गीतिका ही नहीं, कई लड़कियां हुई कांडा की हवस की शिकार

kandas-success-and-failure-story-covers-with-womens-beauty 2013-2-16

वो कहते हैं न कि किसी भी आदमी की सफलता के पीछे एक औरत का ही हाथ होता है और आदमी के पतन के लिए भी एक औरत ही जिम्मेदार होती है। हरियाणा के पूर्व गृह मंत्री गोपाल कांडा की कहानी भी कुछ इसी सत्य को दोहराती है। गोपाल कांडा के जीवन में कई लड़कियां आईं और गईं। गोपाल कांडा को एक दुकानदार से एक बड़ा कारोबारी बनाने में जैसे लड़कियों की खूबसूरती ने एक अहम भूमिका निभाई है ठीक उसी तरह से उसे जमीन की सच्चाई दिखाने में भी औरतों का ही योगदान रहा है। अगर हम कांडा का शुरुआती जीवन देखें तो वह लड़कियों की खूबसूरती से ही घिरा हुआ पाया गया है। हालांकि कांडा ने एक बार बताया था कि उनपर बाबा ने टिप्पणी की थी कि उनका सर्वनाश एक महिला की वजह से ही होगा।

कांडा के जीवन में सिर्फ एयरहोस्टेस गीतिका शर्मा ही नहीं बल्कि ऐसी कई लड़कियां हैं जिनके साथ कांडा ने जिस्मानी रिश्ता बनाया था। कईयों को तो एक आम लड़की से कंपनी का डायरेक्टर तक बना डाला था। जब कंपनी डूबने के कगार पर आ गई थी तब भी कांडा ने अपनी फीमेल कर्मचारियों पर आंच तक नहीं आने दी थी।

गीतिका शर्मा हत्या मामले से जुड़ी अरुणा चड्ढा के बयान के मुताबिक कांडा को सिर्फ सेक्स की जरूरत थी। उसने सिर्फ सेक्स के लिए ही लड़कियों से रिश्ता बनाया था।

कांडा की तरक्की की दास्तान

कांडा की तरक्की की दास्तान का महत्वपूर्ण पहलू यह है कि उसमें कम उम्र महिलाओं का खासा योगदान रहा। खासी संख्या में कमसिन और खूबसूरत लड़कियों को नौकरी देकर कांडा उनके माध्यम से कौन से हित साधता था, इस पर आज भी कयास लगाए जा रहे हैं। लेकिन इन सब घटनाओं के बाद यह बात तो साफ हो गई है कि कांडा की तरक्की में लड़कियों का अहम योगदान था। साल 2007 में जब उसने एमडीएलआर एयरलाइंस कंपनी खोली थी, तब महज तीन विमानों के लिए 60 एयर होस्टेस रखी गई थीं। सभी एयर होस्टेस की भर्ती में कांडा ने खास दिलचस्पी ली थी। कुल 250 कर्मियों में 150 से ज्यादा महिलाएं ही थीं। साल भर में एयरलाइंस तो बंद हो गई लेकिन रखी गई 60 एयर होस्टेस को कांडा ने नौकरी से नहीं निकाला। उन्हें उसकी विभिन्न कंपनियों में स्थानांतरित कर दिया गया।

इन्हीं में से कुछ गोवा के कैसीनो में भेजी गई थीं, जिनमें नूपुर मेहता, गीतिका शर्मा, अंकिता सिंह भी थीं। इस बात की पुष्टि अंकिता की बहन श्वेता सिंह ने भी की है, वह भी कांडा की एयरलाइंस में एयर होस्टेस रह चुकी है।

गोपाल कांडा एक प्लेब्वॉय हैं और लड़कियों के लिए कांडा की दीवानगी का एक और सुबूत ये है कि उनकी कंपनियों में ऊंचे पदों पर ज्यादातर लड़कियां ही हैं। कांडा की 39 कंपनियों में से 20 में डायरेक्टर के पद पर लड़कियां हैं। नूपुर एमडीएलआर कंपनी में वाइस प्रेसीडेंट के पद पर काम करती थीं। गीतिका जब एयर होस्टेस बनने के लिए आई तो नूपुर ने ही उसका इंटरव्यू लिया था। उस समय गीतिका की उम्र मात्र 17 साल थी। इस पर उसे छह माह बाद आने के लिए कहा गया। गोपाल कांडा इस पूरे इंटरव्यू को अपने सीसीटीवी कैमरे से देख रहे थे।

दुकानदार से धनकुबेर बनने का सफर

कांडा का एक छोटे दुकानदार से अमीर कारोबारी बनने का सफर काफी रोमांचक है। कांडा का जीवन नॉवल बेचने और वीसीपी किराये पर देकर लोगों को फिल्म दिखाने से शुरू हुआ था। लेकिन देखते ही देखते कांडा के सितारे आसमां की बुलंदियां छूने लगा और वह अरबों के मालिक हो गया। आज कांडा के पास करोड़ों की संपत्ति और कई कंपनियां हैं।

गोपाल कांडा के एक क्लासमेट ने बताया कि वह गोपाल के साथ सातवीं क्लास में डबवाली रोड पर आरएसडी स्कूल में पढ़ता था। सातवीं के बाद गोपाल ने पढ़ाई छोड़ दी थी और वह नॉवल व कॉमिक्स बेचने लगा था। उसके बाद वह वीडियो कैसेट प्लेयर (वीसीपी) पर किराये पर फिल्में दिखाने लगा था। 1995 में उसने जूते-चप्पल की दुकान खोली और बाद में लोन लेकर जूते चप्पल बनाने का काम शुरू कर दिया। काम न चलने के कारण वह सिरसा छोड़कर 1998 में गुड़गांव चला गया था उसके बाद चल पड़ा कांडा की सफलता का सिलसिला। धीरे-धीरे कांडा रियल इस्टेट के धंधे से जुड़ गया और इस क्षेत्र ने कांडा को खूब पैसे कमा कर दिए। इसके बाद कांडा हरियाणा की राजनीति से जुड़ गए। इस बीच वह उस समय हरियाणा के सीएम पद पर आसीन मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के संपर्क में आए और कांडा पर उनकी कृपा बरसने लगी।

आज गोपाल कांडा के पास बेशुमार प्रॉपर्टी है। अब उसके पास सिरसा में रानियां रोड पर एक महलनुमा आलीशान कोठी, गुड़गांव के सिविल लाइंस में आलीशान कोठी, गुड़गांव-फरीदाबाद रोड पर एक बड़ा फार्म हाउस, तीन दर्जन से अधिक कंपनियां, कई होटेल, बार, गोवा में कसीनो आदि हैं।

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