सेनाध्यक्ष जनरल बिक्रम सिंह बुधवार को अपनी पत्नी के साथ गांव खैरार (शेरनगर) पहुंच शहीद लांस नायक हेमराज की शहादत को सलाम किया। फिर शहीद के परिजनों से मिले। ताऊ हरीकिशन से बोले, ताऊ, हम आ गए, अब तो तसल्ली हो गई। हरीकिशन ने कहा, हां साब, दिल भर गया। पेट भर गया। हम धन्य हो गए। देश की सेना के मुखिया खुद चलकर आए और आम लोगों से आत्मीयता से मिलें तो गदगद होना लाजिमी है।
अपने लाड़ले को खोने वाले गांव खैरार (शेरनगर) की मिट्टी आज चंदन थी और शहीद स्थल मंदिर। हर आम-ओ-खास की जुबां पर शहीद की बहादुरी थी और दिलों में हेमराज की पावन मातृभूमि के लिए प्यार। आठ जनवरी को सीमा पर पाकिस्तानी सैनिकों ने भारतीय क्षेत्र में घुसकर दो भारतीय जवानों लांस नायक हेमराज और सुधाकर सिंह की हत्या कर दी थी और दोनों के सिर काट दिए थे। सेना प्रमुख शुक्रवार को मध्य प्रदेश के सीधी जिले स्थित सुधाकर सिंह के गांव दधिया भी जाएंगे। उनके साथ रक्षा राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह भी होंगे।
शहीद हेमराज के घर पहुंचे सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह ने कहा, मैं अपने घर आया हूं, यह मेरा परिवार है। जनरल ने परिजनों को ढांढस बंधाते हुए कहा, लांस नायक हेमराज की शहादत का माकूल जवाब देने को भारतीय सेना पूरी तरह तैयार है। हेमराज का सिर लाने की कोशिश होगी। शहीद के परिवार की भरपूर मदद होगी। स्पष्ट किया कि भारतीय सैनिक कभी नियंत्रण रेखा पार नहीं करते। उन्होंने शहीद हेमराज की पत्नी और मां को भरोसा दिलाया कि दुख की इस घड़ी में सेना उनके साथ है। कहा, हेमराज के बच्चों की शिक्षा सेना के जिम्मे रहेगी। आपको कोई परेशानी नहीं होने दी जाएगी। सेनाध्यक्ष के ये शब्द हेमराज की पत्नी धर्मवती और मां मीना देवी को साहस दे रहे थे, तो ग्रामीणों का सीना चौड़ा कर रहे थे।
यहां आने के मकसद के बारे में जनरल ने कहा, शहीद के परिजन के खाना नहीं खाने की जानकारी मिलने पर ही मैंने यहां आने का कार्यक्रम बना लिया था। जो देश पर बलिदान हुआ है, उसकी इज्जत व सम्मान करने आया हूं। सेना प्रमुख ने कहा कि पाकिस्तान बार-बार संघर्ष विराम का उल्लंघन कर रहा है। सेना हर बार उसे जवाब भी दे रही है।