कुंभ: राधे मां को क्लीन चिट पर भी विवाद

 महिला संत राधे मां को क्लीन चिट देने पर कुंभ नगरी में विवाद खड़ा हो गया है। जूना अखाड़े के पदाधिकारियों ने गुरुवार को मीडिया के समक्ष कहा कि राधे मां को अभी पूरी जांच टीम ने क्लीन चिट नहीं दी है। सिर्फ एक सदस्य ने अपनी रिपोर्ट हरिद्वार में सौंपी है। उस रिपोर्ट को आधार नहीं बनाया जा सकता। जांच टीम में 20 सदस्य हैं। जिसमें अखाड़े के सभापति भी शामिल हैं। राधे मां को शाही स्नान में शामिल नहीं होने दिया जाएगा। महामंडलेश्वर पद पर उनका निलंबन बरकरार है।

गौरतलब है कि राधे मां को जूना अखाड़े का महामंडलेश्वर बनाने के बाद विवाद खड़ा हो गया था। मामला तूल पकड़ने पर अखाड़े ने उन्हें महामंडलेश्वर पदवी से निलंबित करके जांच टीम गठित कर दी थी। जांच समिति में महामंडलेश्वर स्वामी पंचानंद गिरि भी शामिल थे। उन्होंने ही राधे मां को महामंडलेश्वर की पदवी दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। बुधवार को हरिद्वार में उन्होंने अपनी जांच में राधे मां को क्लीनचिट देते हुए रिपोर्ट महंत हरि गिरि को सौंप दी थी। यह रिपोर्ट मीडिया में लीक हो जाने पर जूना अखाड़े में बवाल खड़ा हो गया है।

कुछ संतों ने बिना निष्कर्ष के राधे मां को क्लीन चिट देने पर नाराजगी जताई। कहा कि एक व्यक्ति की रिपोर्ट को कैसे आधार बनाया जा सकता है। सुबह अखाड़े के कुछ पदाधिकारियों की इस मसले पर बैठक हुई। बाद में अखाड़े के सचिव महंत प्रेम गिरि एवं महंत विद्यानंद सरस्वती ने पत्रकार वार्ता बुलाई और कहा कि राधे मां अभी निलंबित हैं और उनका फिलहाल अखाड़े से कोई संबंध नहीं है। शाही स्नान में वे भाग नहीं लेंगी। यह मसला अब कुंभ पर्व के बाद सुलझाया जाएगा। महंत प्रेम गिरि ने साफ कहा कि राधे मां के संन्यासी बनने के पहले और बाद के समय की विस्तृत जांच कराई जा रही है। इसमें अखाड़े के 20 सदस्य लगे हैं। पंजाब में उनके क्रियाकलाप की जांच महामंडलेश्वर पंचानंद गिरि को सौंपी गई थी। हो सकता है उन्होंने अपनी रिपोर्ट में राधे मां को क्लीन चिट दे दी हो लेकिन यह सिर्फ उनके स्तर का मामला नहीं है। जब सभी सदस्य अपनी जांच पूरी कर लेंगे तो उसकी विस्तृत रिपोर्ट बनाई जाएगी। जिसे अखाड़े के पदाधिकारियों के सामने रखा जाएगा। फिर इस पर विचार होगा।

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