जब कार्यक्षेत्र में हो बदलाव तो ऐसे बनाएं अपना बैलेंस

चाहे आपने नई नौकरी ज्वाइन की हो या फिर आपके ऑफिस के मैनेजमेंट में कोई बड़ा बदलाव हुआ हो, कार्यक्षेत्र में होने वाले बदलाव न सिर्फ मन को अस्थिर कर देते हैं बल्कि कई बार इनके बीच बैलेंस बनाना इतना मुश्किल हो जाता है कि हम उस स्थिति से जूझने के बजाय उससे भागने का रास्ता तलाशने लगते हैं।

अगर आप भी अपने कार्यक्षेत्र में किसी बदलाव से जूझ रहे हैं तो इन सुझावों पर गौर करें, हो सकता है इनसे आपकी मदद से हर परिस्थिति में बैलेंस बनाने में सक्षम होंगे।

मैदान में टिकने के लिए सुधार जरूरी
आपका कार्यक्षेत्र कुछ भी हो पर यह समझना बेहद जरूरी है कि आप अपने कार्यक्षेत्र में होने वाले बदलावों को रोक नहीं सकते हैं। ऐसे में इनके बीच भी मजबूती से टिके रहने के लिए जरूरी है कि आप अपने भीतर सुधार की गुंजाइश कभी न खत्म होने दें। आपके भीतर होने वाले सुधार ही आपको किसी भी परिस्थिति में टिके रहने के लिए योग्य बनाते हैं।

आप कितने कंफर्टेबिल हैं
किसी भी बदलाव में खुद को ढालना कभी भी आसान नहीं होता। हां, अगर कई कोशिशों के बावजूद भी आपको अपना संतुलन कायम रखने में दिक्कतहो रही है तो जरूरी नहीं कि वह आपके लिए सही ही हो। अगर आपको लगता है कि बदलाव की वजह से आपका व्यक्तिगत विकास प्रभावित हो रहा है तो आप उसे कतई स्वीकार न करें।

दूर की सोचें
हो सकता है कार्यक्षेत्र का बदला हुआ माहौल आपको वर्तमान में प्रभावित करे लेकिन अगर आप यह जान लें कि इसमें आपका क्या भविष्य हो सकता है तो आपके प्रयास और भी सकारात्मक दिशा में होंगे।

अनुभवों का परीक्षण करें

आपने अपने कार्यक्षेत्र में जो कुछ भी सीखा है उसका परीक्षण अक्सर बदलाव की घड़ी में ही होता है। ऐसे में परिस्थिति से घबराने के बजाय अपने अनुभवों की मदद से अपना रास्ता खुद तय करें।

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