नई दिल्ली, अगस्त, 2025- महिन्द्रा युनिवर्सिटी ने आज बहादुरपल्ली, हैदराबाद में अपने कैंपस में चौथा वार्षिक दीक्षांत समारोह का आयोजन किया। यह आयोजन प्रबंधन, इंजीनियरिंग, विधि और शिक्षा स्कूलों के 943 विद्यार्थियों और 13 पीएचडी उपाधि प्राप्त करने वाले विद्वानों के लिए एक ऐतिहासिक आयोजन रहा जहां जिसमें उनके माता-पिता, शिक्षक और अतिथि उपस्थित थे।
इस दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि डॉक्टर रेड्डीज़ लैबोरेटरीज़ के को-चेयरमैन और प्रबंध निदेशक श्री जीवी प्रसाद थे। महिन्द्रा युनिवर्सिटी के कुलाधिपति श्री आनन्द महिन्द्रा ने महिन्द्रा युनिवर्सिटी के बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट के सदस्य और टेक महिन्द्रा के सीईओ एवं एमडी श्री मोहित जोशी और महिन्द्रा युनिवर्सिटी के कुलपति डॉक्टर यजुलू मेदुरी की उपस्थिति में इस समारोह की अध्यक्षता की। श्री मेदुरी ने पिछले अकादमिक वर्ष में इस युनिवर्सिटी की प्रगति को लेकर एक समग्र रिपोर्ट प्रस्तुत की।
स्नातक की पढ़ाई पूरी कर रहे विद्यार्थियों को बधाई देते हुए डॉक्टर रेड्डीज लैबोरेटरीज़ के को-चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक श्री जीवी प्रसाद ने कहा, “आज आपके सपनों और आकांक्षाओं के लिए एक नई शुरुआत है। जैसे ही आप इस दुनिया में कदम रखेंगे आपको सहयोगात्मक होने, दूसरों से सीखने, समुदायों और ऐसे कार्य स्थलों का निर्माण करने की जरूरत है जो बाधाओं को तोड़े और नवप्रवर्तन को गति दे। आज की दुनिया में वृद्धि और प्रभाव पैदा करने के लिए सीखना आवश्यक है।”
प्रसाद ने अनुभवों की एक पच्चीकारी का निर्माण करने, पक्षियों के झुंड जैसा गठजोड़ करने जो साथ साथ सीखकर आगे बढ़ते हैं और आत्म-सीमित मान्यताओं से उबरने की खुद की क्षमता में विश्वास करने की जरूरत रेखांकित की। उन्होंने इस बात का भी उल्लेख किया कि जीवन में चुनौतियां किस प्रकार से लोगों को आकार देती हैं और सीखने के प्रति उनका खुलापन, उनके द्वारा पैदा किए गए प्रभाव को परिभाषित करेगा।
श्री आनन्द महिन्द्रा ने एक बेहतर विश्व के और एक बेहतर विश्व के लिए नागरिकों को शिक्षित करने के इस युनिवर्सिटी के मिशन में अंतर्निहित उद्देश्य पर जोर दिया। उन्होंने स्नातक हो रहे विद्यार्थियों से आज की दुनिया के उत्तराधिकारी के तौर पर ना केवल करुणा के मूल्यों, गहन चिंतन और नैतिकता को अपनाने, बल्कि एक उज्ज्वल भविष्य के वास्तुकार के रूप में स्वामित्व लेने का आह्वान किया। विश्वास और कार्य की परिवर्तनकारी ताकत को रेखांकित करते हुए उन्होंने स्नातक हो रहे विद्यार्थियों से अपने मूल्यों के साथ जीवन जीने और एक ऐसी दुनिया को आकार देने का आग्रह किया जिसकी जड़े टिकाऊ, समावेशी एवं न्याय में निहित हों।
महिन्द्रा युनिवर्सिटी के कुलपति डॉक्टर यजुलू मेदुरी ने कहा, “शिक्षा का भविष्य दूरदर्शी दिमाग से परिभाषित होगा-जो परंपरा को चुनौती दे, साहस के साथ कल्पना करे और उद्देश्य के साथ सृजन करे। महिन्द्रा युनिवर्सिटी में हम ऐसे मन मस्तिष्क को पोषित करते हैं। हमारे विद्यार्थी महज करियर की तैयारी के लिए नहीं हैं, बल्कि वे इस दुनिया को आकार देने की तैयारी कर रहे हैं।”
यह मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (एमबीए), बैचलर ऑफ लॉ (एलएलबी), मास्टर ऑफ आर्ट्स (एमए) और बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी (बी.टेक) नैनो टेक्नोलॉजी के स्नातक छात्रों के लिए पहला दीक्षांत समारोह है।
महिन्द्रा युनिवर्सिटी के बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट के सदस्य और टेक महिन्द्रा के सीईओ एवं एमडी श्री मोहित जोशी ने ऐसे पेशेवरों की जरूरत रेखांकित की जो विषयों का अंतर पाट सकते हैं, यथास्थिति पर प्रश्न खड़ा कर सकते हैं और उद्देश्य के साथ नवाचार कर सकते हैं। जोशी ने कहा, “महिन्द्रा युनिवर्सिटी सभी उद्योगों में साझीदार करने पर तेजी से आगे बढ़ेगी। टेक महिन्द्रा को इस पारितंत्र का हिस्सा बनने पर गर्व है। इस वर्ष का दीक्षांत अकादमिक गहराई और उद्योग की प्रासंगकिता के एकीकरण का प्रतीक है। यह भविष्य के लिए तैयार, चुस्त और मूल्यों पर आधारित होने की हमारी प्रतिबद्धता का प्रतिबिंब है।”
श्री जीवी प्रसाद और श्री आनन्द महिन्द्रा ने इस दौरान महिन्द्रा युनिवर्सिटी के नए बायोटेक लैब का उद्घाटन किया। 2 अगस्त को श्री महिन्द्रा द्वारा सेंटर फॉर रिस्क मैनेजमेंट का उद्घाटन किया गया था। ये नई सामूहिक पहल, अनुसंधान एवं नवप्रवर्तन को आगे बढ़ाने की दिशा में महिन्द्रा युनिवर्सिटी की प्रतिबद्धता में एक महत्वपूर्ण कदम का प्रतीक है।