तेजी से बदले घटनाक्रम के बाद निर्विरोध भाजपा अध्यक्ष चुने गए राजनाथ सिंह के हाथ उस समय कमान सौंपी गई है जब खुद पार्टी नेता भी भविष्य को लेकर बहुत आश्वस्त नहीं हैं। उन्हें चुनौतियों की याद भी दिला दी गई है। ताजपोशी के बाद दैनिक जागरण से हुई संक्षिप्त बातचीत:
नए कार्यकाल में आपसे चमत्कार की आशा की गई है। क्या कहेंगे?
आडवाणी जी जैसे मार्गदर्शक और दूसरे वरिष्ठ नेताओं का सहयोग तथा जुझारू कार्यकर्ताओं का साथ हो तो कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। मैं चमत्कार की बात नहीं करता हूं लेकिन हां, भाजपा जनता की अपेक्षाएं जरूर पूरी करेगी।
आपको तीन साल का कार्यकाल दिया गया है। लेकिन एक साल में होने वाले विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव की याद दिलाई गई। चमत्कार की बात इसीलिए आई.?
संगठन की शक्ति बहुत ज्यादा होती है। इसीलिए मैंने कहा कि संगठन में सभी को मिलकर काम करना होता है। मेरे साथ सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं की शक्ति है। जनता बदलाव चाहती है और हम पर जिम्मेदारी है कि उनको विकल्प दें। इसका असर आपको दिखेगा।
क्या उत्तर प्रदेश के लिए आपके मन म़ें कोई लक्ष्य है?
अध्यक्ष न रहते हुए भी मैं उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधि था। चुनावी दृष्टि से इसका महत्व भी है। जल्द ही बैठक कर पूरे देश के लिए रणनीति तय होगी।
कई राज्यों में संगठन विस्फोटक पर खड़ा है। आपकी पहली प्राथमिकता में कौन सा राज्य है?
कुछ राज्यों में सहमति नहीं बन पा रही है। लेकिन यही लोकतंत्र है। मतभेद हैं लेकिन उन्हें सुलझा लिया जाएगा। सभी राज्य और पूरा देश मेरी प्राथमिकता है।
जिस स्थिति में बदलाव हुआ उससे आप खुश नहीं हैं। लेकिन मांग नीचे से ऊपर तक थी.?
बदलाव तो नियम है। लेकिन मैंने सार्वजनिक रूप से कहा है कि जिस स्थिति में बदलाव हुआ उससे मैं खुश नहीं हूं।