नौ साल का दूल्हा, सात साल की दुल्हन

अभी वे गुड़िया-गुड्डे जैसे हैं। लड़का नौ साल और लड़की सात साल की। खेलने-कूदने की उम्र में ही परिजनों ने दोनों का विवाह तय कर दिया। समारोह भी आयोजित कर लिया गया, लेकिन इस अटपटे विवाह की चर्चा पूरे क्षेत्र में फैल गई।

‘दैनिक जागरण’ ने कानून का हवाला देकर पुलिस से हस्तक्षेप के लिए कहा, मगर टालमटोल होती रही। आखिरकार डीएम अभिषेक प्रकाश के हस्तक्षेप के बाद यह बाल विवाह रोका जा सका।

थाना क्षेत्र के ग्राम सेड़ा में राजू की बेटी की शादी नवाबगंज थाना क्षेत्र में फाजलपुर गांव के साधूराम के बेटे से तय हुई। शनिवार को बिटिया परिजनों और रिश्तेदारों से मिल रहे लाड़ प्यार से निहाल थी। उसे विवाह के मायने भी नहीं पता थे। शादी की तैयारियां पूरी थीं। जागरण ने राजू से बताया कि यह गैरकानूनी है तो उन्होंने शादी में विघ्न न डालने की बात कह चले जाने को कहा। थानाध्यक्ष को सूचना दी गई।

एसओ जसवीर सिंह ने बताया कि इनकी जाति में कम उम्र में शादी हो जाती है, मगर ये गौना नहीं करते। डीएम को प्रकरण से अवगत कराने पर उन्होंने एसडीएम को कार्रवाई के निर्देश दिए। इस पर एसओ पुलिस ने पहुंच कर बाल विवाह रुकवाया।

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