वेल्थी को बर्टेल्समैन इंडिया इन्वेस्टमेंट्स के नेतृत्व में 130 करोड़ रुपए की फंडिंग मिली

ताकि म्यूचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर के लिए अपने एआई-पावर्ड प्लेटफॉर्म का विस्तार कर सके

नई दिल्ली, 27 नवंबर, 2025- म्यूचुअल-फंड डिस्ट्रीब्यूटर और वेल्थ मैनेजमेंट प्रोफेशनल के लिए भारत के लीडिंग वेल्थ-टेक प्लेटफॉर्म वेल्थी.इन ने बर्टेल्समैन इंडिया इन्वेस्टमेंट्स की लीडरशिप में सीरीज “बी’ राउंड में 130 करोड़ रुपए जुटाए हैं। इस राउंड में मौजूदा निवेशक अल्फावेव ग्लोबल, नए निवेशक शेफर्ड्स हिल और जाने-माने टेक उद्यमियों के एक ग्रुप ने भी हिस्सा लिया।

आईआईटी-आईआईएम के पूर्व छात्र रहे आदित्य अग्रवाल और प्रशांत गुप्ता का शुरू की गई वेल्थी का प्लेटफॉर्म हर महीने 300 करोड़ से ज्यादा के ट्रांजैक्शन प्रोसेस करता है और 1,000 से ज्यादा शहरों में 1,00,000 से अधिक क्लाइंट्स को सर्विस देने वाले 6,000 से ज्यादा म्यूचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर्स के नेटवर्क के साथ काम करता है। यह भारत का दूसरा सबसे बड़ा डिस्ट्रीब्यूटर रिक्रूटर भी बन गया है, जो हर महीने 350 से ज्यादा लोगों को ऑनबोर्ड करता है। प्लेटफॉर्म पर अभी क्लाइंट्स के 5,000 करोड़ रुपए के एसेट्स मैनेज किए जा रहे हैं।

वेल्थी.इन की सीरीज ए को 2022 में अल्फावेव ग्लोबल ने लीड किया था और पिछले तीन वर्षों में कंपनी का एयूएम 200 करोड़ रुपए से बढ़कर 5,000 करोड़ रुपए हो गया है, जो बिजनेस के तेज रफ्तार से बढ़ने की वजह है। वेल्थी के पूरे भारत में 20 दफ्तर हैं। बेंगलुरु, मुंबई, हैदराबाद, अहमदाबाद, सूरत, जयपुर, गुरुग्राम, दिल्ली, फरीदाबाद, गाजियाबाद, लखनऊ, कानपुर और कोलकाता जैसे बड़े शहरों में इसकी अच्छी मौजूदगी है। इसे 250 से ज्यादा सदस्यों वाली टीम का सपोर्ट है।

यह नई पूंजी वेल्थी के मिशन को और तेज करेगी, जिससे भारत के तेजी से बढ़ते म्यूचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर (एमएफडीज) को एडवांस्ड एआई-पावर्ड टूल्स और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर से मजबूत बनाया जा सके। इससे भारतीय निवेशकों का बचत करने, निवेश करने और लंबे समय तक फाइनेंशियल वेल्थ बनाने का तरीका बदल जाएगा।

म्यूचुअल फंड एयूएम 75 लाख करोड़ रुपए और भारत का वेल्थ मैनेजमेंट मार्केट वित्त वर्ष 2029 तक दोगुना होकर 200 लाख करोड़ हो जाने का अनुमान है। इंडिपेंडेंट एमएफडीज रिटेल वेल्थ इंडस्ट्री की रीढ़ और ग्रोथ इंजन बन गए हैं। पिछले पांच वर्षों में इनकी संख्या दोगुनी होकर लगभग 2 लाख हो गई है, क्योंकि निवेशक ऐसे स्वतंत्र वितरकों को ज्यादा पसंद कर रहे हैं, जो प्रोडक्ट मैन्युफैक्चरर से जुड़े नहीं हैं और बिना किसी भेदभाव के गाइडेंस दे सकते हैं।

फिर भी, ज्यादातर के पास इंस्टीट्यूशनल प्लेयर्स के साथ मुकाबला करने के लिए जरूरी डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर, उपकरण और प्रोडक्ट एक्सेस की कमी है। एमएफडी अपना लगभग 70% समय केवाईसी और कम्प्लायंस जैसे मैनुअल प्रोसेस पर खर्च करते हैं। इससे उनकी विस्तार करने और क्लाइंट एंगेजमेंट पर फोकस करने की क्षमता कम हो जाती है।

