दिल्ली पुलिस के एसीपी के ऑफिशियल मेल आईडी से फर्जी तरीके से भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली की कॉल डिटेल मांगने वाले गिरफ्तार कांस्टेबल ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है। गिरफ्तार कांस्टेबल अरविंद डबास ने पूछताछ में बताया है कि वह इस कॉल डिटेल के जरिए उत्तराखंड के प्रोपर्टी डीलर और जेटली के बीच संबंधों के बारे में जानना चाहता था।
जानकारी के मुताबिक दिल्ली पुलिस कांस्टेबल डबास का पैसा उत्तराखंड के एक प्रोपर्टी डीलर के पास फंसा हुआ है। इस पैसे को वापस करने के लिए प्रापर्टी डीलर ने डबास को जेटली से फोन कराने की बात कही थी। डबास ने बताया कि वह काल डिटेल से यह जानना चाहता था कि इन दोनों के बीच कोई संबंध है या नहीं। आशंका यह भी जताई जा रही है कि इस खेल में उत्तराखंड के कुछ नेता भी जुड़े हो सकते हैं।
पुलिस ने ईमले भेजने में प्रयुक्त लैपटॉप और हॉर्डडिस्क फॉरेंसिक जांच के लिए भेजी दी है। उस पर आरोप है कि उसने एसीपी (ऑपरेशंस) के ई-मेल को हैक करके मोबाइल कंपनी से जेटली का नंबर लिखकर कॉल डिटेल्स मांगी थीं। पुलिस अभी इस मामले में दो अन्य लोगों की भी तलाश कर रही है। इस मामले में पुलिस ने आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है।
हाई प्रोफाइल मामला होने की वजह से तुरंत इस मामले की जांच स्पेशल सेल को सौंपी गई है। वर्तमान में वह नई दिल्ली जिले के संसद मार्ग थाने में तैनात था और पिछले डेढ़ वर्ष से ड्यूटी से अनुपस्थित चल रहा था। पूछताछ में आरोपी सिपाही के देहरादून के दो भाजपा नेताओं से संपर्क होने की बात सामने आई है। हालांकि इस मामले में उनकी क्या भूमिका है, इसकी जांच की जा रही है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि जांच में पता चला कि यह ईमेल नोएडा के एक ऑटोमोबाइल वर्कशाप से भेजा गया है। जिस एसीपी की ईमेल आइडी का प्रयोग किया गया था, उनसे भी पूछताछ की जा रही है।