अफजल के परिजनों ने केंद्र की पेशकश को ठुकराया

afzalwife 2013-2-13अफजल गुरु के परिजनों ने सरकारी खर्च पर तिहाड़ जेल जाकर उसकी कब्र पर फातिहा पढ़ने की केंद्र सरकार की पेशकश को ठुकरा दिया है। उन्होंने कहा कि हमें सिर्फ उसका शव चाहिए ताकि हम यहां अपने पैतृक कब्रिस्तान में उसे इस्लामिक तौर-तरीके से दफना सकें। केंद्र इसके लिए राजी है तो हम अपने खर्च पर ही दिल्ली चले जाएंगे। दूसरी तरफ, कश्मीर में लगातार चौथे दिन भी क‌र्फ्यू जारी रहा।

गौरतलब है कि केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने सोमवार को एक प्रेसवार्ता में कहा था कि अगर अफजल के परिजन उसकी कब्र पर आकर फातिहा पढ़ना चाहते हैं तो केंद्र इसकी व्यवस्था कर सकता है। गुरु के चचेरे भाई यासीन गुरु ने कहा कि हमने भी सुना है कि केंद्र सरकार ने हम सभी को अपने खर्च पर हवाई जहाज में नई दिल्ली पहुंचाने और तिहाड़ जेल में गुरु की कब्र पर जाने देने की पेशकश की है। लेकिन हमारे पास इसकी कोई अधिकारिक सूचना नहीं है। इस पेशकश को सुनने के बाद पूरे घर में चर्चा हुई है। मेरी भाभी तबस्सुम और उनके पुत्र गालिब ने भी इसे सुना है। सभी यही कहते हैं कि ऐसी पेशकश को कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने अफजल के साथ न्याय नहीं किया। अब कम से कम हमें इंसानियत के नाते ही उसका शव दे दिया जाए।

अफजल का बीवी को पैगाम, ‘मेरी मौत पर न बहाना आंसू’

नई दिल्ली। संसद हमले के दोषी अफजल गुरु ने मौत से पहले अपनी बीवी तबस्सुम को एक पैगाम लिखा था। जेल अधिकारियों ने बताया कि अफजल ने उर्दू में अपनी पत्नी को खत लिखकर कहा था कि अफजल की मौत के बाद उसकी पत्नी न रोए और उनके बच्चे का पूरा खयाल रखे। उसे किसी भी तरह के दुख से दूर रखे। हालांकि खत में लिखी गई बातें अफजल की निजी बातें है और जेल अधिकारियों ने इसे सार्वजनिक करना उचित नहीं समझा।

बताया जाता है कि फांसी पर लटकने से पहले अफजल ने वो खत जेल अधिकारियों को देकर कहा था कि इसे सही सलामत उसके परिवार तक पहुंचा दिया जाए। लेकिन अब तक वह खत कश्मीर घाटी तक पहुंचा है या नहीं इस बात की जानकारी नहीं मिल पाई है। अधिकारियों ने बताया कि खत काफी सादगी और स्वच्छ भाषा में लिखा गया था।

इस बीच, अफजल की पत्नी ने हुर्रियत कंट्टरपंथी संगठन के नेता सईद अली शाह गिलानी से फोन पर बात करके अपने पति के शव को वापस लाने के मामले में मदद की मांग कर रही हैं। परिवार ने मांग की है कि उन्हें अफजल गुरु का अंतिम संस्कार करने की इजाजत मिलनी चाहिए।

इससे पहले अफजल की पत्नी ने पुलिस प्रशासन से अफजल का सभी सामान लौटाने की गुहार लगाई थी। तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने बताया कि 2001 में संसद पर हुए हमला मामले में दोषी ठहराए गए अफजल गुरु को 8 फरवरी की शाम को बताया गया कि उसे कल सुबह फांसी दे दी जाएगी। अपना नाम जाहिर नहीं होने देने की शर्त पर अधिकारी ने कहा कि जब उसे फांसी की जानकारी दी गई तब वह शांत और प्रतिक्रिया विहीन था। उसने इच्छा जाहिर की कि वह अपनी बीवी को खत लिखना चाहता है। जेल अधीक्षक ने उसे कलम और कागज दिया।

अधिकारी ने बताया कि उसने उर्दू में खत लिखा जिसे उसी दिन कश्मीर में रह रहे परिवार के पते पर भेज दिया गया। जब घाटी के सोपोर में रह रहे उसके परिवार से खत के बारे में पूछताछ की तो उन्होंने कहा कि अभी तक उन्हें यह खत नहीं मिला है।

अफजल गुरु के चचेरे भाई यासीन गुरु ने बताया,हमें अभी तक कोई खत नहीं मिला है। आज जो खत हमें मिला है वह शायद उसकी फांसी दिए जाने की जानकारी से संबंधित है।

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