कश्मीर में अफजल गुरु को फांसी दिए जाने के बाद से जारी हिंसक प्रदर्शनों के दौरान विधि व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात किए गए सीआरपीएफ के जवानों को उपद्रवियों से निपटने के लिए सिर्फ लाठियों के सहारे ही रहना होगा। आइजीपी कश्मीर एसएम सहाय द्वारा सीआरपीएफ प्रशासन को भेजे गए पत्र का यही मतलब है।
संबंधित अधिकारियों ने बताया कि आईजीपी कश्मीर एसएम सहाय ने गत शाम कश्मीर के आइजी सीआरपीएफ को एक पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने आइजीपी सीआरपीएफ से कहा है कि कश्मीर में विधि व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात किए जा रहे सीआरपीएफ के जवानों के पास कोई हथियार और गोला बारुद नहीं होना चाहिए। उन्हें सिर्फ लाठियां या आंसूगैस दागने वाले हथियारों के साथ ही डयूटी के लिए भेजा जाए।
इस संदर्भ में जब आईजीपी कश्मीर एसएम सहाय से संपर्क किया गया तो सुरक्षा संबंधी बैठक में व्यस्त होने की बात कहकर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। अलबत्ता, संबधित अधिकारियों ने बताया कि आईजीपी ने यह पत्र गत शनिवार से वादी में शुरु हुए प्रदर्शनों के दौरान तीन युवकों की मौत और कई अन्यके जख्मी होने के बाद लिखा है। उनके मुताबिक, प्रशासन नहीं चाहता कि किसी भी तरह से वादी में वर्ष 2010 की तरह हिंसाचक्र और सिलसिलेवार प्रदर्शनों का दौर शुरु हो। गौरतलब है कि वर्ष 2010 के दौरान हुए प्रदर्शनों में 120 के करीब लोग मारे गए थे।