्प्रेस करना तथा कृत्रिम रूप से सांस देना होता यह एक सरल प्रक्रिया है बस थोड़े प्रशिक्षण एवं अभ्यास की आवश्यकता होती है ।
   आईएपी के विदिशा सचिव डॉ सुरेंद्र सोनकर ने बताया कि बीएलएस एक जीवन रक्षक प्रक्रिया है जो बस स्टैंड , रेलवे स्टेशन , हवाई अड्डे और पुलिस तथा ऑटो रिक्साऔर टैक्सी चालकों स्कूल एवं कॉलेज के शिक्षकों को बीएलएस से अवश्य प्रशिक्षित  करना चाहिए ताकि आपातकालीन समय में पीड़ितो की मदद की जा सके
संगोष्ठी एवं क्विज प्रतियोगता में विनर और रनर रही टीमों को विदिशा आईएपी द्वारा प्रमाण पत्र प्रदान करते हुए सम्मानित भी किया गया ।
कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ प्रियाशा त्रिपाठी एवं आभार डॉ हेमंत यादव के द्वारा व्यक्त किया गया सफल संगोष्ठी में फाइनल एमबीबीएस के 180 विद्यार्थियों एवं आईएपी सदस्यों , पीडियाट्रिक्स की फैकल्टी तथा पोस्ट ग्रेजुएट स्टूडेंट्स सम्मिलित हुए ।
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