नई दिल्ली। दया याचिकाओं के निपटारे में आई तेजी के बीच गृह मंत्रालय ने सात मामलों से जुड़ी नौ लोगों की दया याचिकाएं राष्ट्रपति के पास भेजी हैं। इनमें हरियाणा के बहुचर्चित रेलूराम पुनिया हत्याकांड में दोषी सोनिया और संजीव के अलावा इसी राज्य के धर्मपाल की याचिकाएं शामिल हैं।
राष्ट्रपति बनने के बाद प्रणब मुखर्जी फांसी पर लटकाए जा चुके अजमल कसाब और अफजल गुरु समेत आठ दया याचिकाओं का निपटारा कर चुके हैं। राष्ट्रपति ने सौतेली मां, बहन और भाई की हत्या के दोषी दिल्ली के अतबीर की फांसी की सजा को ही उम्रकैद में बदला है। बाकी याचिकाएं राष्ट्रपति द्वारा खारिज की जा चुकी हैं जिनमें सैबन्ना निंगप्पा नाटिकर [पत्नी और बेटी की हत्या का दोषी] और वीरप्पन के सहयोगी गणप्रकाश, सिमॉन, मीसाई मदैयन और पिलावेंद्रन की अर्जियां शामिल हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 10 वर्षो में 1,455 मामलों में मौत की सजा सुनाई गई है।
गृह मंत्रालय ने पिछले एक पखवाड़े में जिन सात दया याचिकाओं को राष्ट्रपति के विचारार्थ भेजी हैं उनमें तीन उत्तर प्रदेश, दो हरियाणा, और एक-एक उत्तराखंड और कर्नाटक के हैं। हरियाणा के धर्मपाल ने 1993 में एक युवती के साथ दुष्कर्म किया और फिर उसके परिवार के पांच सदस्यों की हत्या कर दी थी। इस मामले में उसे मौत की सजा दी गई थी। इसी तरह हरियाणा के पूर्व विधायक रेलूराम पुनिया की बेटी सोनिया और उसके पति संजीव को मां-बाप समेत अपने ही परिवार के आठ सदस्यों की हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया था। दंपति ने इस हत्याकांड को हिसार में वर्ष 2001 में अंजाम दिया था।
दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में उत्तराखंड निवासी सुंदर सिंह को मौत की सजा दी गई थी। वहीं उत्तर प्रदेश के जफर अली को वर्ष 2002 में पत्नी और पांच बेटियों की हत्या के मामले में मृत्यु दंड दिया गया था। उत्तर प्रदेश के ही गुरमीत सिंह को 17 अगस्त, 1986 में एक ही परिवार के 13 सदस्यों को मौत के घाट उतारने के मामले में दोषी ठहराया गया था। यूपी के एक अन्य मामले में सुरेश और रामजी को अपने भाई के परिवार के पांच लोगों की हत्या में मौत की सजा दी गई थी।
वेबसाइट से दया याचिका से जुड़ा पेज हटाया गया
नई दिल्ली। राष्ट्रपति कार्यालय की वेबसाइट से दया याचिकाओं से जुड़ा पेज हटा दिया गया है। इस पेज पर लंबित दया याचिकाएं और प्रणब मुखर्जी के राष्ट्रपति बनने के बाद जिन मामलों का निपटारा किया जा चुका है, उनका विवरण था। कसाब को पिछले साल नवंबर में फांसी देने के तुरंत बाद जोड़े गए इस पेज को अंतिम बार 11 जनवरी को सैबन्ना निंगप्पा की दया याचिका खारिज होने के बाद अपडेट किया गया था।