मुंबई हमले के प्रमुख साजिशकर्ता हाफिज सईद के साथ मंच साझा करने वाले जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक को अपनी दोस्ती से कोई परहेज नहीं है। उन्हें अपने इस याराने का कोई मलाल नहीं है। उन्होंने अपनी सफाई में कहा कि अगर उनको इसके लिए जेल जाने भी जाना पेड़ तो कोई डर नहीं है। वह जेल को अपना दूसरा घर मानते हैं।
गौरतलब है कि बीते दिनों देश के मोस्ट वॉटेंड आतंकी हाफिज सईद के साथ मंच सांझा करने के मामले पर केंद्र सरकार ने मलिक के प्रति कड़ा रुख अपनाते हुए उसका पासपोर्ट जब्त करने की चेतावनी तक दे डाली थी।
विपक्षी पार्टी भाजपा ने सरकार से मलिक का पासपोर्ट रद कर कड़ी कार्रवाई की मांग की थी। लेकिन गृह मंत्रालय मलिक का पासपोर्ट रद करने की बजाय मार्च में पासपोर्ट की समयसीमा समाप्त होने के बाद इसके नवीनीकरण के वक्त सिक्योरिटी क्लीयरेंस रोकने की तैयारी कर रही है।
गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि आतंकी सरगना के साथ मंच साझा करने के साथ-साथ पाकिस्तान में की गई गतिविधियों के बारे में यासीन मलिक से दिल्ली लौटने पर पूछताछ की जाएगी। मलिक को 26 फरवरी तक पाकिस्तान का वीजा है। उनका पासपोर्ट मार्च तक वैध है। विदेशी धरती पर भारत सरकार के फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन पासपोर्ट निरस्त करने का पर्याप्त आधार है, लेकिन ऐसा कर सरकार मलिक को मुद्दा थमाना नहीं चाहती है।
विदेश मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि वह इस मामले में गृह मंत्रालय के निर्देशों का पालन करेगा। इधर,भाजपा ने यासीन मलिक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए उन्हें पाकिस्तान जाने की इजाजत देने के केंद्र सरकार के फैसले पर सवालिया निशान लगाया है।
पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार को इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पाकिस्तान पर कूटनीतिक दवाब बनाना चाहिए, ताकि भविष्य में वहां ऐसी गतिविधि न हो पाए। भाजपा ने मलिक का पासपोर्ट तत्काल निरस्त कर अलगाववादी नेताओं के पाकिस्तान दौरे पर रोक लगाने की मांग की है।