वेल्थी के सह-संस्थापक आदित्य अग्रवाल ने कहा, “भारत में बुनियादी सलाह की एक कमी है, जिसे अकेले टेक्नोलॉजी हल नहीं कर सकती। एलआईसी 40 करोड़ से ज्यादा ग्राहकों को सर्विस देती है, फिर भी म्यूचुअल फंड्स में सिर्फ 5 करोड़ निवेशक हैं। यह कमी इसलिए है क्योंकि हमारे पास बहुत कम एडवाइजर हैं, और जो हैं उनके पास स्केल करने के लिए जरूरी उपकरणों की कमी है।” “एमएफडीज ने भरोसा और रिश्ते बनाने के मामले में बहुत अच्छा काम किया है, लेकिन अगले लेवल पर स्केल करने के लिए, उन्हें टेक्नोलॉजी में निवेश करने की जरूरत थी, जो इकोसिस्टम में नहीं था। हमने एक मोबाइल-फर्स्ट, इंडिया-मेड सॉल्यूशन बनाया है जो खास तौर पर भारतीयों के निवेश करने और भारतीय एडवाइजर्स के काम करने के तरीके के लिए डिजाइन किया गया है। हमारा प्लेटफॉर्म इंसानी सलाह की अहमियत को एआई-पावर्ड टूल्स के साथ जोड़ता है। इससे वेल्थ पार्टनर्स बड़े पैमाने पर इंस्टीट्यूशनल-क्वालिटी सर्विस दे पाते हैं। इस तरह हम सलाह की कमी को पूरा करेंगे और लाखों लोगों तक एडवांस्ड वेल्थ मैनेजमेंट पहुंचाएंगे।”

आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक, फाइनेंशियल एसेट्स के हाउसहोल्ड फ्लो पर वित्त वर्ष 2025 में इक्विटी म्यूचुअल फंड्स ने 4.66 लाख करोड़ रुपए का शुद्ध निवेश आकर्षित किया। पिछले पांच वर्षों में यह सात गुना से ज्यादा हो गया। हालांकि मौजूदा पोर्टफोलियो मार्केट गेन के साथ बढ़ते जा रहे हैं, लेकिन इसके साथ ही म्यूचुअल फंड्स जैसे मैनेज्ड इन्वेस्टमेंट व्हीकल्स के जरिये नई वेल्थ क्रिएशन भी तेजी से बढ़ रही है।

वेल्थी के सह-संस्थापक प्रशांत गुप्ता ने कहा, “हमारा विजन पूरे भारत में वेल्थ एंटरप्रेन्योर्स की एक पूरी तरह से नई सप्लाई अनलॉक करना है।” “हम देख रहे हैं कि रिलेशनशिप मैनेजर्स, एक्स-बैंकर्स और फाइनेंस प्रोफेशनल्स ट्रेडिशनल रोल्स छोड़कर इंडिपेंडेंट प्रैक्टिस बना रहे हैं। ये प्रोफेशनल्स सच्चे वेल्थ एंटरप्रेन्योर्स बन रहे हैं, अपना खुद का बिजनेस चला रहे हैं और लॉन्ग-टर्म इक्विटी बना रहे हैं। वेल्थी उन्हें वह सब कुछ देता है, जिसकी उन्हें जरूरत है: कॉम्प्रिहेंसिव टेक्नोलॉजी, प्रोफेशनल टूल्स, सभी एसेट क्लासेस-म्यूचुअल फंड्स, इक्विटीज, बॉन्ड्स, पीएमएस, एआईएफ्स में प्रोडक्ट्स तक एक्सेस, साथ ही इंश्योरेंस और फाइनेंशियल सॉल्यूशंस भी। यह होलिस्टिक अप्रोच डिस्ट्रीब्यूटर्स को सिर्फ प्रोडक्ट डिस्ट्रीब्यूटर्स ही नहीं, बल्कि अपने क्लाइंट्स के लिए असली वेल्थ पार्टनर्स के तौर पर सर्विस करने में भी मदद करता है। यही वह फ्यूचर है, जिसे हम बना रहे हैं।’

बर्टेल्समैन इंडिया इन्वेस्टमेंट्स के पार्टनर रोहित सूद ने कहा, ‘15% से भी कम भारतीय परिवारों का सीधे या परोक्ष रूप से भारतीय इक्विटी मार्केट में कोई निवेश है। जैसे-जैसे भारत एक विकसित देश बनने की राह पर आगे बढ़ रहा है, हमें लगता है कि यह संख्या 60% के करीब पहुंच जाएगी और विकसित बाजारों के बराबर हो जाएगी। वेल्थी इस मिशन में एक अहम भूमिका निभाएगी, क्योंकि यह कटिंग एज टेक्नोलॉजी के साथ-साथ पूरे देश में एफएमडी को कई प्रोडक्ट्स तक पहुंच देती है। हम वित्तीय समावेशन और देश में अगला बड़ा वेल्थ-टेक प्लेटफॉर्म बनाने के इस सफर में आदित्य और प्रशांत के साथ पार्टनरशिप करके उत्साहित हैं।’

वेल्थी का एआई-पावर्ड प्लेटफॉर्म एक पूरा 360° सॉल्यूशन देता है, जो निवेश- म्यूचुअल फंड, शेयर, पीएमएस, एफडी, फिक्स्ड इनकम सिक्योरिटीज- और टर्म एवं हेल्थ इंश्योरेंस जैसे प्रोटेक्शन प्रोडक्ट्स को एक ही जगह पर जोड़ता है। क्लाइंट्स और वितरक, दोनों के लिए डेडिकेटेड एप्स के साथ, यह कई एसेट क्लास में फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स की पूरी रेंज में 200 से ज्यादा फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन्स तक आसान पहुंच देता है।

Leave a Comment

This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

error: Content is protected !!