महाकुंभ: आखिरी शाही स्नान पर उमड़ा आस्था का जनसैलाब

vsntpnchmikumbh 2013-2-15कुंभनगर, जागरण संवाददाता। मौनी अमावस्या के बाद शुक्रवार को अंतिम शाही स्नान है। सुबह से ही स्नान के लिए संगम में श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। पिछले शाही स्नान के दौरान हुए हादसों के मद्देनजर इस बार सभी अखाड़ों के महामंडलेश्वरों ने वसंत पंचमी के शाही स्नान में रथ पर निकलना और बैंड बाजों पर रोक लगा दी थी। वहीं स्नान को लेकर प्रशासन ने चौकसी और बढ़ा दी गई है। अब तक करीब एक करोड़ श्रद्धालुओं ने स्नान कर लिया है।

हालांकि मौनी अमावस्या हादसे से श्रद्धालुओं के गंगा प्रेम पर कोई असर नहीं नजर आता। कुंभ क्षेत्र में आने वालों का तांता लगा है। एक करोड़ लोग मेला क्षेत्र में पहुंच चुके हैं। वसंत पंचमी के साथ ही कुंभ का आज आखिरी शाही स्नान भी है। इसे देखते संगम पर लाखों लोगों ने रात में ही डेरा डाल दिया है। प्रशासन का दावा है कि वसंत पंचमी स्नान के लिए अब तक की सबसे बेहतर व्यवस्था है। दो करोड़ श्रद्धालुओं के स्नान के लिए जुटने का अनुमान है।

अब तक वसंत पंचमी स्नान पर्व की तैयारी में अपेक्षाकृत मौनी अमावस्या स्नान पर्व की तरह सुविधाएं नहीं रहती थीं। यानी वसंत पंचमी स्नान पर्व में कुछ सुविधाओं की कटौती कर दी जाती थी। मगर इस बार श्रद्धालुओं की सुविधाओं में कोई कटौती नहीं की गई है। यात्रियों के आवागमन की सुविधा के लिए राज्य सड़क परिवहन निगम ने इस बार सावधानी बरतते हुए गुरुवार की रात में ही साढ़े तीन हजार बसों को हॉल्ट करा देने का निर्णय लिया है, जिससे जाम की स्थिति पैदा न हो और श्रद्धालुओं को आराम से बसें भी मिल जाएं। उसी तरह रेलवे ने भी इस बार अपने यात्रा रूट को स्पष्ट कर दिया है, जिसे मौनी अमावस्या स्नान पर्व पर ठीक से नहीं दर्शा पाया था। मेला क्षेत्र कंट्रोल रूम, रेलवे कंट्रोल रूम, इलाहाबाद जिला कंट्रोल रूम एवं परिवहन निगम एवं रेलवे विभाग की समन्वय समिति गठित की गई है, जो पल-पल की जानकारी से एक-दूसरे को अवगत कराते रहेंगे।

रेलवे ने झांसी, सतना, कानपुर, मुगलसराय की ओर जाने वाले यात्रियों के लिए जंक्शन से सामान्य ट्रेनों के अलावा 31 विशेष ट्रेनें चलाने का निर्णय लिया है। मेलाधिकारी मणि प्रसाद मिश्र के मुताबिक बाहर से आने वाले यात्रियों के लिए 22 घाट तैयार किये गए हैं। मौनी अमावस्या स्नान पर्व पर स्नान कराने के बाद जिस तरह स्नानार्थियों को जंक्शन भेज दिया गया था, इस बार संगम से स्नान कराने के बाद भीड़ को एकसाथ बाहर नहीं निकाला जाएगा। उन्हें छोटे-छोटे ग्रुप में बाहर निकाला जाएगा, जिससे जंक्शन या किसी दूसरे स्टेशन पर ज्यादा भीड़ न होने पाए। मेला क्षेत्र में करीब पांच सौ रैन बसेरा बनाए गए हैं, जहां पर स्नानार्थियों के ठहराने की पर्याप्त व्यवस्था रहेगी। एसएसपी मेला आरकेएस राठौर के मुताबिक पिछले हादसे को ध्यान में रखते हुए रूट डायवर्जन की फिर से मानीटरिंग की गई है। सभी प्रमुख स्थानों पर सुरक्षा के विशेष इंतजाम हैं।

हर घाट संगम :-

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक स्नानार्थियों को नहीं पता होता कि कौन सा घाट संगम है। भीड़ को बांटने के उद्देश्य के तहत श्रद्धालुओं को हर घाट को संगम बताने की प्लानिंग है, जिससे वह संगम पर जाने के संवरण से बच सकें। प्रयाग में हर घाट का संगम जैसा ही महात्म्य है।

इस तरह से रहेगा बसों का रूट :-

:-बस स्टेशन झूंसी से वाराणसी, आजमगढ़, गोरखपुर, बलिया, अंबेडकर नगर तथा मऊ के लिए 3775 बसें संचालित की गई हैं।

:-केपी कालेज से फतेहपुर, कानपुर, इटावा, आगरा, बरेली व झांसी आदि विभिन्न जिलों के लिए 840 बसें संचालित होंगी।

:-नैनी में बेथनी कान्वेंट स्कूल के सामने, जेल के पीछे बस स्टेशन अरैल से मीरजापुर, राबटर््सगंज, सोनभद्र, शक्तिनगर एवं हनुमना आदि के लिए चलेंगी।

:-सिविल लाइंस बस अड्डे से प्रतापगढ़, रायबरेली, सुल्तानपुर, फैजाबाद, गोंडा, बहराइच, बलरामपुर, श्रावस्ती, लखनऊ तथा हरदोई आदि जिलों के लिए 975 बसें संचालित हैं।

ऐसे होगा रेलों का संचालन :-

:-प्रयाग स्टेशन से उतरकर आने वाले श्रद्धालु स्नान करने के बाद दारागंज के पास वाले रेलवे स्टेशन प्रयाग घाट से ट्रेन पकड़ेंगे। यहां पर छह प्लेटफार्म बनाए गए हैं। यहां से फैजाबाद, अयोध्या, सुल्तानपुर और प्रतापगढ़ के लिए ट्रेनें मिल जाएंगी।

:-नैनी रेलवे स्टेशन से मानिकपुर तथा सतना के लिए ट्रेनें जाएंगी।

:-रामबाग रेलवे स्टेशन, दारागंज एवं झूंसी रेलवे स्टेशन से बनारस और गोरखपुर की तरफ जाने वाली स्पेशल ट्रेनें मिलेंगी।

:-प्रयाग स्टेशन से लखनऊ की तरफ जाने वाली ट्रेनें मिलेंगी।

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