चेन्नई। मुंबई हमले में शामिल रहे अजमल कसाब और संसद हमले के दोषी अफजल गुरु की फांसी के बाद अब कुख्यात चंदन तस्कर वीरप्पन के चार साथियों का नंबर लग गया है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इन चारों की दया याचिका खारिज कर दी है।
मानवाधिकार संगठन पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज, तमिलनाडु के महासचिव बालमुरुगन ने बुधवार को बताया कि इनके परिवारों को बेलगाम जेल के अधिकारियों ने दया याचिका खारिज होने की सूचना दी है। चारों फिलहाल बेलगाम जेल में ही बंद हैं। इनकी दया याचिका का निपटारा अफजल गुरु को फांसी दिए जाने के कुछ ही बाद किया गया। 1993 में लैंडमाइन विस्फोट मामले में गनानाप्रकाश, सिमोन, मीसाई मदैन और पिलावेंद्रन को सुप्रीम कोर्ट ने 2004 में फांसी की सजा सुनाई थी। कर्नाटक के पालर इलाके हुए इस विस्फोट में 22 लोगों की मौत हो गई थी। इससे पहले मैसूर में टाडा अदालत ने इन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। लेकिन सरकार ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। बता दें कि अक्टूबर 2004 में वीरप्पन को स्पेशल टीम ने मुठभेड़ में मार गिराया था।