कुंभ नगर (जासं, इलाहाबाद)। सेक्स स्कैंडल में फंसे स्वामी नित्यानंद को महामंडलेश्वर की पदवी दिए जाने से हंगामा खड़ा हो गया है। संतों ने इस पर घोर आपत्ति दर्ज कराई है। नित्यानंद का शाही स्नान में विरोध करने की चेतावनी दी गई है। निरंजनी अखाड़े ने खुली बैठक कर महानिर्वाणी अखाड़े को आड़े हाथ लिया है। कहा कि नित्यानंद के निर्दोष साबित हो जाने तक इंतजार करना चाहिए था।
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत ज्ञानदास इस फैसले से भड़के हुए हैं। उनका कहना है कि साधु-संतों के बीच कैसे लोगों को शामिल किया जा रहा है। इसी बीच महानिर्वाणी अखाड़े के महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि नित्यानंद पर जांच के बाद आरोप सिद्ध हुए तो पदवी वापस ले ली जाएगी।
ज्ञातव्य है कि महानिर्वाणी अखाड़े ने मंगलवार की देर शाम को जेल की हवा खा चुके स्वामी नित्यानंद को गुपचुप तरीके से महामंडलेश्वर की पदवी दे दी थी। इस कार्यक्रम में परंपरा अनुसार अन्य अखाड़ों को नहीं बुलाया गया था। निरंजनी अखाड़े ने बुधवार को खुली बैठक में काफी संख्या में साधु-संत शामिल हुए। उन्होंने कहा, प्रयाग की धरती पर नित्यानंद का पट्टाभिषेक कर अखाड़े ने बहुत बड़ा अपराध किया है। गलत कार्यो में लिप्त आरोप व्यक्ति को महामंडलेश्वर नहीं बनाया जाना चाहिए था। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। महामंडलेश्वर परिषद के महामंत्री संगठन स्वामी यतींद्रनंद गिरि ने कहा कि आरोपी व्यक्ति को संत की पदवी नहीं दी जा सकती है।
अखाड़ों की बैठक बुलाई जाएगी
दुर्गादास उदासीन बड़ा पंचायती अखाड़ा के सचिव महंत दुर्गादास ने कहा कि स्वामी नित्यानंद को महामंडलेश्वर बनाए जाने के मसले पर जल्द ही सभी अखाड़ों की बैठक बुलाई जाएगी। महामंडलेश्वर सम्मानजनक पद है। इस पर निर्विवाद व्यक्ति को बैठाया जाना चाहिए।
कराई जाए जांच : माधवदास
अनी अखाड़ों के प्रधानमंत्री महंत माधवदास ने कहा कि जिस प्रकार राधे मां को महामंडलेश्वर बनाए जाने पर जांच कमेटी बैठी है। उसी प्रकार नित्यानंद के मामले में भी जांच समिति बना जाए। तब तक उसे अखाड़े से निलंबित रखा जाए।
नित्यानंद ने निरंजनी से भी किया था संपर्क
स्वामी नित्यानंद ने महामंडलेश्वर की पदवी के लिए पहले निरंजनी अखाड़े से संपर्क किया था। अखाड़े के सूत्रों ने बताया कि नित्यानंद के लोग कई बार आकर मिले थे।