संसद हमले में संलिप्तता के चलते अफजल गुरु को फांसी दिए जाने के बाद रियासत विशेषकर कश्मीर की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सभी लोगों से संयम बरतने और शांति बनाए रखने का आग्रह किया है। उन्होंने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न दिए जाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि कुछ शरारती और स्वार्थी तत्व मौजूदा हालात का अपनी सियासत के लिए फायदा उठाने की ताक में हैं।
मुख्यमंत्री ने अफजल गुरु के डेथ वारंट पर राज्य सरकार द्वारा हस्ताक्षर किए जाने से इंकार करते हुए कहा कि गुरु के खिलाफ यहां जम्मू कश्मीर में किसी तरह का कोई अपराधिक मामला नहीं था। इसलिए उसके खिलाफ राज्य में किस का तरह का डेथ वारंट भी नहीं था।
आज सुबह ही श्रीनगर पहुंचे, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पुलिस व अर्ध सैनिक बलों के उच्चाधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक में हालात का जायजा लिया। उन्होंने व्यवस्था बनाए रखने पर जोर देते हुए सुरक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया कि वह कोई ऐसा कदम न उठाएं, जिससे हालात और बेकाबू हो जाएं।
बाद में पत्रकारों के साथ एक संक्षिप्त बातचीत में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि कश्मीर में अफजल गुरु को फांसी दिए जाने के बाद कुछ गुस्सा और रोष है। यहां कुछ लोग ऐसे भी हैं जो मौजूदा हालात में लोगों के गुस्से को भड़काकर और उनकी भावनाओं का शोषण कर, अपने राजनीतिक स्वार्थ साधने का प्रयास कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि मेरी अवाम से अपील है कि वह भी पूरा संयम बनाए रखें, हिंसा न करें और हालात को बिगड़ने न दें। उन्होंने इस बाबत मीडिया से भी मदद की गुहार लगाई है। उन्होंने कहा कि वह किसी भी सूचना को प्रसारित करने से पूर्व अच्छी तरह से उससे संबधित सभी तथ्यों को परख लें। उन्होंने कहा कि वर्ष 2010 में कई बार ऐसा हुआ जब ब्रेकिंग न्यूज के लिए अफवाहों को सही मान लिया गया जबकि तथ्य कुछ और ही होते थे।
यह पूछे जाने पर कि उन्हें कब इस फांसी के बारे में पता चला तो उन्होंने कहा कि मुझे गत रात ही केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने सूचित कर दिया था कि आज सुबह गुरुको फंासी दी जाएगी। इसके बाद हमने कश्मीर के हालात को देखते हुए एक बैठक बुलाई और एहतियात के तौर पर सभी संवेदनशील इलाकों में कुछ पाबंदियां लगाने का फैसला किया गया। उन्होंने कहा कि अभी किसी भी जगह सेना को नहीं बुलाया गया है, राज्य पुलिस और अर्धसैनिक बल ही सुरक्षा का जिम्मा संभाले हुए हैं।
इस बीच अफजल गुरू के भाई एजाज गुरुने दैनिक जागरण के साथ टेलीफोन पर बातचीत में कहा कि हमें नहीं पता था कि अफजल को फंासी दी जा रही है। हमें सरकार की तरफ से कोई सूचना नहीं थी। हमें आज सुबह ही पता चला कि उसे फंासी पर लटकाया गया है। हम उससे नहीं मिल पाए। मेरे भाई को इंसाफ नहीं मिला है। उसे अपना पक्ष रखने और खुद को बेगुनाह साबित करने का भी मौका नहीं दिया गया। उसे सियासत के लिए फांसी दी गई है। हम चाहते हैं कि मेरे भाई का शव हमें दिया जाए ताकि हम उसे यहां अपने पैतृक गांव में उसे दफना सकें। गुरु की पत्नी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वह पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में है।